जोधपुर जो राजस्थान के नीले शहर से परसिद्ध है। बहुत ही सुंदर शहर है जोधपुर, जोधपुर की जगह भी उतनी ही खूबसूरत है। राव जोधा का शहर जोधपुर राजस्थान की कला को परभाषित करता है। जोधपुर में देखने लायक बहुत सारी जगह है जैसे
मेहरानगढ़ किला
उमेद भवन
जसवंत थड़ा
मंडोर आदि।
कला और प्रकृति का सुंदर सुमेल है उमेद भवन पैलेस।
उमेद भवन ताज होटल का ही एक अंग है।
वर्तमान में उम्मैद भवन पैलेस के मालिक गज सिंह है।
उमेद भवन का नाम कैसे पड़ा?
इस का नाम इसके संस्थापक महाराजा उम्मेद सिंह के नाम पर रखा गया है। यह भवन चित्तर पहाड़ी पर स्थित है। जिस कारण इसको पहले 'चित्तर पैलेस' के रूप में भी जाना जाता था।
उमेद भवन का निर्माण कैसे किया गया ?
महल को तराशे गये बलुआ पत्थरों को जोड़ कर बनाया गया था। महल के निर्माण के दौरान पत्थरों को बाँधने के लिये मसाले का उपयोग नहीं किया गया था। यह विचार बड़ी संख्या में पर्यटकों को इस महल की ओर आकर्षित करती है।
उमेद भवन का वास्तुकार कौन था ?
इस सुंदर महल के वास्तुकार हेनरी वॉन, एक अंग्रेज थे।
महल का एक हिस्सा हेरिटेज होटल में परिवर्तित कर दिया गया है, जबकि बाकी हिस्सा एक संग्रहालय के रूप में है। गए।
इस लिए इस महल एव पैलेस के तीन भाग है जो निम्न लिखित है:
1. लग्ज़री ताज होटल : ताज ग्रुप ऑफ होटल्स द्वारा संचालित एक लग्जरी होटल है जो महल के बड़े हिस्से को होटल बना कर चलाती है। इस लग्जरी होटल में बहुत सारे फिल्म स्टार अपने फंक्शन यहां करवाते है।
रानी मुखर्जी , प्रियंका चोपड़ा, कैटरीना कैफ़, रवीना टंडन जैसे बहुत सारे सेलिब्रिटी अपने विवाह यहां उमेद भवन में करवाते है। लग्जरी होटल होने के साथ साथ उमेद भवन ट्रेडिशनल लुक वे प्रधान करता है। खूबसूरती की उत्तम मिसाल है उमेद भवन पैलेस। इस लिए सेलिब्रिटी की पहली पसंद है यह हेरिटेज होटल।
2. शाही परिवार के लिए महल का एक हिस्सा : वर्तमान शाही परिवार जिसमें महाराजा गज सिंह और महारानी हेमलता राजे शामिल हैं, उनके बेटे युवराज शिवराज सिंह, उनकी पत्नी और उनके दो बच्चों के साथ, उम्मेद भवन पैलेस के एक हिस्से में रहते है।
3. संग्रहालय : महल का एक हिस्सा संग्राहालय के रूप में है, जो आम पब्लिक देख सकती है।
संग्रहालय के खुलने का समय सुबह 9 बजे से शाम 5 तक।
इस में बहुत सारी सुंदर वस्तु संभाल कर रखी होई है। इस संग्रहालय में बहुत सारी पुरातन वस्तुओं का संग्रह है। जिन्हे देखकर प्राचीन सभ्यता की विशालता का पता चलता है।
चितर पहाडी पर होने की वजह से इस भवन से शहर का दृश्य बहुत सुन्दर दिखता है। इसे दृश्यों को बियान करने के लिए शबद कम पड जाते है।
भवन में बाग-बगीचे का प्रबंध भी उत्तम है। चलने के लिए फुटपाथ भी बहुत सुंदर है। बगीचे का रख रखाव बहुत अच्छा है। बगीचे में बैठ कर पंछियों की चहचहाहट को सुन कर मन को बहुत शांति मिली।
भवन की निकाशकारी देखे ही बनती है। बिना मसाले के बलुआ पत्थरों को जोड़ कर बनाए उमेद भवन की निकाशकारी उत्तम श्रेणी की है।
इस विशाल महल को देख कर हम वापस गेस्ट हाउस आ गए।
धन्यवाद।