ब्रह्मा-विष्णु-महेश एक हि लिंग मे तीनो देवता .. कन्याकुमारी का स्थानुमलयन मंदिर

Tripoto
4th Feb 2023
Photo of ब्रह्मा-विष्णु-महेश एक हि लिंग मे तीनो देवता .. कन्याकुमारी का स्थानुमलयन मंदिर by Trupti Hemant Meher
Day 1

कन्याकुमारी का स्थानुमलयन मंदिर अपनी अद्भुत संरचना के लिए जाना जाता है। सबसे पहले मंदिर का प्रमुख आकर्षण यहाँ निर्मित सफेद रंग का गोपुरम है। 134 फुट ऊँचे इस गोपुरम में अनेकों देवी-देवताओं की प्रतिमाएँ उकेरी गई हैं।

भारत की मुख्य भूमि के दक्षिणतम छोर पर स्थित तमिलनाडु के कन्याकुमारी से करीब 13 किमी दूर सुचिन्द्रम में स्थानुमलयन / थानुमलयन नामक एक प्राचीन मंदिर स्थापित है। यहाँ भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महादेव तीनों विराजमान हैं और वो भी लिंग स्वरूप में। मंदिर अपने म्यूजिकल पिलर्स (स्तंभ) के लिए भी जाना जाता है। इन स्तंभों को थपथपाने पर संगीत की ध्वनि उत्पन्न होती है।

स्थानुमलयन मंदिर, सुचिन्द्रम का इतिहास
इस स्थान का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। पहले इस स्थान पर अरण्य नामक सघन वन हुआ करता था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस स्थान पर गौतम ऋषि के श्राप से मुक्त होने के लिए देवताओं के राजा इंद्र ने तपस्या करके गर्म घी से स्नान कर स्वयं को पापमुक्त किया था। उन्होंने अर्धरात्रि में पूजा प्रारम्भ की थी और पूजा संपन्न होने पर देवलोक को प्रस्थान किया था। तभी से इस स्थान का नाम सुचिन्द्रम पड़ा। यह नाम स्थल पुराण द्वारा दिया गया है।

स्थानु का अर्थ है भगवान शिव, मल का अर्थ है भगवान विष्णु और अय का अर्थ है ब्रह्मा जी, इस प्रकार जहाँ ये तीनों विराजमान हैं उस स्थान का नाम स्थानुमलयन पड़ा। तमिलनाडु का हिस्सा बनने से पहले कन्याकुमारी, त्रावणकोर राज्य का एक हिस्सा हुआ करता था। मंदिर का जीर्णोद्धार 17वीं शताब्दी में हुआ, लेकिन मंदिर के कई शिलालेखों से 8वीं और 15वीं शताब्दी में मंदिर के निर्माण की जानकारी मिलती है।

संरचना
कन्याकुमारी का स्थानुमलयन मंदिर अपनी अद्भुत संरचना के लिए जाना जाता है। सबसे पहले मंदिर का प्रमुख आकर्षण यहाँ निर्मित सफेद रंग का गोपुरम है। 134 फुट ऊँचे इस गोपुरम में अनेकों देवी-देवताओं की प्रतिमाएँ उकेरी गई हैं। मंदिर के दक्षिणी भाग में एक बड़ा जलकुंड है, जहाँ से मंदिर की गतिविधियों के लिए जल लाया जाता है। मंदिर के गर्भगृह के नजदीक भगवान विष्णु को समर्पित एक मंदिर है जहाँ उनकी अष्टधातु से बनी हुई प्रतिमा स्थापित है।

इसके अलावा गर्भगृह के दाईं ओर भगवान राम और माता सीता का मंदिर एवं बाईं ओर गणेश जी का मंदिर स्थापित है। मंदिर परिसर में ऐसे ही लगभग 30 छोटे-छोटे मंदिर हैं जो कैलाशनाथ, गरुड़ एवं मुरुगन स्वामी आदि को समर्पित हैं। मंदिर का प्रमुख आकर्षण है एक ही ग्रेनाइट पत्थर से बनाई गई हनुमान जी की लगभग 22 फुट की प्रतिमा। हनुमान जी के अलावा 21 फुट लंबी, 10 फुट चौड़ी और 13 फुट ऊँची एक ही पत्थर से बनी लगभग 900 वर्ष पुरानी नंदी की प्रतिमा भी श्रद्धालुओं का मन मोह लेती है। मंदिर के गर्भगृह में लिंग रूप में तीनों देवता (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) विराजमान हैं।

स्थानुमलयन मंदिर में 1035 स्तंभ हैं जिनमें से 18 फुट ऊँचे 4 ऐसे स्तंभ हैं जो म्यूजिकल पिलर्स या संगीत स्तंभ कहे जाते हैं। एक ही ग्रेनाइट पत्थर से बनाए गए ये स्तंभ थपथपाए जाने पर संगीत की ध्वनि उत्पन्न करते हैं। संगीत की यह ध्वनियाँ इतनी स्पष्ट हैं कि इन्हें सुनने पर ऐसा प्रतीत होता है मानो कोई कुशल संगीतकार किसी वाद्ययंत्र का उपयोग कर संगीत की धुन उत्पन्न कर रहा हो।

सुचिन्द्रम के इस मंदिर अपने त्योहारों के लिए भी जाना जाता है। 10 दिवसीय कार उत्सव यहाँ का प्रमुख त्योहार है जो दिसंबर अथवा जनवरी में मनाया जाता है। इसके अलावा अगस्त में अवनि उत्सव, अप्रैल में चितिराई उत्सव और मार्च में मासी उत्सव भी मंदिर के प्रमुख त्योहार हैं।

कैसे पहुँचे स्थानुमलयन मंदिर?
कन्याकुमारी पहुँचने के लिए नजदीकी हवाई अड्डा तिरुवनंतपुरम में स्थित है, जो सुचिन्द्रम के स्थानुमलयन मंदिर से लगभग 77 किमी की दूरी पर है। मंदिर से कन्याकुमारी रेलवे स्टेशन की दूरी लगभग 12 किमी है जो तमिलनाडु के प्रमुख शहरों से रेलमार्ग के द्वारा जुड़ा हुआ है। इसके अलावा तमिलनाडु और केरल के कई प्रमुख शहरों से राज्य परिवहन सेवा का उपयोग कर कन्याकुमारी पहुँच सकते हैं, जहाँ से सुचिन्द्रम पहुँचने के लिए कई स्थानीय साधन भी उपलब्ध हैं।

Photo of Suchindram Shree Thanumalayan Swamy Temple by Trupti Hemant Meher
Photo of Suchindram Shree Thanumalayan Swamy Temple by Trupti Hemant Meher
Photo of Suchindram Shree Thanumalayan Swamy Temple by Trupti Hemant Meher
Photo of Suchindram Shree Thanumalayan Swamy Temple by Trupti Hemant Meher