कपूरथला पंजाब का एक शहर है| कपूरथला जिला मुख्यालय भी है| कपूरथला शहर को कोटक राजपूतों ने गियारवीं शताब्दी में बसाया था| सरदार जस्सा सिंह आहलूवालिया ने 1772 ईसवीं में कपूरथला रियासत की स्थापना की| महाराजा जगतजीत सिंह कपूरथला के प्रसिद्ध राजा थे जिन्होंने 1890 ईसवीं से लेकर 1947 ईसवीं तक कपूरथला पर राज किया| 1949 ईसवीं में महाराजा जगतजीत सिंह की मृत्यु हो गई| महाराजा जगतजीत सिंह कला प्रेमी थे| महाराजा जगतजीत सिंह ने यूरोप, साउथ अमरीका, मोरोक्को, फ्रांस, स्पेन आदि देशों की यात्रा की थी| महाराजा फ्रैंच और स्पेनिश काफी अच्छी तरह से बोल लेते थे| महाराजा ने अपने राज्य में फ्रैंच भाषा को सरकारी भाषा बनाई| महाराजा जगतजीत सिंह को कला और ईमारतें बनाने का शौक था| महाराजा जगतजीत सिंह ने कपूरथला में बहुत खूबसूरत ईमारतें बनवाई जिस वजह से कपूरथला को पंजाब का पैरिस भी कहा जाता है| कपूरथला में बनी हुई खूबसूरत ईमारतें जैसे जगतजीत पैलेस, स्टेट गुरुद्वारा साहिब आदि की निर्माण कला पर फ्रांस की कला का प्रभाव दिखाई देता है|
मूरिश मस्जिद कपूरथला
पंजाब में जयादातर लोग अमृतसर घूमकर चले जाते हैं लेकिन पंजाब में देखने के लिए बहुत कुछ हैं, आज हम बात करेंगे पंजाब का पैरिस कहलाने वाले शहर कपूरथला में बनी हुई, एक खूबसूरत मस्जिद की जिसको मूरिश मस्जिद कहते हैं।
मूरिश मस्जिद कपूरथला
दोस्तों इस मस्जिद को समझने से पहले हमें अफ्रीका के एक खूबसूरत देश मोररको के बारे में जानना पड़ेगा, इस देश में एक शहर हैं मरकेश, उसमें एक खूबसूरत मस्जिद बनी हुई हैं जो गियारवी सदी में बनी हुई हैं, इसको ग्रैंड मस्जिद और कुतुबिया मस्जिद कहते हैं, दोस्तों मैं इतनी दूर अफ्रीका के मोररको देश देखने तो जा नहीं सकता, उसी खूबसूरत मस्जिद की प्रतिकृति (Replica) हैं मूरिश मस्जिद कपूरथला, गूगल पर आप दोनों की तसवीरें देख सकते हो , बिल्कुल एक जैसी हैं। इस खूबसूरत मस्जिद को कपूरथला के महाराज जगतजीत सिंह ने बनवाया था, जो 1930 ईसवी में तैयार हुई थी, इस पर उस समय 6 लाख रुपये का खर्च हुआ था। मूरिश मस्जिद की नककाशी बहुत खूबसूरत और शानदार हैं, मुझे इसकी ईमारत कला और बनावट बहुत आकर्षक लगी। मोररको की बनी हुई ईमारत अगर आप कपूरथला में देख सकते हो तो आपको जरूर देखनी चाहिए। कपूरथला शहर में बहुत सारी ईतिहासिक ईमारतें हैं जिसकी वजह से इसे पंजाब का पैरिस कहते हैं।
सटेट गुरूद्वारा साहिब कपूरथला
आपके सामने पंजाब के ईतिहासिक शहर कपूरथला में बने हुए सटेट गुरूद्वारा साहिब की पोस्ट हाज़िर है|
दोस्तों कपूरथला शहर को पंजाब का पैरिस भी कहा जाता हैं, यहां के राजा महाराजा को भवन निर्माण कला का बहुत शौक था, जिसकी उदाहरण सटेट गुरुद्वारा, सैनिक सकूल कपूरथला, मूरिश मस्जिद, पंच मंदिर, नया पैलेस आदि ईमारतें हैं। दोस्तों जैसे कि नाम से ही सपष्ट हैं यह गुरुद्वारा कपूरथला सटेट के साथ संबंधित हैं, आहलूवालिया मिसल के सरदार जस्सा सिंह आहलूवालिया ने 1780 ईसवीं में कपूरथला पर कब्जा करके कपूरथला को अपनी राजधानी बनाया। 26 अकतूबर 1872 ईसवीं में महाराजा जगजीत सिंह रियासत कपूरथला के सिंघासन पर बैठे, जिन्होंने कपूरथला में बहुत सारी ईतिहासिक ईमारतों का निर्माण करवाया कयोंकि उनको विद्या, कला, भवन निर्माण में बहुत रूचि थी। सटेट गुरूद्वारा की ईमारत भी उनके भवन निर्माण कला के प्रेम को प्रदर्शित करती हैं। इस शानदार गुरूद्वारे की ईमारत का निर्माण भी उन्होंने खास तरीके से करवाया। गुरूद्वारा साहिब की ईमारत को इटालियन भवन निर्माण की लुक दी गई जो मारबल से बनाई गई है। गुरूद्वारा साहिब की ईमारत बहुत खूबसूरत हैं, आसपास खूबसूरत बाग बना हुआ हैं। मुझे भी एक बार इस खूबसूरत गुरूद्वारे के दर्शन करने का मौका मिला। जब भी आप कभी पंजाब में कपूरथला आए तो इस शानदार गुरूद्वारे माथा टेकने जरूर जाना। सटेट गुरुद्वारा कपूरथला बस स्टैंड से आधा किमी और कपूरथला रेलवे स्टेशन से 1.5 किमी दूर हैं।
जगतजीत पैलेस- इस खूबसूरत पैलेस का निर्माण महाराजा जगतजीत सिंह ने 1908 ईसवीं में करवाया था| इसका डिजाइन फ्रांस के आर्कीटेक ने बनाया था| यह पैलेस महाराजा जगतजीत सिंह का रिहायशी महल था| टूरिस्ट के लिए इस पैलेस के अंदर जाना मना है| अब इस जगह को सैनिक स्कूल में तब्दील कर दिया गया है| यह खूबसूरत पैलेस कपूरथला की भवन निर्माण कला का अद्भुत नमूना है|
कपूरथला कैसे पहुंचे- कपूरथला पंजाब का जिला मुख्यालय है| आप रेलवे मार्ग से कपूरथला पहुँच सकते हैं | बस मार्ग से भी कपूरथला जालंधर, अमृतसर, चंडीगढ़ आदि शहरों से आ सकते हो| रहने के लिए आपको कपूरथला में हर बजट के होटल आदि मिल जाऐंगे|