पहाड़ों की एक अलग दुनिया होती है। पहाड़ में रहने वाले लोगों के लिए पहाड़ ही लाइफलाइन होते हैं। इसी पहाड़ी दुनिया की खूबसूरती को देखने के लिए दौड़े चले आते हैं। पहाड़ हमें सिखाते हैं कि बड़ा होने पर भी हमें सरल रहना चाहिए। उत्तराखंड ऐसे ही सरल और खूबसूरत पहाड़ों के लिए जाना जाता है। सैलानी हर मौसम में उत्तराखंड की सुंदरता में कुछ दिन बिताने के लिए जाते रहते हैं। इसी उत्तराखंड में ऐसे कई सीक्रेट डेस्टिनेशन हैं जिनके बारे में कम लोगों को पता है। अनजान जगहें अक्सर खूबसूरत होती हैं। ऐसी ही बेपनाह खूबसूरती वाली जगह है, उरगम वैली।
उरगम घाटी चमोली जिले के जोशीमठ के पास में है। समुद्र तल से 2,100 मीटर की ऊँचाई पर स्थित इस घाटी से बर्फ से ढंकी हुई चोटियां दिखाई देती हैं। उरगम वैली में कल्प गंगा नदी बहती है जो इस जगह को और भी खूबसूरत बनाती है। ये घाटी वी के आकार की है। यहाँ पर कज्पेश्वर मंदिर समेत कई धार्मिक स्थल भी हैं जिनको आप देख सकते हैं। उगर घाटी से दिखाई देने वाला नजारा अमूल्य है, यहाँ के लोग भी बहुत प्यारे हैं जो इस जगह को सुंदर बना देते हैं। अगर आप मुसाफिर हैं तो आपको उतराखंड की उरगम घाटी जरूर जाना चाहिए।
क्या करें?
उरगम वैली खूबसूरत नजारों से भरी हुई है। यहाँ देखने और करने को बहुत कुछ है। आप यहाँ 1-2 दिन नहीं बल्कि कई दिन रहना चाहिए। ऐसी खूबसूरत जगह से वापस जाने का किसी का मन नहीं करेगा।
1. एक्सप्लोर
उरगम वैली में कई गांव आते हैं जिनमें दुमक, सलनाम, ल्यारी और देवग्राम शामिल हैं। उरगम वैली जो आज भी मॉडर्न लाइफस्टाइल से कोसों दूर हैं। जहाँ आपको असली पहाड़ी गांव और लोग मिलेंगे। जिनकी अपनी अलग दुनिया है। पैदल चलते हुए आपको उरगम वैली के ऐसे नजारे देखने को मिलेंगे जो आपको कहीं और नहीं मिलेगी। यहाँ से आपको हाथी पहाड़ औली के पहाड़ भी दिखाई देंगे। पहाड़ी गांवों को समझने और जानने के लिए उरगम वैली एकदम परफेक्ट जगह है।
2. ध्यान बद्री
उरगम घाटी में पंच बद्री और पंच केदार दोनों के मंदिर हैं। कहा जाता है कि ध्यान बद्री में भगवान विष्णु ध्यान किया करते थे। यहीं पर पंच केदार में से एक कल्पेश्वर महादेव मंदिर है। कल्पेश्वर मंदिर उरगम वैली के देवग्राम में स्थित है। आप पैदल ही इस जगह तक आराम से पहुँच सकते हैं। इसी उरगम वैली में हजार साल पुराना पेड़ है। यहाँ के स्थानीय लोग इसे क्षेत्रपाल और भूमिरक्षक के नाम से जानते हैं। आप उरगम वैली जाएं तो इन जगहों पर जरूर जाएं।
3. कल्प गंगा
कहा जाता है कि जिस जगह पर नदी होती है, वहाँ पर देखने के लिए बहुत कुछ होता है। उरगम वैली में पहाड़ और नदी दोनों हैं तो सोचिए, ये जगह कितनी खूबसूरत होगी। उरगम घाटी से कल्प गंगा बहती है। पहाड़ों के बीच नदी का होना खूबसूरत होता है। आप कल्प गंगा के किनारे जाकर इस खूबसूरत नजारों को निहार सकते हैं। यहाँ घंटों बैठ सकते हैं या फिर पैदल-पैदल नदी किनारे चल सकते हैं।
4. एडवेंचर
अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं तो इसके लिए उरगम घाटी एकदम सही जगह है। यहाँ पर आप हाइकिंग, कैंपिंग और ट्रेकिंग कर सकते हैं। उरगम वैली से कई ट्रेक शुरू होते हैं। जिसमें उरगम वैली से सोना शिखर का 6 दिन का ट्रेक, पंच केदार ट्रेक और रूद्रनाथ समेत कई ट्रेक शामिल हैं। ट्रेकिंग के दौरान आपको उरगम वैली के खूबसूरत नजारे देखने को मिलेंगे। आप इनमें से किसी एक ट्रेक को अपनी क्षमता और अनुभव के हिसाब से कर सकते हैं।
5. फेस्टिवल्स
अगर आपको पहाड़ों के कल्चर और परंपरा को जानना और समझना है तो यहाँ होने होने वाले फेस्टिवल्स में शामिल होना चाहिए। पहाड़ी फेस्टिवल्स में आपको लोकल ऑर्ट, फोक डांस देखने को मिलेंगे। उरगम वैली में 11 दिनों को शिव पार्वती विवाह होता है। इसके अलावा बंसीनारायण मेला, शिवरात्रि मेला, फालुनारायण मेला और मुखोटा डांस जैसे मेले होते हैं। इस दौरान स्थानीय लोग पहाड़ी वेशभूषा में रहते हैं जो उन पर खूब जचती है। आपको इनमें से किसी एक फेस्टिवल में जरूर शामिल होना चाहिए।
कैसे पहुँचे?
फ्लाइट सेः अगर आप हवाई मार्ग से उरगम वैली जाना चाहते हैं तो सबसे निकटतम देहरादून में जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है। देहरादून से उरगम वैली की दूरी लगभग 133 किमी. है। आप बस या टैक्सी बुक करके अपनी मंजिल तक पहुँच सकते हैं।
ट्रेन सेः यदि आप हवाई मार्ग से उरगम घाटी जाने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन देहरादून है। देहरादन से आप बस से उरगम घाटी आराम से पहुँच सकते हैं।
वाया रोडः उरगम घाटी वाया रोड अच्छी तरह से कनेक्टेड है। अगर आप खुद की गाड़ी से आ रहे हैं तो कर्णप्रयाग, चमोली और जोशीमठ होते हुए उरगम वैली पहुँच सकते हैं। इसके अलावा देहरादून, हरिद्वार से जोशीमठ के लिए आपको बस भी मिल जाएगी।
कब जाएं?
उरगम वैली वैसे तो आप कभी भी आ सकते हैं लेकिन बारिश के मौसम में पहाड़ों में न जाएं तो ही अच्छा रहेगा। उस समय पहाड़ खतरनाक हो जाते हैं। सर्दियों में यहाँ चारों तरफ बर्फ ही बर्फ दिखाई देगी। वहीं गर्मियों में मन मोहने वाली हरियाली दिखाई देती है। उरगम वैली आने का सबसे बेस्ट टाइम अप्रैल से जून और अक्टूबर से फरवरी तक का है। आप इस दौरान उरगम वैली एक्सप्लोर करने का प्लान बना सकते हैं।
कहाँ ठहरें?
उरगम वैली में आपको ठहरने की कोई दिक्कत नहीं होगी। उरगम घाटी के कई गांवों में होमस्टे हैं जिनमें आप ठहर सकते हैं। इन होमस्टे को आप ऑनलाइन बुक कर सकते हैं या वहीं जाकर बात कर सकते हैं। इसके अलावा आप जोशीमठ में ठहर सकते हैं। जोशीमठ मे आपको छोटे-बड़े हर प्रकार के होटल मिल जाएंगे। आप अपने बजट के हिसाब से ठहरने का ठिकाना चुन सकते हैं।
क्या आपने उत्तराखंड की उरगम वैली की यात्रा की है? अपने अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।
रोज़ाना Telegram पर यात्रा की प्रेरणा के लिए यहाँ क्लिक करें।