उत्तराखंड के इस पवित्र स्थान पर जब गंगा को बनते देखोगे, सुकून का असली मतलब समझ आ जायेगा

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Photo of उत्तराखंड के इस पवित्र स्थान पर जब गंगा को बनते देखोगे, सुकून का असली मतलब समझ आ जायेगा by We The Wanderfuls

आजकल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में एक चीज जिसकी हर किसी को तलाश है वो है सुकून ! इसी को ढूंढते हुए हम में से कई लोग पहाड़ों, नदियों या समुद्र किनारे जाते रहते हैं। आखिर क्यों नहीं, प्रकृति के बीच जाने से अच्छा और कोई विकल्प हो ही नहीं सकता सुकून को पाने का। आज के हमारे इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं एक बेहद पवित्र और पौराणिक जगह के बारे में जो आपको आध्यात्मिक तौर पर तो बेहद खास लगेगी ही साथ ही प्रकृति की इस खूबसूरती के साथ जब यहाँ आप पवित्र नदियों के संगम से माँ गंगा नदी को बनते हुए देखेंगे तो यकीन मानिये सुकून का असली मतलब समझ जायेंगे। तो चलिए बिना देर किये बताते हैं आपको इस अद्भुत जगह के बारे में...

देवप्रयाग

उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल जिले में स्थित देवप्रयाग अलकनंदा नदी के पांच प्रयागों में से एक है जहाँ अलकनंदा नदी का संगम भागीरथी नदी के साथ होता है और मिलकर बनती है सबसे पवित्र नदी गंगा। ऋषिकेश से सिर्फ 2 घंटे की दूरी पर स्थित इस अद्भुत शहर का इतिहास भगवान् राम से भी जुड़ा बताया जाता है। इसके साथ ही यह नगरी कितनी प्राचीन है इसका अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं की यहाँ का प्रमुख मंदिर जिसे रघुनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है वो करीब 10000 वर्षों पुराना बताया जाता है।

यहाँ अलकनंदा और भागीरथी के संगम के बीच बेहद सुन्दर घाट बना हुआ है जहाँ से आप इस अद्भुत संगम के मनमोहक नज़ारों को देखते हुए घंटों यहीं बैठे रह सकते हैं। यकीन मानिये ऐसा नज़ारा देखते हुए कब आपका कितना समय बीत जायेगा इसका आप अंदाज़ा भी नहीं लगा पाएंगे।

देवप्रयाग में संगम के अलावा दूसरी जगहें

देवप्रयाग में वैसे तो आप इस अद्भुत संगम को देखते हुए भी घंटो आसानी से बिता सकते हैं लेकिन फिर भी अगर आपके पास समय बच जाता है तो आपको यहाँ कि अन्य जगहों को भी देखना चाहिए जिसके बारे में जानकारी हम आपको बता देते हैं।

रघुनाथ मंदिर

जैसा हमने ऊपर आपको पहले ही बता दिया है कि यह मंदिर भगवान् राम को समर्पित है और इसे 10000 वर्षों पुराना बताया जाता है। मंदिर प्राचीन होने के साथ ही बनावट के तौर पर भी बेहद खूबसूरत है।

दशरथ शीला

बताया जाता है कि राजा दशरथ ने इसी स्थान पर तपस्या की थी जिस वजह से इस स्थान का नाम दशरथ शीला पड़ा।

सस्पेंशन ब्रिज

जब आप हाईवे से संगम की ओर जायेंगे तो आपको यहाँ बने सस्पेंशन ब्रिज को पार करना होगा। इस ब्रिज पर आप चाहे कितनी भी जल्दी में हो फिर भी नीचे तेज़ बहती भागीरथी नदी के नज़ारे के साथ तेज़ और ताज़ी हवाओं के बीच आपका कुछ देर रुकने का मन जरूर करेगा और इसी के साथ फोटोज लेने के लिए भी ये एक बेहतरीन स्थान है।

क्यूँकालेश्वर मंदिर

ऐसा बताया जाता है कि यह मंदिर आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा बनाया गया था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और मंदिर में भगवान शिव के साथ देवी पार्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय के दर्शन भी आप कर सकते हैं।

संगम घाट

संस्पेंशन ब्रिज से नीचे उतरकर आप अलकनंदा और भागीरथी के संगम पर बने घाट पर जा सकते हैं। यहाँ घाट काफी अच्छी अवस्था में बने हुए हैं और चारों ओर का नज़ारा वास्तव में बेहद अद्भुत दिखाई देता है।

जाने के लिए बेस्ट समय

देवप्रयाग जैसे तीर्थ स्थल पर जाने के लिए वैसे तो आपको समय देखने की जरुरत ही नहीं है इसलिए आप पूरे साल में कभी भी इस पवित्र नगरी की यात्रा कर सकते हैं। लेकिन मानसून के समय बेहद तेज़ बारिश में यहाँ लैंडस्लाइड वगैरह की वजह से रास्ते जाम या फिर बंद होने कि दिक्कत आ सकती है तो अगर आप इस मौसम में जा रहे हैं तो जिस दिन मौसम खुला रहे उसी दिन जाने का प्लान कर सकते हैं। और अगर बात करें बेस्ट समय कि तो अक्टूबर से मार्च का समय यहाँ जाने के लिए बेस्ट रहेगा।

कैसे पहुंचे?

हवाई मार्ग से

अगर आप हवाई मार्ग से यहाँ पहुंचना चाहते है तो आपको बता दें कि देहरादून एयरपोर्ट देवप्रयाग से सबसे निकटतम हवाई अड्डा है जिसकी दूरी देवप्रयाग से करीब 85 किलोमीटर है। देहरादून से फिर आप आसानी से बस या टैक्सी वगैरह से साथ देवप्रयाग पहुँच सकते हैं। देहरादून के लिए आपको देश के अन्य बड़े शहरों से आसानी से फ्लाइट मिल जाएगी।

रेल मार्ग से

अगर आप ट्रेन से देवप्रयाग आने कि सोच रहे है तो इसके लिए सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश रहेगा। ऋषिकेश या हरिद्वार के लिए आपको ट्रेन देश के सभी मुख्य शहरों से आसानी से मिल जाएगी। ऋषिकेश पहुंचकर आप देवप्रयाग के लिए बस या टैक्सी कर सकते हैं। आपको बता दें कि ऋषिकेश से देवप्रयाग कि दूरी सिर्फ 70 किलोमीटर है।

सड़क मार्ग से

देवप्रयाग पहुँचने के लिए अगर सबसे अच्छे मार्ग कि बात करें तो यह सड़क मार्ग होगा। उत्तराखंड की बाकी जगहों से देवप्रयाग अच्छी तरह से जुड़ा है और साथ ही देश के अन्य राज्यों से भी आप ऋषिकेश आसानी से अपने वाहन या फिर टैक्सी वगैरह से आसानी से पहुँच सकते हैं। फिर ऋषिकेश से बद्रीनाथ रोड पर चलते हुए करीब 70 किलोमीटर दूर आप आसानी से देवप्रयाग पहुँच सकते हैं।

ऋषिकेश से देवप्रयाग

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तो हमारी हाल ही में कि गयी देवप्रयाग कि यात्रा में मिली जानकारियों को हमने इस लेख में आप सब से साझा करने की कोशिश की है। अगर आपको हमारी ये कोशिश अच्छी लगी तो कृपया इस आर्टिकल को लाइक जरूर करें और साथ ही ऐसी अन्य जानकारियों के लिए आप हमें फॉलो भी कर सकते हैं।

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