बहुत लोगों ने भारत में घूमी जाने वाली अपनी पसंदीदा जगहों की सूची शेयर की है | इन सूचियों में एक जैसी ही जगहें बार बार देखने को मिलती हैं और भारत की अन्य सुंदर जगहें छूट जाती हैं | तो मैंने इंटरनेट पर भारत की सबसे कम पसंद की जाने वाली जगहों के बारे में खोज शुरू की | आश्चर्य की बात है (या यूँ कहें की नहीं है) कि ज़्यादातर इंटरनेट पोल में बिहार को सबसे कम पसंदीदा दर्शाया गया है | इसीलिए मैंने बिहार घूमने का कार्यक्रम बनाया | बिहार घूमते हुए मैंने ऐसी ऐसी चीज़ें देखी कि मैं आपको कभी भी बिहार घूमने की सलाह नहीं दूँगा |
1. धर्म के लिए यहाँ कोई जगह नहीं है
दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण बौद्ध तीर्थ स्थलों में से एक की यात्रा कोई क्यों करना चाहेगा? आखिरकार, ये जगह केवल उस स्थान के आधार पर ही तो जानी जाती है जहाँ बुद्ध ने पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे आत्मज्ञान प्राप्त किया था।
सिखों के अंतिम धर्म गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी की पटना में स्थित जन्मस्थली पर कौन ही जाना चाहेगा, है ना ?
500 ईसा पूर्व जिस जगह पर भगवान महावीर ने अपनी आख़िरी साँसें ली थी वो धार्मिक दृष्टि से क्या ही महत्व रखता होगा, क्यों?
बताइए, अब थाई मठ का भारत में क्या काम? शायद थाई सरकार को कोई सनक चड़ गयी और भारतीय भिक्षुओं की मदद से उन्होंने सन 1957 में यहाँ एक मठ बनवा दिया |
2. भारत के समृद्ध इतिहास में कोई योगदान नहीं
भारत में सबसे कम साक्षरता दर होते हुए बिहार का भारतीय ग्यान के भंडार में कोई योगदान नहीं हो सकता और यहाँ भारत का सबसे पुराना विश्वविद्यालय तो बिल्कुल नहीं हो सकता |
आर्यनों के समय का योग मंदिर? वो भी बिहार में? हो ही नहीं सकता|
मुगल तो इस सर्कस जैसे राज्य से दूर ही रहे होंगे
बिहार हाल ही में ध्वस्त हुई अर्थव्यवस्था का अवशेष है | तो 200 से 750 ईस्वी में यहाँ बना भारत का सबसे ऊँचा बौध स्तूप क्या ही महत्व रखता होगा |
यहाँ कौन ही देवी-देवता पैदा हुआ होगा? सीता कौन ही थी ? भारत में कई सौ साल पुराने जानकी मंदिर का क्या काम?
3. रोमांचक गतिविधियों के शौकीनों के लिए यहाँ कुछ नहीं है
केविंग कोई रोमांचक काम थोड़े ही है |
ट्रेकिंग तो हिमाचल में होती होगी | ट्रेकिंग के मामले में बिहार तो दूर-दूर तक नक्शे पर ही नहीं है |
वन्यजीव और जंगली सफारियाँ तो बिहार में हैं ही नहीं, कसम से!
भीम बाँध
4. प्रकृति और वन्यजीव प्रेमी तो यहाँ आने की सोचें भी ना
पक्षी तो उड़ सकते हैं, भला वो बिहार क्या करने आएँगे ?
अगर बिहार में ट्रेन में बैठे हों तो सुंदर नज़ारे नहीं बल्कि ग़रीबी नज़र आएगी |
5. बिहार में आपको दूर-दूर तक संस्कृति और सभ्यता नहीं मिलेगी
यहाँ के छठ के त्यौहार में तो कोई शामिल होना ही नहीं चाहता | समझ नहीं आता कि इस त्यौहार के दौरान इतने लोग बिहार क्यों पहुँच जाते हैं|
कला और बिहार का कोई वास्ता नहीं है
कभी बिहार से हथकरघा और हस्तशिल्प के बारे में सुना है? मैंने तो नहीं सुना |
क्या आप बिहार में भारतीय जनजातियों को ढूँढ रहे हैं तो बिहार से बाहर ही रहिए |
बिहार में कुछ अनोखा नहीं है |
यहाँ का खाना स्वादिष्ट नहीं है | पता नहीं क्यों देश के सबसे बड़े महानगरों के कोने-कोने में बिहारी खाने की दुकानें खुली हैं |
याद रहे, बिहार में देखी जा सकने वाली जगहों का कोई अंत ही नहीं है | स्थानों, स्मारकों, इमारतों और शॉपिंग माल से भरे इस राज्य में कौन ही आना चाहेगा |
भोजपुरी में कहते हैं "सारकाज़म बूझा तादा?" जिसका मतलब है "उम्मीद करते हैं कि आपको व्यंग्य समझ आता है |"
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