कश्मीर- क्यों दीवाने है सब इसके

Tripoto
24th Jul 2019
Photo of कश्मीर- क्यों दीवाने है सब इसके by krishna kumar

कश्मीर का नाम आते ही मन में दो तरह के ख्याल आते हैं लेकिन हम तो ठहरे घुमक्कड़ तो हमें सिर्फ कश्मीर की प्राकृतिक अपार सुन्दरता/रोमांच ही ध्यान में आता है, वाकई कश्मीर जन्नत है और अब वक्त था इस जन्नत को करीब से जानने के साथ इसको हमेशा के लिये आंखो में सजोने का । इस ट्रीप में डल लेक शिकारा राइड से लेकर चच्चा के बारबेक्यू से कश्मीर के लजीज वाजवान से गुलमर्ग की रोमांचक घुड़सवारी तक सबकुछ अल्टीमेट था ।

यात्रा कार्यक्रम-

कानपुर -जम्मू - कश्मीर

ट्रेन टिकट - कानपुर से जम्मू - 1340 रुपये (3टियर ए0सी)

टैक्सी - जम्मू से कश्मीर से जम्मू - 12000 रुपये (फुल बुक)

कश्मीर होटल - 750 प्रतिरुम (डल लेक के नजदीक)

निकटतम रेलवे स्टेशन- जम्मू-तवी रेलवे स्टेशन

निकटतम हवाई अड्डा- श्रीनगर हवाई अड्डा

Day 1

श्रीनगर

ट्रेन की यात्रा के बाद हम जम्मू से टैक्सी कर अपनी यादगार ट्रीप के लिये निकल लिये थे । इस ट्रीप में सबसे महत्वपूर्ण थे हमारे ड्राइवर साहब इमरान भाई क्या लाजवाब इंसान थे, शायद ये ट्रीप इनके बिना इतनी रोमांचक न हो पाती । हम लोगों ने डल लेक के पास में ही होटल लिया जिसकी लोकेशन काफी अच्छी थी, जो लेक पर ही था ।

Photo of Srinagar by krishna kumar

कश्मीर डल लेक

जल्दी से तैयार होकर हम होटल से शिकारा राइड के लिये निकल लिये । होटल के बाहर ही यादव भोजनालय पर हम लोगों ने हल्का-फुल्का खाना खाया, इस भोजनालय की खाने की गुणवत्ता काफी अच्छी है व शाकाहारी होने के कारण काफी भीड़ भी रहती है । शिकारे के लिये आप काफी मोलभाव कर सकते हैं । हम लोग शिकारे पर सवार होकर डल झील पर थे । अब समझ आ रहा था ये जन्नत क्यूं है, झील में खड़े हाउस-बोट हमारे सामने पुराने समय की फिल्मों के दृश्यों को जीवंत कर रहे थे ।

डल झील का नजारा

Photo of Dal Lake, Srinagar by krishna kumar
Photo of Dal Lake, Srinagar by krishna kumar
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डल झील पर चच्चा का बारवेक्यू

Photo of Dal Lake, Srinagar by krishna kumar
Photo of Dal Lake, Srinagar by krishna kumar
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मीना बाजार (तैरता बाजार डल लेक)

Photo of Dal Lake, Srinagar by krishna kumar
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Photo of Dal Lake, Srinagar by krishna kumar
Photo of Dal Lake, Srinagar by krishna kumar
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कुछ सफर के बाद हम पहुचे नेहरु पार्क जो कि झील के बीच में ही स्थित है। फिर इसके बाद सबसे ज्यादा रोमांचक था मीना बाजार का सफर, इस झील पर पूरी दुनिया ही बसी है । शिकारे वाले इमरान भाई ने बताया कि इस झील में करीब 1.5 लाख की आबादी काफी अन्दर तक बसे गांवों में निवास करती है । लोग इसी झील के उपर तैरते घरों पर रहते हैं लेकिन टूरिस्ट को इतना अन्दर जाने की इजाजत नहीं है । मीना बाजार देखकर हम हतप्रद थे । तैरते बाजार देखने हम कहां विदेश जाते है जो भारत में ही उपलब्ध है और कहीं ज्यादा सुन्दर । झील पर ही हम लोगों ने कश्मीर की कहवा का आनंद लिया । झील पर घुमते-घुमते ही आप को खाने पीने का सारा सामान मिल जायेगा । झील पर ही हम लोगों को मिले एक चच्चा जो शिकारे पर अपना बारबेक्यू चला रहे थे, हम लोगों ने आर्डर किया फिस व चिकन टिक्का । वाकई चच्चा के हाथों में जादू था तीन तरह की चटनी के साथ टिक्के ने हमारे सफर को और भी रंगीन कर दिया । शिकारे वाले इमरान भाई भी 02 से 03 घण्टे की राइड में हम लोगों से काफी घुलमिल गये थे । अब बाते काफी खुल के हो रही थी और इसी ने अगली राइड की पटकथा लिख दी ।

डल लेक

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Nehru park

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Day 2

श्रीनगर से गुलमर्ग

आज हम लोग जल्दी ही तैयार होकर चल दिये गुलमर्ग के लिये जिसकी श्रीनगर से लगभग 02 घण्टे की यात्रा है । गुलमर्ग पहुंचने से पहले ही इमरान भाई ने हम लोगों को कपड़े, घोड़ा आदि के किराये के मोलभाव के बारे में बता दिया था क्योंकि वहां आप अपनी टैक्सी से नहीं घूम सकते थे, वहां आपको आगे के लिये घोड़ा ही करना पड़ेगा । जैसे ही हम पहुंचे मौसम काफी खराब हो गया था इसलिये हम लोगों ने कपड़े व जूते ले लिये । जो आगे काफी काम आने वाले थे । जैसे आगे बड़े घोड़े वाले हम लोगों के पास आ गये रेट शुरु हुये 1600 से लेकिन काफी मोलभाव के 900 प्रतिघोड़ा जीरो पॉवइन्ट तक के लिये मिल गये । इनकी यूनियन होने के चलते आप से कोई और बात भी नहीं करेगा । यहां आपको टैक्सी/साइकिल भी मिलेगी लेकिन वो ज्यादा उपर तक नहीं जाती । इसलिये हम घोड़े पर सवार होकर निकल लिये अपने सफर पर, यहां हमारे घोड़े वाले मद्दसर भाई ने गाइड का भी काम किया । देवदार के लम्बे-लम्बे पेड़ों के जंगलों से होकर गुजरने का रोमांच ही अलग था लेकिन बारिश बहुत तेज हो रही थी इसलिये हम पेड़ो के नीचे रुक गये । जंगल के बीच बारिश के पानी का शोर और चारों ओर का सन्नाट हमें कुछ फिल्मी दुनिया में ले गया था ।

ऊपर पहुंच आप को ऐसा लगेगा कि आप बादल से भी ऊपर आये क्या शानदार वैली है इसकी छटा ही अलग है । वापस आते समय बारिश के पानी ने कई जगह नदी का रुप ले लिया था, उसको घोड़े से पार करना का एक अलग ही अनुभव था । यह सफर आपको आनंद और रोमांच से भर देगा ।

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वापसी में हम सेब के बाग में गये, यहां सभी पेड़ सेब से लदे थे जोकि बस कुछ दिन में पकने वाले थे या कुछ पक गये थे बाग वाले ने बाग देखने के लिये 10 रुपये का टिकट लगा रखा था । आज गुलमर्ग से वापस आने के बाद रात्रि में 8-30 बजे से फिर शिकारे की सवारी की और डल लेक पर पार्टी कर आनंद लिया । डल लेक पर रात्रि में घुमने का मजा ही कुछ अलग है । यहां आप बिल्कुल निश्चिन्त होकर घूम सकते हैं ।

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डल झील

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डल झील की शाम

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डल झील पर रात्रि

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शिकारे वाले इमरान भाई

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Day 3

शंकराजार्य मन्दिर से बॉटनिकल गार्डेन से परी महल से निशात गार्डेन

आज हमारा श्रीनगर का लोकल टूर था, सबस पहले हम गये शंकराचार्य मन्दिर ये वैली से काफी ऊचांई पर स्थित है यहां से श्रीनगर को निहारने का मजा ही कुछ अलग है । यहां से आप पूरी वैली को अच्छे से देख पायेंगे ।

डल लेक

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Photo of Shankaracharya temple, Srinagar, Durgjan, Srinagar by krishna kumar
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शंकराचार्य मन्दिर से डल झील का नजारा

Photo of Shankaracharya temple, Srinagar, Durgjan, Srinagar by krishna kumar

इसके बाद हम पहुंचे बॉटनिकेल गार्डेन, पहाड़ो के बीच स्थित इस गार्डेन ने दिल खुश कर दिया यहां खुबसूरती आप विडियो में देख पायेंगे । ट्यिलिप गार्डेन बन्द होने के कारण हम यहां नहीं जा सके । इसके बाद हम पहुंचे परी महल, नाम के अनुसार यह परियों के रहने लायक ही स्थान है गजब की प्राकृतिक सुन्दरता से समृद्ध है । आखिरी पड़ाव में हम पहुंचे निशात गार्डेन काफी बड़ा है जो रोड पर ही स्थित है एक ओर डल लेक व दूसरी ओर निशात गार्डेन गजब का रोमांच सबसे महत्वपूर्ण चिनार के पेड़ यहां की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं । कश्मीर लोकल टूर करने के बाद आज हमने प्लान बनाया कश्मीरी डिश वाजवान को चखने का । अब कश्मीर आकर यहां कि डिश न चखे तो घुमक्कड़ी किस बात के । अपने ड्राइवर इमरान भाई को बोला कि वाजवान खाना है वो भी डल लेक पर शिकारे में । रात्रि 08 बजे के आसपास हम लोग एक होटल से वाजवान पैक कराकर निकल डल लेक कि ओर । ये आज हमारी आखिरी रात थी कश्मीर में इसलिये हम इसे यादगार बनाना चाहते थे शिकारे वाले इमरान भाई ने भी हम लोगों को फुल सपोर्ट किया उनके इस सपोर्ट के बिना यह कर पाना असंभव था, वो हम लोगों से इतना घुलमिल गये थे कि उस दिन के पैसे भी नहीं ले रहे थे । श्रीनगर में डल लेक पर रात्रि में घुमने का अलग ही अनुभव था, इसको शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता । यह यादगार लम्हें अपने दिलो-दिमाग में समेट कर कल यहां से जाने वाले थे ।

Photo of कश्मीर- क्यों दीवाने है सब इसके by krishna kumar
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चिनार का पेड़

Photo of Nishat Bagh, Nishat, Srinagar by krishna kumar
Photo of Nishat Bagh, Nishat, Srinagar by krishna kumar
Photo of Nishat Bagh, Nishat, Srinagar by krishna kumar
Photo of Nishat Bagh, Nishat, Srinagar by krishna kumar

चिनार का पेड़

Photo of Nishat Bagh, Nishat, Srinagar by krishna kumar
Day 4

श्रीनगर से जम्मू

सुबह भोर में ही हम लोग होटल से निकल लिये कश्मीर की कभी न भूलने वाली यादों के साथ जम्मू के लिये ।सुबह से ही हल्की बारिश हो रही थी । वापसी में हम लोग पुलवामा से भी निकले जहां हमारे वीर शहीद हुये थे, उस स्थान पर गाड़ी स्लोकर नमन कर आगे बड़ लिये क्योंकि सेना उस हाई-वे पर रुकने नहीं दे रही थी । यहां तक कि जब हम ड्राई फ्रूट ले रहे थे तो भी उन लोगों ने जल्दी निकलने को बोला । कुछ दूरी पर आगे ही संगम नामक स्थान से हम लोगों ने क्रिकेट बैट लिये यहां जगह-2 फैक्ट्रियां लगी है । दुकान वाले ने हम लोगों को बल्ले की फैक्ट्री का भी भ्रमण कराया ।

इसके बाद बारिश तेज हो गयी थी, हम कुछ ही दूर चले थे कि बारिश की वजह एक स्थान पर लैंड स्लाइड हो गई जिसके कारण हाई-वे बन्द कर दिया गया हमें लगा अब तो फंस गये लेकिन बारिश रुकते ही कुछ घंटों में रास्ते को खोल दिया गया और इसी के साथ हमारे सफर का अन्त हो गया ।