Div(An Island) or Diu, it’s unbelievable how Portuguese colonized it for so long, but this is a place, to stop your pace of life. Island of Calm(Ilha de Calma), that’s what tourism department says. You must have seen it’s very impressive advert on TV or youtube. They have put astonishingly impressive video featuring all the places around this Island. This place has got serenity. So visit it before its crowded by tourists, just like Goa.
Diu has alcohol legal contrary to Gujrat. Gujjus come here to quench their thirst. It gives you a glimpse of Arabian sea which is more calm than east coast of India. It’s amazing feeling to know you have nothing in between you and Africa, except the Arabian Sea. If you want to experience the luxury of life, that too at a very small cost, feast on the Apna-foodland and watch a sailors life just on the connecting shore, where they anchor their ships and do daily chores.
Sunset and Sunrise makes you high.
सूर्योदय से पहले की लाली कुछ ऐसी होती है मानो सुर्य के स्वागत के लिए धरती पर फूल बरसाए हो
कभी दिव जाना हो तो हाशिम मियाँ(जो की काज़ी बाबा भी जाने जाते हैं) के साथ ज़रूर घूमना।
वो आपकी यात्रा को कुछ और शानदार बना देंगे। वैसे तो वो ऑटो चलाते हैं, लेकिन हाज़िरजवाबी कमाल की है। हैं दिव के लेकिन उनके शब्दों में “अखा लाइफ बॉमबे में कटी”। कभी दिव जाना हो तो हाशिम मियाँ(जो की काज़ी बाबा भी जाने जाते हैं) के साथ ज़रूर घूमना। वो आपकी यात्रा को कुछ और शानदार बना देंगे। वैसे तो वो ऑटो चलाते हैं, लेकिन हाज़िरजवाबी कमाल की है। हैं दिव के लेकिन उनके शब्दों में अखा लाइफ बॉमबे में कटी। पर दिव की शांति उन्हे वापस खींच लाई। अब वह परिवार से दूर यहाँ रहते हैं। उनका इस जगह क लिए बेहिसाब प्यार सॉफ झलकता है। हमारे देश की महानता का एक उदाहरण ये भी है।
काज़ी साहब ने हमे अर्ज़ किया की उन्हे दिव में सबसे अच्छी जगह लगती है गन्गेश्वर। ये सुदूर दिव पर ही एक समुन्दर के किनारे का छोर है जहाँ पर पाँच शिवलिंग पानी के किनारे है। यहाँ लोग अक्सर बिल्पत्र और नारियल चढ़ाते हैं। और जैसे ही शाम बढ़ती है, ज्वार-भाटे की लहरें उस चढ़ावे को लेकर समुद्र में समा जाती हैं।
मानो भगवान शिव खुद समुद्र को आदेश दे रहे हों और ये एहसास हाशिम मिया अथक उत्सुकता से सुनाते हैं। उनकी इस दिलचस्पी ने हमारे गन्गेश्वर दर्शन को और भी लाज़वाब बना दिया।
यह कितना अदभुत है की लाख भड़काऊ टट्टूओं को दरकिनार कर कौमी एकता हमारे देश में कहीं ना कहीं ज़िंदा है। यह सच है दंगे धर्मों की नही अधर्मियों की वजह से होते हैं।
अगर आपने नई वाली अग्निपथ फिल्म देखी है तो आपको याद होगा मांडवा गाँव और कुछ गुफ़ाएँ।
ये गुफ़ाएँ और गाँव दिव में ही हैं, और यह हमें बताया हाशिम मियाँ ने ही। यह गुफ़ाएँ किसी चमत्कार से कम नही है। इसकी शुरुआत जहाँ से होती है, वो अचंभा है। कभी कभी तो इन्हें देख के ऐसा लगता है की मानो इन्हें किसी ने बनवाया हो, लेकिन माना जाता है की ये पुर्तगालियों के निर्माण कार्यों के बाद का नतीज़ा है। पर दुर्भाग्या यह है की ये बियर पीने का अहाता बन गई हैं। आपको काली थैली लिए लोग यहाँ पेर लोग अक्सर दिख जाएँगे।
एक और खास बात है, यहाँ के आदमियों के दाँत, जिन्हे तहस-नहस किया है यहाँ के लोगों की हाइ डोज़ चूना-सुपारी तंबाकू ने, आपको अक्सर लोग इसे खाकर अपनी तलब मिटाते दिखेंगे।
This trip was first published on http://spunkeeh.com/.