मेरा अनुभव
हर हर महादेव.. पिछले साल में गया तो था नेपाल बस घूमने के मन से लकिन संजोग देखिये ठीक उसी समय महाशिवरात्रि होने के कारण काठमांडू में चहल पहल कुछ जयादा ही बढ़ गई थी,
अब यह तो मेरे लिए एक मोके से कम नहीं था .. बाबा पशुपतिनाथ के दर्शन करने का वह भी महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर .. अभी मुझे काठमांडू पहुंचे दो दिन हो चुके थे और ठीक दूसरे दिन महाशिवरात्रि थी तो मैंने मन बनाया की चलो इस महाशिवरात्रि पशुपतिनाथ में नतमस्तक होया जाये ... फिर क्या था में भी लग गया अगले दिन की दर्शन की तैयारियों में .. लकिन जैसे ही में रात में अपने कमरे से बहार निकला तो भाई यहाँ तो अभी से दूसरे दिन के लये लोग लाइन पर लगने सुरु हो गए हैं और लाइन भी किलोमीटरी लम्बी ... अब क्या था लाइन देख कर तो मुझे लगा की अब मेरा नंबर अब अगले दिन तक ही आएगा , वो तो सिस्टम अच्छा होने कारण लम्बी लाइन भी समय पर निपट गई , सवेरे चार बजे लाइन में लगने के बाद मेरा नंबर सुबह दस बजे कही जाकर आया !
हलाकि सामान्य दिनों की तुलना में महाशिवरात्रि के दिन पशुपतिनाथ मंदिर में ज्यादा ही भीड़ होती हैं और दर्शन कर के आप को सीधे बहार भेज दिया जाता हैं ,
कैसे करे पशुपतिनाथ में सुगम यात्रा ?
यहाँ पुरे भारत से शिव भक्त बाबा पशुपति के दर्शन के लिए पहुंचते हैं , लेकिन महाशिवरात्रि के दिन यहाँ बहुत ही ज्यादा लोग पहुंचते हैं , इससे बचने के लिए आप सुबह एक से दो बजे ही लाइन के लिए निकल जाये , तब जाकर कही आप का नंबर समय पर आएगा. पूजा सामग्री आप को पहले ही ले लेनी चाहिए ताकि एक बार लाइन में लगने के बाद आप को बहार निकलना न पड़े .
बेहतर होगा की आप पशुपति के आस पास ही कही रुके ,इससे आपको सुबह ज्यादा दूर तक सफर न करना पड़े ,
कहा रुके
पशुपति के नजदीक सबसे सुगम जगह गौशाला हैं, यहाँ आप धर्मशाला , या फिर अपनी सुविधा के हिसाब से होटलो में कमरा ले सकते हैं , यहाँ से पशुपतिनाथ की दूरी पांच से दस मिनट की ही हैं .
खर्चा कितना होगा
यह आप की सुविधा पर निर्भर करता हैं , यहाँ होटलो में आप को पांच सौ से लेकर बीस हजार भारतीय रुपयों में कमरा मिल जाता हैं ,
तो दोस्तों इस बार आप की महाशिवरात्रि के अवसर पर होने वाली यात्रा के लिए जरूरी जानकारी तो मिल ही चुकी होगी ,
नेपाल और काठमांडू की दूसरी जानकारियों के लिए आप का मेरे हिंदी ब्लोग में स्वगत हैं !
हर हर महादेव!