कालू वाटरफॉल: इस साल इंस्टाग्राम पर तलहका मचाने वाला झरना

Tripoto
16th Aug 2023
Photo of कालू वाटरफॉल: इस साल इंस्टाग्राम पर तलहका मचाने वाला झरना by रोशन सास्तिक

एक काम कीजिए। किसी सुंदर से भी कहीं ज्यादा सुंदर वाटरफॉल की कल्पना कीजिए। आपके दिमाग में एक साथ बहुत सारे फ़ोटोज और वीडियो तैर गए होंगे। चलिए, अब एक और बार ट्राय कीजिए और पहाड़ से नीचे गिरते पानी के सबसे खूबसूरत झरने की झलक आंखों के सामने से गुजारिए। अब तक आपने एक ऐसा वाटरफॉल तय कर लिया होगा जो आपकी नजर में सबसे मनोरम होगा। लेकिन मैं आज आपकी मुलाकात आपके सोचे हुए झरने से भी कहीं ज्यादा खूबसूरत झरने से कराऊंगा। और उस झरने का नाम है कालू वाटरफॉल।

Photo of Mumbai, Maharashtra, India by रोशन सास्तिक

मॉनसून के मौसम में महाराष्ट्र में सह्याद्री से सटे हुए इलाके सोलह सृंगार कर लेते हैं। पहाड़ हरे रंग की चादर ओढ़ लेते हैं। सफेद आसमान को काले बादलों से अलग ही इश्क़ हो जाता है। और पानी से हमबिस्तर होकर बहती ठंडी हवाएं तो मौसम में एक अलग ही नशा घोल देती हैं। और इन सबके बीच मुंबई और पुणे से एक समान दूरी पर स्थित कालू वाटरफॉल ने इस साल इंस्टाग्राम पर तहलका मचा दिया। मतलब इंस्टाग्राम खोलने के बाद आपको हर दूसरी रील कालू वाटरफॉल से जुड़ी ही मिल जाएगी।

अब देखिए, अपनी खूबसूरती के लिए कालू वाटरफॉल इंस्टाग्राम पर तो एकछत्र राज कर ही रहा है। लेकिन इस तक पहुंचने के खतरनाक रास्ते के चलते इसकी चर्चा न्यूज चैनलों तक पर हो रही है। तो चलिए जानते हैं कि जिस वाटरफॉल का नाम जमाने भर की जुबान पर है, उस तक आखिर पहुंचा कैसे जाए।

महाराष्ट्र के मुंबई और पुणे इन दोनों ही प्रमुख शहरों से करीब 120-30 किमी की दूरी पर स्थित है कालू वाटरफॉल। मुंबई और पुणे इन दोनों ही शहरों से आप सड़क मार्ग के जरिए करीब 3 घंटे का सफर तय कर बड़ी आसानी से यहां पहुंच सकते हैं। अगर आप पुणे से आ रहे हैं, तो फिर आपको चाकण, राजगुरुनगर, मंचर, नारायण गांव होते हुए जुन्नर के रास्ते आना होगा। वहीं मुंबई से यहां आप ठाणे, भिवंडी, कल्याण, मुरबाड़ होते हुए मालशेज घाट के रास्ते पहुंच जाएंगे। दोनों ही शहर से आपको नियमित अंतराल पर राज्य परिवहन की बस मिल जाएंगी। लेकिन हमारी सलाह होगी कि सुकून के साथ घूमने की सहूलियत के लिए आप निजी वाहन का विकल्प चुनने की समझदारी दिखाएं।

कालू वाटरफॉल के दो व्यू पॉइंट है। पहला तो जंगल से ट्रेक करके झरने के ठीक नीचे तक जाना होता है। और दूसरा वाला उन लोगों के लिए जो ट्रेक करने से बचना चाहते हैं। ऐसे लोगों के लिए कालू वाटरफॉल का टॉप व्यू वाला पॉइंट भी एकदम परफेक्ट होगा। अगर आप पुणे से आ रहे हैं, तो फिर मालशेज घाट की चढ़ाई से पहले ही आप कालू वाटरफॉल के टॉप व्यू वाला पॉइंट देखने जा सकते हैं। और अगर आपकी यात्रा मुंबई से शुरू हुई है, तो फिर आपके लिए पहले जंगल ट्रेक करके झरने के नीचे नहा कर आना सही होगा। उसके बाद आप मालशेज घाट की खूबसूरती का सुख भोगते हुए कालू वाटरफॉल के टॉप व्यू को देखने जा सकते हैं।

तो कालू वाटरफॉल के टॉप व्यू पॉइंट के लिए आपको गूगल मैप में 'Pimpalgaon Joga Dam' सर्च करना होगा। यहां पहुंचकर आपको खिरेश्वर की ओर बढ़ना होगा और फिर ठीक 4 किमी की दूरी तय करने के बाद हरिश्चंद्र गढ़ से बहकर आ रहे कालू वाटरफॉल के वाटर फ्लो को पकड़ कर हम उसके साथ पैदल ही ट्रेक करना शुरू कर देंगे। बरसात के बहते हुए पानी के साथ चलते हुए करीब आधे घंटे बाद ही हम कालू वाटरफॉल के मुहाने पर पहुंच जाएंगे। झरने को ऊपर से नीचे गिरते हुए तो सब देखते हैं, लेकिन झरने के उद्गम स्थल से उसे देखने का रोमांच अलग ही थ्रिलिंग अनुभव कराएगा। आप उस पॉइंट पर खड़े होंगे जहां आपको आसमान से बरसकर जमीन पर बहता अथाह पानी अचानक करीब 1200 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरते हुए नजर आएगा। और उसका यही डाउनफॉल सामान्य से बहते पानी के फ्लो को महाराष्ट्र के सबसे खूबसूरत वाटरफॉल में तब्दील कर देता है। कालू वाटरफॉल के टॉप व्यू को जी भरकर देखने के बाद इसके नीचे जी भरकर नहाने का सुख उठाने के लिए हम इस जगह को अलविदा कह देंगे।

Photo of Kalu waterfall view point, Diwanpada, Maharashtra, India by रोशन सास्तिक

कालू वाटरफॉल में नहाने के लिए आपको गूगल मैप में Thitabi Forest Resort सर्च करना होगा। आप खिरेश्वर विलेज़ से राइट टर्न लेकर मालशेज घाट के मन मोह लेने वाले रास्ते से गुजरते हुए करीब 20 किमी की दूरी एक घंटे से भी कम समय में तय कर रिसॉर्ट तक पहुंच जाएंगे। यहां पर आपके लिए 30 से 50 रुपए में पार्किंग सेवा उपलब्ध होती है। गाड़ी पार्क करने के बाद आपको घने जंगलों से गुजरते हुए करीब घंटे भर का पैदल ट्रेक करना होता है। वैसे इस रूट की समस्या घने जंगल में पैदल ट्रेक करने से कहीं ज्यादा कालू वाटरफॉल तक जाने के लिए एक दूसरे वाटरफॉल के खतरनाक वाटर फ्लो को पार करने की है। जुलाई के महीने में इस इलाके में बहुत ज्यादा बारिश होती है। और तब नदी के पानी का फ्लो इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि कई बार लोग इसमें बहकर जान गंवाते-गंवाते बच जाते हैं। इस साल भी इंस्टाग्राम पर कालू वाटरफॉल में लोगों के खतरनाक ढंग से फंस जाने के कई वीडियो वायरल हुए। इन्हीं खतरों को देखते हुए सरकार को कई बार कालू वाटरफॉल परिसर में धारा 144 तक लगानी पड़ जाती है।

Photo of Thitabi Forest Resort, Thitabi Tarf Vaishakhare, Maharashtra, India by रोशन सास्तिक

हमारी आपको सलाह होगी कि आप अगस्त महीने में जब बारिश सामान्य हो जाती है, तब ही कालू वाटरफॉल देखने आए। इसमें कोई दोराय नहीं कि पानी कम होने पर इसकी सुंदरता और भव्यता भी थोड़ी कम हो जाती है। लेकिन पानी कम होने के बाद आपकी जान का रिस्क एकदम खत्म हो जाता है। इस हिसाब से यह सौदा घाटे का नजर नहीं आता है। आप अगस्त में करीब एक घंटे का सफर तय कर कालू वाटरफॉल पहुंच जाएंगे। लेकिन यहां पहुंचने से पहले आपकी मुलाकात पैराडाइस वाटरफॉल से हो जाएगी। जो कि खुद भी एक बहुत खूबसूरत झरना है। पानी के दो सोर्स से मिलकर बना यह झरना आपको अपनी और आकर्षित तो करेगा, लेकिन कालू वाटरफॉल की कुछ ऐसी यूनिक बात है कि उसके आगे यह झरना कहीं नहीं ठहरता है। हालांकि, अगर यही झरना कहीं और होता तक जरूर इसकी अपनी अलग पहचान होती और लोग इसे देखने के लिए भी भीड़ लगाते।

Photo of Kalu water fall camping point, Diwanpada, Maharashtra, India by रोशन सास्तिक

कालू वाटरफॉल के नीचे पहुंचने के बाद जब आप करीब 1200 फीट की ऊंचाई से गिरते हुए 5 फ्लोर के झरने को देखेंगे, तो कुछ देर के लिए एकदम हतप्रभ रह जाएंगे। आसमान से जमीन पर गिरते अथाह पानी के पटकने से उठती आवाज़ के शोर में आपको दूसरा कुछ भी सुनाई नहीं देगा। इतना ही नहीं तो पत्थर से टकराने के बाद पानी की छींटों की चपेट में आने के चलते आसपास का परिसर भी धुंधला-सा नजर आएगा। जैसा कि हमने शुरुआत में ही दावा किया था कि कालू वाटरफॉल आपकी कल्पना वाले वाटरफॉल से भी कहीं ज्यादा खूबसूरत होगा। और इसके साक्षात दर्शन करने के बाद आपको भी समझ आ जाएगा कि हमारे दावे में थोड़ी भी अतिश्योक्ति नहीं थी। बरसात जितनी ज्यादा होती है, इसका रूप उतना ही ज्यादा रौद्र होता है। शायद यही कारण है कि लोग कालू वाटरफॉल को उसके सबसे भव्य स्वरूप में देखने के लिए खतरनाक वाटरफ्लो को पार करने जैसा जानलेवा जोखिम उठाने के लिए तैयार रहते हैं।

Photo of Pimpalgaon Joga Dam, Maharashtra by रोशन सास्तिक

हमारी सलाह होगी कि आप खुद अपने दोस्तों के साथ जाकर ज्यादा जोखिम लेने की बजाय किसी ट्रैकिंग ग्रुप के साथ ही कालू वाटरफॉल जाने का प्लान बनाए। क्योंकि ऐसे ग्रुप के साथ जाने पर सबसे पहले तो आपको एक प्रशिक्षित गाइड की सिक्योरिटी मिल जाएगी। गाइड के गाइडेंस में किसी तरह की अनहोनी की आशंका काफी कम हो जाएगी। और साथ ही ग्रुप में बहुत सारे लोगों के चलते किसी भी दुर्घटना के बाद रेस्क्यू का काम भी आसानी से किया जा सकेगा। मुंबई और पुणे इन दोनों शहरों में आपको अनगिनत ऐसे ट्रेकिंग ग्रुप मिल जाएंगे जो 1000-2000 रुपए की रेंज में एक दिन की कालू वाटरफॉल ट्रिप आयोजित करते हैं। वैसे तो कालू वाटरफॉल घूमने के लिए एक दिन काफी है। बाकी अगर आप इस जगह 2 दिनों का वीकेंड बिताना चाह रहे हैं, तो फिर इसके आसपास ठहरने की भी सुविधा है। अगर आप एक दिन ठहरने का प्लान बना ही रहे हैं तो फिर अगले दिन नानेघाट स्थित प्रसिद्ध रिवर्स वाटरफॉल जाने का भी सोच सकते हैं।

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