गुरुद्वारा बांग्ला साहिब "दिल्ली का इतिहास :-
यह गुरुद्वारा कभी राजा जय सिंह का बंगला था | गुरुद्वारा बंगला साहिब को पहले जय सिंहपुरा पैलेस के रूप में जाना जाता था, यह सिख धर्म का एक धार्मिक स्थल है जो दिल्ली में कनॉट प्लेस के पास बाबा खड़क सिंह मार्ग पर स्थित है। इस गुरुद्वारे की एक खास बात यह है कि यह गुरुद्वारा अपनी आकर्षक वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए दिल्ली की सबसे लोकप्रिय संरचनाओं में से एक माना जाता है। जिसे बाद में गुरुद्वारे के रूप में परिवर्तित कर दिया गया।
बांग्ला साहिब गुरुद्वारे की स्थापना :-
इस गुरुद्वारा का नाम आठवें सिख गुरु, गुरु हरकिशन साहिब के नाम पर रखा गया है इसके साथ ही यह भारत में सिख समुदाय के लिए सबसे महत्वपूर्ण पूजा स्थल में से एक है। गुरुद्वारा बंगला साहिब एक बड़ा ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व है, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग इसके दर्शन करने के लिए आते हैं।
इस गुरूद्वारे के प्रसाद में एक अलग मिठास होती है जो हमारी यात्रा को मिठास से भर देता है |यहां अनेक सेवरथी सेवाभव लिये अपने आप को धनी मानते हैं | सिख धर्म में मानव सेवा ही परम धर्म माना जाता है दर्शन करना यात्रियों को एक शानदार अनुभव देता है |
अनुमान के आधार पर कह सकते हैं कि 35 से 75 हजार लोग रोजाना यहां भोजन करते हैं यदि आप बांग्ला साहिब गुरद्वारा जाएंगे तो आप देखेंगे बिना कोई चार्ज लिए मुफ्त में भोजन परोसा जाता है, इसे लंगर कहते हैं| जिसे खाने के लिए लोगों में बड़ी उत्सुकता और उत्साह रहता है | आपको जानकर हैरानी होगी कि बंगला साहिब का हॉल इतना बड़ा है कि इसमें एक साथ 800-900 लोग बैठकर लंगर खा सकते हैं | यह लंगर रोज सुबह 5 बजे से शुरू होकर देर रात तक चलता है |
यहां की अच्छी बात है कि कोई भी किचन में जाकर लंगर बनाने में मदद कर सकता है |
गुरुद्वारे की साफ सफाई :-
यहां परिसर में सुरक्षा और सफाई का बेहद ध्यान रखा जाता है, जिसकी वजह से यहां की यात्रा पर्यटकों के लिए सुखद आनंद अनुभूति होती है। यहां गुरुद्वारा के रखरखाव के बहुत सारे कार्य स्वयंसेवकों और भक्तों द्वारा किए जाते हैं। इसके अलावा यहां पर वंचित वर्गों के लोग यहां भोजन और आश्रय भी प्रदान किया जाता है।
यह गुरुद्वारा अब सिखों और हिन्दुओं के लिए एक पवित्र तीर्थ है। अगर आप दिल्ली के प्रमुख दर्शनीय स्थलों की यात्रा करने की सूची तैयार कर रहें हैं तो आपको बंगला साहिब को अवश्य शामिल करना चाहिए।
बांग्ला साहिब गुरुद्वारे सरोवर की कहानी :-
उस समय सिख धर्म के आठवें गुरु ‘गुरु हर कृष्ण’ इसी महल में रहा करते थे और तब काफी लोगों को चेचक व अन्य बीमारियां हो गई थी | इस दौरान महल में मौजूद एक कुएं से उन्होंने जल निकालकर बीमार लोगों को दिया गया, जो उनके इलाज में भी कारगर साबित हुई | तब से ही यहां का पानी सिख धर्म के लोगों के लिए काफी मायने रखने लगा |
बांग्ला साहिब गुरद्वारा समारोह :-
यहाँ पर वार्षिकोत्सव प्रकाशपर्व के रूप में मनाया जाता है | गुरुनानक देव के जन्म का उत्सव यहाँ पर बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है | बांग्ला साहिब एक पवित्र धार्मिक स्थल जहां सिखों का पवित्र त्योहार मनाया जाता है | आप बांग्ला साहिब जरूर जाएँ और एक अच्छी सीख लेकर आयें |
जाने का समय :-
गुरुद्वारा साल के 24 महीने और दिन के 24 घंटे खुला रहता है | यहाँ जाने के लिये कोई शुल्क नहीं है आप काभी भी और किसी भी समय बांग्ला साहिब गुरुद्वारे जा सकते हैं |