शिवाड, जयपुर से मात्र 100 किमी दूर ये प्राकृतिक गाँव महादेव की गोद में बसा हुआ है । धार्मिक आस्था के साथ ही आप प्राकृतिक सुंदरता को भी आप अपनी आंखो में बसा सकते है। हम सभी परिवार के लोग सुबह 10 बजे जयपुर से सड़क के रास्ते निकले और लगभग दो घंटे में ही हम शिवाड पहुंच गये। शानदार हाईवे, खेत खलिहान और पहाडों ने यात्रा को और भी आनंदित कर दिया। पहुंचते ही सबसे पहले हमने घुश्मेश्वर द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन लिये। मंदिर मे घुसते ही एक अलग ही ऊर्जा का अहसास होता है और एक असीम शान्ती मिलती है। उसके बाद हम लोग मन्दिर के पिछ्ले हिस्से मे गये जहाँ पर पहाडों को काट कर बेहद ही सुन्दर तरीके से काट कर सभी देवी देवताओ की बड़ी-2 मूर्तियाँ बनायी है। यहाँ आपको प्राकृतिक, धार्मिक और मानव कला का मिश्रित उदाहरण देखने को मिलता है। पहाड़ का अन्तिम छोर काफी उँचाई पर है जहाँ से पूरे शहर का सुन्दर नज़ारा देखने को मिलता है। तालाब का पानी, चारो ओर हरियाली, पहाडो और ठंडी हवाएँ आपको सुकून देगी। यहाँ आप ध्यान कर सकते है। पहाडों को काट कर ऐसे बनाया है कि ऊपर से देखने पर ये बर्फीले पहाड प्रतीत होते हैं। कुल मिलाकर परिवार के साथ समय बिताने के लिये ये जयपुर के पास अच्छी जगहों में से एक है। खाने और ठहरने की व्यवस्था भी मन्दिर में उप्लब्ध है।