भारत की 11 विश्व धरोहर जिनके बारे में आपने पहले नहीं सुना होगा

Tripoto

भारत में जितनी सुंदर जगहें हैं शायद ही कहीं हों और ये बात तो पूरी दुनिया जानती है। यही वजह है कि भारत यूनेस्को घोषित 37 विश्व धरोहरों का घर है। लेकिन इनमें से कई धरोहर हैं जो अक्सर आम लोगों की नज़रों से छूट जाती है। तो चलिए आज भारत की उन धरोहरों का सफर करते हैं जिनका लोहा पूरी दुनिया मानती है।

अब तक यह सम्मान मुंबई के सुप्रसिद्ध छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस और एलीफेंटा की गुफाओं के पास था । लेकिन अब मुंबई के विक्टोरियन और आर्ट डेको एंसेंबल को भी संयुक्त राष्ट्र ने भारत की नवीनतम विश्व धरोहर घोषित किया है । एंसेंबल में 19वीं शताब्दी की विक्टोरियन गोथिक इमारतें और बीसवीं शताब्दी की आर्ट डेको इमारतों जैसे शिल्प कला के नायाब नमूनों की श्रंखला है । विश्व धरोहर घोषित की जाने वाली संरचनाओं की सूची में मुंबई उच्च न्यायालय, एलफिंस्टन कॉलेज, इराेस सिनेमा, नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट शामिल है l दक्षिणी दिल्ली के मशहूर ओवल मैदान और बहुत से रिहायशी जगहों को भी खास दर्जा दिया जाएगा l

कहाँ है : फ़ोर्ट मुंबई

क्यों देखें : उन्नीसवीं और बीसवीं शताब्दी के शिल्प कला की झलक देखने को मिलती है l

कैसे पहुंचे : 30 किलोमीटर दूर स्थित मुंबई का छत्रपति शिवाजी हवाई अड्डा और 5 किलोमीटर दूर स्थित मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन सबसे नजदीक है l

इन इमारतों की और जानकारी के लिए पढ़ें

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किसी जगह को यूनाइटेड नेशन द्वारा विश्व धरोहर बताने के लिए वहां का सांस्कृतिक, ऐतिहासिक व वैज्ञानिक रूप से विशेष होना जरूरी है । ऐसी जगहों की सुरक्षा और संरक्षण यूनेस्को एवं अंतरराष्ट्रीय समझौतों द्वारा होती है। भारत में 36 जगहों को विश्व धरोहर होने का गौरव प्राप्त है जिनमें ताज महल, कुतुब मीनार, हुमायूं के मकबरे जैसे नाम तो शामिल है ही, लेकिन कुछ ऐसे अविश्वसनीय नाम भी है जो ज्यादातर लोगों ने नहीं सुने हैं आइए पढ़ें भारत की 11 अद्भुत विश्व धरोहर के बारे में जिनके बारे में आप शायद जानते भी नहीं थे l

रॉयल ओपेरा हाउस

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नवंबर 8 2017 को रॉयल ओपेरा हाउस को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया गया था l प्रसिद्ध गिरगांव चौपाटी के पास स्थित ओपेरा हाउस 1912 में ब्रिटिश राज में बनाया गया था l हालांकि 1993 में कार्यक्रम बंद कर दिए गए थे l निर्माण का काम 2008 में शुरू होकर 2016 में पूरा हुआ और 23 साल बाद एक कार्यक्रम फिर से रखा गया l हाल ही में अंदर संगीत प्रेमियों के लिए लाइव जैज़ बार खोला गया है जो एक अलग ही दुनिया में ले जाता है l

कहाँ है : मुंबई

क्यों देखें : भारत का एकमात्र जीवित ओपेरा हाउस

कैसे पहुंचे : 22 किलोमीटर की दूरी पर सबसे नजदीक छत्रपति शिवाजी हवाई अड्डा और 9 किलोमीटर दूर मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन है l आप हवाई अड्डे या रेलवे स्टेशन से पब्लिक बस या किराए की टैक्सी भी कर सकते हैं

धरोहर बनी : 2017 में

कंचनजंघा राष्ट्रीय उद्यान

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आपने पहाड़ों की चोटियों के बारे में भले ही सुना हो पर सिक्किम के इस राष्ट्रीय उद्यान की बात ही कुछ और है l यह धरोहरों की सूची में सबसे नया नाम जुड़ा है l 1784 वर्ग किलोमीटर में फैला यह उद्यान अपने में अनगिनत पेड़ पौधे, पशु पक्षियों, पहाड़, मैदान, बर्फीले पर्वत, घाटियाँ और बहुत कुछ समेटे है l सिक्किम के कई किस्से कहानियां और अफवाहें कंचनजंगा शिखर के इर्द-गिर्द बुनी गई है जिसने सिक्किम की मुख्य विचारधारा और संस्कृति को जन्म दिया है l यह राष्ट्रीय उद्यान प्रकृति और पक्षी प्रेमियों का आश्रय है l

कहाँ है : सिक्किम में

क्यों जाएं : दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची पर्वत चोटी देखने

कैसे पहुंचे : सबसे नजदीकी हवाई अड्डा यहाँ से 222 किलोमीटर दूर दार्जिलिंग के बागडोगरा में है l 221 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलीगुड़ी जंक्शन सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है l आप एयरपोर्ट या स्टेशन से पब्लिक बस या किराए की टैक्सी भी ले सकते हैं l

धरोहर बना : 2016 में

इस बारे में और यहां पढ़ें

गोवा के चर्च और कान्वेंट

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पुराना गोवा

गोवा को प्यार से भारत की 'बीच कैपिटल' भी कहा जाता है, मगर इसका मतलब यह नहीं कि भौगोलिक या सांस्कृतिक नजरिए से कम महत्वपूर्ण है l गोवा के चर्च और कान्वेंट अपने खूबसूरत और विस्तृत शिल्प कला के द्वारा एशिया में हुए ईसाई धर्म के प्रचार प्रसार की कहानी कहते हैं l इन सब में सबसे सुप्रसिद्ध बॉम जीसस का चर्च है जो 15 वी शताब्दी के अपने कैथोलिक मिशनरी सेंट फ्रांसिस जेवियर के गुंबद के कारण हर साल हजारों धार्मिक और अन्य सैलानियों के लिए आकर्षण केंद्र है l यह क्षेत्र कभी पुर्तगाल की राजधानी हुआ करता था जो 18वीं शताब्दी में प्लेग की वजह से खाली कर दिया गया l

कहाँ है : गोवा में पणजी से 10 किलोमीटर दूर

क्यों जाएं : पूर्व में ईसाई धर्म का केंद्र माने जाने वाले क्षेत्र के अवशेष देखने में दिलचस्पी रखने वालों के लिए उत्तम जगह है

कैसे पहुंचे : यहां से 24 किलोमीटर दूर दबाेलिम में सबसे करीबी हवाई अड्डा है और 3 किलोमीटर दूर कर्मली स्टेशन सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है l स्टेशन या हवाई अड्डे से पब्लिक बस या किराए की टैक्सी आसानी से मिल जाती है l

धरोहर बना : 1986 में

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सहयाद्री पर्वत शृंखला

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अंग्रेजी में वेस्टर्न घाट कहे जाने वाली इस पर्वत श्रंखला का हिंदी में नाम सहयाद्री है, जिसका अर्थ है 'हितैशी पर्वत' l यह नाम जरूर इनकी भारतीय प्रायद्वीप के प्रति पर्यावरण और प्राकृतिक उपयोगिता को समझ कर रखा गया होगा l आश्चर्यचकित करने वाली बात यह है कि सहयाद्री हिमालय से भी पुरानी पर्वत श्रृंखला है जो इस क्षेत्र के तापमान के नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है l

कहाँ है : गुजरात से तमिलनाडु के बीच समुद्र तट के सहारे कहीं भी

क्यों जाएं : यह पर्वत श्रंखला करीब 325 प्रजाति के पशु पक्षियों और पेड़-पौधों का घर है

कैसे पहुंचे : ऊपर लिखे राज्यों में से कहीं भी पहुंच जाएं, आपको सहयाद्री मिल ही जाएंगे l

धरोहर बना : 2012 में

भीमबेटका

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महाभारत के किरदार भीम से मिले नाम वाले भीमबेटका को भारतीय पाषाण युग की शुरुआत माना जाता है l 100000 साल से जीवित चट्टानों से बनी यह पुरातन गुफाएं मध्य प्रदेश के रातापानी वन्यजीव अभयारण्य में स्थित है l गुफाओं में बनी तस्वीरें पुरातत्व विज्ञान और मानव विज्ञान के विशेषज्ञों को प्राचीन काल के मानव की जीवन शैली समझने में बहुत मददगार है l

कहाँ है : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 45 किलोमीटर दूर रायसेन जिले में स्थित है

क्यों जाएं : इस जगह को भारतीय उपमहाद्वीप के मनुष्य की सबसे पुरानी नस्ल ने अपना घर बनाया था l

कैसे पहुंचे : सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा दोनों ही भोपाल में स्थित है l बस या टैक्सी दोनों आसानी से रेलवे स्टेशन या हवाई अड्डे से मिल जाती है l

धरोहर बना : 2003 में

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रानी की वाव

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रानी की वाव सरस्वती नदी के किनारे स्थित एक बावली है जो अपने पेचीदा निर्माण और धर्मनिरपेक्ष पौराणिक कथाओं के चित्रों से सुसज्जित है l पिछले कुछ सालों में इस जगह को भुला दिया जाना समझ से बाहर है l इस सांस्कृतिक धरोहर का नाम स्कूल की किताबों में ध्यान से ढूंढने पर ही मिलता है और गुजरात सरकार ने भी इस जगह को कभी पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा नहीं दिया l लेकिन हाल ही में विश्व धरोहर की सूची में इसका नाम आने से अचानक शोहरत मिली है l कहते हैं इसे 11 वीं शताब्दी में रानी उदयमति ने अपने मृत पति भीम की याद में बनाया था l

कहाँ है : गुजरात के पाटन में

क्यों जाएं : मारू-गुर्जर शिल्प कला की कारीगरी देखने l साथ ही 2016 में सबसे साफ प्रतिष्ठित जगह के खिताब से नवाजा गया था l

कैसे पहुंचे : 130 किलोमीटर दूर अहमदाबाद में सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है और 41 किलोमीटर दूर मेहसाना में नजदीकी रेलवे स्टेशन है l

धरोहर बनी : 2014 में

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पत्तदकल की धरोहर श्रंखला

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यूं तो पत्तदकल कर्नाटक में सैलानियों के बीच धीरे-धीरे मशहूर हो रहा है मगर फिर भी स्थानीय लोगों को इसके बारे में ज्यादा पता नहीं है l इस छोटे से गांव के सातवीं और आठवीं शताब्दी के हिंदू और जैन स्मारक चालुक्य साम्राज्य के कुशल कारीगरों ने बनाये थेl इनमें सबसे मशहूर सन 740 में रानी लोक महादेवी द्वारा बनवाया गया विरुपक्ष का मंदिर है जो उत्तर और दक्षिण भारत की शिल्प कारी का सुंदर मेल है l

कहाँ है : कर्नाटक की बगलकोट में

क्यों जाएं : यह जगह पुरातत्व विज्ञान, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है l

कैसे पहुंचे : 180 किलोमीटर दूर स्थित हवाई अड्डा बेलगाम में है और मुंबई और दिल्ली से भलीभांति जुड़ा हुआ है l 22 किलोमीटर दूर बादामी में सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है l रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डे से लोकल बस और टैक्सी आसानी से मिल जाती है

धरोहर बना : 1987 में

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चोल मंदिर

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तमिलनाडु

दक्षिण भारत के एक और अजूबे ग्रेट लिविंग चोला मंदिर 11वीं और 12वीं शताब्दी में चोल साम्राज्य के शासकों द्वारा बनवाए गए थे l इनमें से तीन मंदिर सबसे ज्यादा जाने जाते हैं - तंजावुर का बृहदेश्वर मंदिर, चोलापुरम का गंगाईकोंडा मंदिर, दरसुराम का एरावतेश्वरा मंदिर l

यहां के मंदिर अपनी गजब बनावट, कुशल कारीगरी, चित्रकारी और चोला शासकों की मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है l

कहाँ है : एरावतेश्वरा गंगाईकोंडा बृहदेश्वर तीनों मंदिर तमिलनाडु में ही है l

क्यों जाएं : 24 फीट ऊंची 'विमाना' और एरावतेश्वरा मंदिर का शिवलिंग विस्तृत कारीगरी के नमूने है l

कैसे पहुंचे: सबसे करीब रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा चेन्नई में है l रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डे से बहुत आसानी से लोकल बस एवं किराए की टैक्सी मिल जाती हैl

धरोहर बनी : 1987 में और जाने

हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान

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कुल्लू जिला

हिमाचल प्रदेश में कुल्लू जिले में स्थित ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क 375 से ज्यादा किस्मों के पेड़ पौधों और जानवरों का घर है l पशु पक्षी और पेड़ पौधे 1972 के वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के अधिकृत सुरक्षित हैं l

कहाँ है : हिमाचल प्रदेश

क्यों जाएं : ध्यान से देखने पर अजब पशु पक्षी जैसे नीली भेड़, बर्फीले तेंदुए, हिमालय का भूरा भालू, तोहार और कस्तूरी हिरन देखने को मिलेंगे l

कैसे पहुंचे : यहां से 46 किलोमीटर दूर सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा दोनों चंडीगढ़ में स्थित है l कुल्लू पहुंचने के बाद भाड़े पर टैक्सी करके भी उद्यान पहुंचा जा सकता है l

धरोहर बनी : 2014 में

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राजस्थान के किले

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राजस्थान

पहाड़ियों पर बने राजस्थान के किले जैसे चित्तौड़गढ़, कुंभलगढ़, रणथंभौर, आमेर, जैसलमेर और गगरों के किले राजस्थान की शान है l इन किलो में घूमने से राजपूती शिल्पकारीकाे करीब से देखने को मिलता है l जंग के लिए आसपास के क्षेत्र को बखूबी से इस्तेमाल करके इन किलों को पर्वत की चोटियों का रूप तो दिया हैl

कहाँ है : पूरे राजस्थान में फैले हैं

क्यों जाएं : पहाड़ियों पर बने इन किलोॅ से आसपास का विहंगम दृश्य तो दिखता ही है साथ ही राजपूती शिल्पकारी का नायाब नमूना भी देखने को मिलता है l

कैसे पहुंचे : राजस्थान जैसे विशाल राज्य में बहुत से हवाई अड्डे हैं और जयपुर सबसे खास है l सरकारी बसों, साधनों और टैक्सी से पूरे राज्य में घूमना बहुत आसान है l

धरोहर बनी : 2013

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अगर इनमें से ज्यादातर जगहों का पता आपको पहली बार लगा है तो निराश ना हो l आप अकेले नहीं है l असल में तो यह खुशी की बात है कि अब आपके पास घूमने के लिए 11 नई जगह हैं l अगर आप किसी जगह पर पहले से हैं तो अपना अनुभव Tripoto पर साथ ही सैलानियों के साथ बांटे हमें आप पर और भी गर्व होगा

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