दोस्तों ट्रेक्किंग का कीड़ा जब काटता है तब इंसान सिर्फ ट्रेक्किंग की दुनियाँ में खो जाता है। हिमालय, ऊँचाइयाँ, कैंपिंग, चाय, मैगी और प्रकृति के अद्भुत नज़ारे बस ये ही दिल और दिमाग़ में घूमता रहता है।ट्रेक्किंग में अलटिटूड गेन करना बहुत मायने रखता है। ट्रेक़्क़र्स को ज्यादा से ज्यादा हाइट में जाने का लालच होता है। ट्रेक़्क़र्स के लिए 6000मीटर की हाइट बहुत ज्यादा मायने रखती है।
वैसे तो 6000 मीटर से ऊपर के पहाड़ ट्रेक्किंग नहीं पर्वतारोहण में आ जाते हैं,जिनके लिए आपको पर्वतारोहण की स्किल्स और इक्विपमेंट की जरूरत होती है। कुछ 6000 मीटर के पहाड़ ऐसे भी हैं जिनके लिए किसी भी इक्विपमेंट और पर्वतारोहण ट्रेनिंग की जरुरत नहीं है है। जिनसे आप अपने पर्वतारोहण करियर की शुरुआत कर सकते हैं। आइये जानते हैं ऐसी चोटियों के बारे में।
स्टॉक काँगरी लेह रीजन की सबसे ऊँची चोटी है। इसकी हाइट 6153 मीटर है। इसका ट्रेक स्टॉक गाँव से जाता है। इसको एक ट्रेक्किग पीक माना जाता है क्युकी यहाँ आप बिना किसी रोप या टेक्निकल इक्विपमेंट के पहुँच सकते हैं। इस पीक पर ट्रेक़्क़र्स की इतनी ज्यादा भीड़ आनी शुरू हो गयी थी की सरकार को इस पीक को कुछ साल के लिए बंद करना पड़ा। फिलहाल ये बैन है।
मनाली से लेह जाने वाले मार्ग पर जिस्पा क्रॉस करने के बाद भरतपुर टेंट कालोनी के पास ही ये चोटी है। इसकी ऊँचाई 6113 मीटर है। ये हिमाचल के लाहौल जिले में पड़ती है। जब से स्टॉक काँगरी बैन हुई तबसे इस चोटी पर चढ़ने वालों की जैसे बारात ही आ गयी हो। इसका ट्रेक एक छोटा सा ट्रेक है जिसको 2 दिन में किया जा सकता है।
कांग यास्ते लद्दाख के मारखा वैली में आती है। ये चोटी हेमिस नेशनल पार्क के अंदर है। इस पहाड़ के 2 शिखर हैं। पहला है कांग यास्ते ll जो की आसान है और एक ट्रेक्किग पीक है जबकि दूसरा कांग यास्ते l एक टेक्निकल पीक है। कांग यास्ते ll की हाइट 6270 मीटर है जबकि कांग यास्ते l की हाइट 6496 मीटर है।
मेंटोक काँगरी चोटि की ऊँचाई 6277 मीटर है। ये चोटि लद्दाख में त्सोमोरिरी खूबसूरत झील के पास है। मेंटोक कांगड़ी पर चढ़ना अपने आप में एक उपलब्धि है और इसे हिमालय में पर्वतारोहण का परिचय माना जा सकता है। यह लद्दाख में स्थित हिमालय की सबसे ऊंची ट्रेकिंग चोटियों में से एक है।
मेंटोक कांगड़ी पर चढ़ने के लिए किसी पर्वतारोहण तकनीक की आवश्यकता नहीं होती है।यहाँ पर्वतारोहण तकनीक के कौशल के बिना 6250 मीटर ऊंचे पहाड़ की चोटी पर ट्रेक करने का एक बहुत ही दुर्लभ मिलता है।
कानामो पीक हिमाचल के स्पीति में किब्बर विलेज के पास है। ये भी एक ट्रेक्किंग पीक है। हालांकि इसकी ऊँचाई 6000 मीटर से थोड़ा कम है, लेकिन इसको भी हम इस लिस्ट में रख सकते हैं। कनामो पीक एक ट्रेक करने योग्य शिखर है, लेकिन यह किसी भी तरह से आसान नहीं है। शारीरिक फिटनेस का उच्च होना आवश्यक है क्योंकि यह ट्रेक एक धीरज की परीक्षा है। कनामो बेस कैंप से शिखर तक एक अथक चढ़ाई ओवर स्क्री और बोल्डर,मोराइन है। इसकी ऊँचाई 5974 मीटर है।
इसके आलावा नेपाल में भी बहुत सारी ट्रेक्किंग पीक हैं जैसे मेरा पीक, लोबुचे पीक, आइलैंड पीक आदि लेकिन ये सब पीक भारत के पीक के मुकाबले थोड़ा सा टेक्निकल भी हैं. फिर भी नेपाल इनको ट्रेक्किग पीक ही मानता है।