मुगल और राजपूत शैली के तर्क पे बना हैं भोपाल का ताजमहल

Tripoto
26th Feb 2024
Photo of मुगल और राजपूत शैली के तर्क पे बना हैं भोपाल का ताजमहल by Yadav Vishal
Day 1

भोपाल का ताजमहल, जिसे अक्सर भोपाल का ताज भी कहा जाता है, एक ऐतिहासिक इमारत हैं जो मध्य प्रदेश, भारत में स्थित है। यह इमारत भोपाल की दूसरी बेगम, सिकंदर जहाँ बेगम द्वारा 19वीं सदी में बनवाई गई थी। इसे ताजमहल कहा जाना उसकी भव्यता और सुंदरता की वजह से है, हालांकि यह आगरा में मुघल सम्राट शाहजहाँ द्वारा अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाए गए प्रसिद्ध ताजमहल से काफी अलग है।इसे बनवाने का आदान-प्रदान मुग़ल सम्राट शाहजहाँ की पुत्री सुलतान बेगम ने किया था और यह मुघल और हिन्दू स्थापत्यकला का एक मिश्रण प्रदर्शित करता है।

Photo of मुगल और राजपूत शैली के तर्क पे बना हैं भोपाल का ताजमहल by Yadav Vishal

भोपाल का ताजमहल एक विशाल परिसर है जिसमें महल, मस्जिद, तालाब, और विभिन्न बाग-बगीचे शामिल हैं। इसकी वास्तुकला में मुघल और राजपूत शैली के तत्व देखे जा सकते हैं। इस इमारत को बनाने में लाल और सफेद पत्थर का उपयोग किया गया था, जो इसे एक खास पहचान देता है।

निर्माण काल: इस महल का निर्माण 1871 से 1884 तक हुआ था। इसकी लागत उस वक्त 3,00,000 रुपए थी और यह 13 सालों में बनकर तैयार हुआ था।

निर्माण स्थान: ताजमहल का स्थान वान विल्ला, भोपाल है, जिसे अब नूर-उल-इमान कहा जाता है।

महल की शैली: इसे मुघल और राजपूत शैली में बनाया गया है, और इसमें मुग़ल स्थापत्यकला की भव्यता को देखा जा सकता है।

120 कमरे हैं ताजमहल में: इस ताजमहल में 120 कमरों के अलावा आठ बड़े हॉल भी हैं, जिसमें शीश महल और सावन-भादो मंडप शामिल है। जिसमें शीश महल और सावन-भादो मंडप शामिल है। महल की वास्तुकला में आपको ब्रिटिश, फ्रेंच, मुगल, अरबी और हिंदू प्रभावों का एक अनूठा संयोजन देखने को मिलेगा।

Photo of मुगल और राजपूत शैली के तर्क पे बना हैं भोपाल का ताजमहल by Yadav Vishal

पुराना नाम था राजमहल

कहा जाता है कि जब ये इमारत बन कर तैयार हुई थी, तब इसे राजमहल के नाम से जाना जाता था। पर बाद में इसकी भव्यता और सुंदरता देख कर इसे ताजमहल कहा जाने लगा।

अंग्रेजों को नहीं पसंद था ये महल

इस महल का गेट ऐसे बनवाया गया था कि जब भी कोई इसके अंदर प्रवेश करता उसको सर झुकाना पड़ता। ऐसे में अंग्रेजों को यह महल बिल्कुल पसंद नहीं था। बस इसलिए अग्रेजों को यह महल पसंद नहीं आता था। एक बार अंग्रेजी हुकूमत ने बेगम से दरवाजे पर लगे कांच हटवाने की बात कही थी, जिस पर बेगम ने साफ मना कर दिया था।

हालांकि यह स्थल अपने शानदार इतिहास और वास्तुशिल्प के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन समय के साथ इसकी स्थिति में गिरावट आई है और इसे संरक्षण की आवश्यकता है। सरकार और स्थानीय संगठन इस ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने और पुनर्स्थापित करने के प्रयास में लगे हुए हैं।

Photo of मुगल और राजपूत शैली के तर्क पे बना हैं भोपाल का ताजमहल by Yadav Vishal

पढ़ने के लिए धन्यवाद। अपने सुंदर विचारों और रचनात्मक प्रतिक्रिया को साझा करें अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो।

क्या आपने हाल में कोई की यात्रा की है? अपने अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें

बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।