उत्तराखंड में 10 सर्वश्रेष्ठ सुंदर घाटियाँ

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10 Best Lovely Valley In Uttarakhand

Photo of उत्तराखंड में 10 सर्वश्रेष्ठ सुंदर घाटियाँ by Humans Of Uttarakhand

उत्तराखंड के ये 10 सर्वश्रेष्ठ और सुंदर घाटियाँ (10 Best and Lovely Valley in Uttarakhand) आज भी बहुत से पर्यटकों और धूमने वालों से दूर है। भारत के उत्तरी हिमालयी राज्य उत्तराखंड में इतनी खूबसूरत नजारों और शानदार दृश्य वाले घाटियाँ है, कि हम उन सबको देखने की सिर्फ कोशिश और कल्पना ही कर सकते है।

इसीलिए यहाँ पर उन घाटियों में से कुछ सबसे सबसे सुंदर, रहस्यमय और अनदेखी, अद्भुत घाटियाँ की एक लिस्ट है जो आपको उत्तराखंड के उत्तरी हिमालये से लेकर और उत्तर-पूर्वी भागों में मिलेगी।

जानिए उत्तराखंड की 10 बेस्ट और ब्यूटीफुल वैली के बारे में

उत्तराखंड की छोटी-छोटी घाटियाँ और बारहमासी नदियाँ प्रकृति प्रेमियों और पैदल यात्रियों को अद्भुत अनुभव प्रदान करती हैं। हिमालय पर्वतमाला के सम्मोहित करने वाले प्राकृतिक दृश्य, और प्राकृतिक परिवेश के भीतर बुनियादी जीवन को व्यक्त करने वाले पारंपरिक विश्वासों का दावा करते हुए, इस उत्तरी हिमालयी राज्य उत्तराखंड कहें चाहे, देवों की भूमि उत्तराखंड कहें को शानदार असामान्य भव्यता और शांत आध्यात्मिकता की भूमि के रूप में जाना जाता है।

यदि आप सोच रहे थे कि उत्तराखंड में कौन सी घाटियाँ हैं, जहाँ तक पहुँचना आसान है, या एक बेहतरीन ट्रेक प्रदान करते हैं, या एक बस जो आपको आराम करने और कायाकल्प करने देगी तो यहाँ कुछ बेहतरीन उत्तराखंड की घाटियों की सूची दी गई है, जिन्हें आपको तलाशना चाहिए! और अपने उत्तराखंड के इन सबसे सुंदर अनछुए और अद्भुत घाटियाँ से यात्रा शुरू कर सकते है। ये उन घाटियों की लिस्ट है जिनकी बस झलक भर देखने के बाद आपका मन इन्हें तुरंत अपनी ट्रैवल लिस्ट में जोड़ने का करेगा।

पिंडर घाटी : उत्तराखंड में विचित्र और सुंदर घाटी

कुमाऊँ के बागेश्वर ज़िले में पिंडर घाटी और पिंडारी नदी दोनों एक दूसरे के पक्के साथी हैं क्योंकि पिंडारी नदी इस घाटी के साथ साथ ही बहती है ।

पिंडारी नदी पिंडर घाटी के अलावा देवाल, थराली, कुलसरी, हरमानी, मींग, नारायण बगर और नलगाँव जैसे छोटे कस्बों से भी होकर निकलती है । पिंडारी नदी, कर्णप्रयाग में अलकनंदा नदी से मिलती है।

पिंडारी ग्लेशिअर कुमाऊं में सबसे अच्छा ट्रेकिंग मार्ग, जो पहले अल्मोड़ा जिले में स्थित था और अब बागेश्वर जिले में स्थित है, इसके गलियारों पर नंदकोट (6,860 मीटर), छांगुच (6,322 मीटर) और नंदघूण्टी (6,310) मीटर) स्थित है। पिंडर घाटी उत्तराखंड की सबसे प्रसिद्ध घाटियों में से एक है और कुमाऊँ क्षेत्र के केंद्र में स्थित है जो बागेश्वर के दर्शनीय जिलों में से एक है।

फूलों की घाटी : उत्तराखंड में प्रकृति प्रेमियों और दर्शनीय घाटी के लिए स्वर्ग

फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान एक फूलों की घाटी का नाम है, जिसे अंग्रेजी में "Valley of Flowers" कहते हैं। यह उत्तराखण्ड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में पड़ता है। पृथ्वी पर यह आभासी स्वर्ग बाहरी दुनिया के लिए अज्ञात रहा है जब तक कि महान पर्वतारोही फ्रैंक एस स्मिथ ने वर्ष 1931 में इसकी खोज नहीं की थी फूलों की घाटी को विश्व संगठन, यूनेस्को द्वारा सन् 1982 में घोषित विश्व धरोहर स्थल नन्दा देवी अभयारण्य नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान का एक भाग है।

इसे हिमालय क्षेत्र पिंडर घाटी अथवा पिंडर वैली के नाम से भी जाना जाता है, फूलों की घाटी (नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान) फूलों की घाटी का जन्म पिंडर से हुआ है जिसे पिंडर घाटी भी कहते हैं। पिंड+घाटी पिंड का अर्थ हिम और घाटी का अर्थ पहाड़ों का क्षेत्र जहां महादेव भगवान शिव का निवास होता है जो मुख्य रूप से चमोली जिले के पिंडर घाटी का ही क्षेत्र में स्थित है।

माणा घाटी : लोकप्रिय हिंदू तीर्थ स्थल और उत्तराखंड में अंतिम गाँव घाटी

भारत और तिब्बत के बीच की सीमा पर स्थित माणा लगभग 18,192 फ़ीट की ऊँचाई पर स्थित है जो की दुनिया का सबसे ऊँचा पास है । इसे भारत का आख़िरी गाँव भी कहा जाता हैं। इसके अलावा यहाँ दो गुफ़ाएँ, व्यास गुफ़ा और गणेश गुफ़ा, जिन्हे देखना अपने आप में एक अच्छा अनुभव रहेगा । और अगर आप यहाँ हैं तो वसुंधरा झरना, सतोपंथ झील और भीम पुल घूमना नाभूलें।

माणा गावं का पूरा क्षेत्र पहाड़ियों से घिरा हुआ है और पास में कई छोटी-छोटी नदियाँ भी देखी जा सकती हैं। यह ट्रेकिंग के लिए एक आदर्श स्थान है और यहाँ पर कई ट्रेकिंग स्पॉट हैं।

दारमा घाटी : उत्तराखंड में पौराणिक मूल्य वाला घाटी

उत्तराखंड में कहा जाता है कि गढ़वाल क्षेत्र कुमाऊं क्षेत्र की तुलना में अधिक जोखिम भरा और साहसिक है। पर बात करें दारमा घाटी जो की उत्तराखंड कुमाऊं क्षेत्र के पिथौरागढ़ जिले में स्थित है। यह धारचूला, जो भारत और नेपाल में आंशिक रूप से स्थित है, से लगभग 70 किमी की दूरी पर स्थित है।

काली नदी दोनों देशों के बीच एक प्राकृतिक सीमा के रूप में कार्य करती है। दारमा नाम की ये घाटी पिथौरागढ़ में स्थित कुथ यांगती और लसार यांगती घाटी के बीच में बसती है। भारत-तिब्बत सीमा के करीब होने की वजह से, सिन ला की तरफ जाते हुए यहाँ से कैलाश पर्वत की चोटियों के शानदार नज़ारे देखने को मिलते रहते हैं।

जोहार घाटी : उत्तराखंड में ट्रेकर्स और व्यापार मार्ग वाला घाटी

जोहार घाटी, जिसे मिलम घाटी या गोरीगंगा घाटी भी कहते हैं, भारत के उत्तराखण्ड राज्य में स्थित एक प्रसिद्ध घाटी है। गोरी नदी इसी घाटी से होकर बहती है। एक समय में इस घाटी से तिब्बत के लिए महत्वपूर्ण व्यापारिक रास्ते निकलते थे। सुंदर और अद्भुत नजारो वाले मिलम और मारतोली गावं इस घाटी में स्थित प्रमुख गावं हैं।

जोहार घाटी के 12 गांव मिलम हिमनद से निकलने वाली गोरी नदी के किनारे बसे हैं। मुनस्यारी से 6 हजार से 10 हजार फीट तक ऊंचाई पर बसे इन गांवों तक पहुंचने के लिए लगभग 65 किमी का पैदल सफर तय करना पड़ता है। मुनस्यारी को जोहार घाटी का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है।

हर की दून घाटी : उत्तराखंड में आकर्षण और भगवान की घाटी

हर की दून जिसका अर्थ ईश्वर की घाटी है, यह उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले मे यमुना की सहायक रुपिन व सूपिन नदियों के आस-पास फतेह पर्वत की गोद मे बसा क्षैत्र है। इस घाटी का सौन्दर्य अलौकिक है। यह उच्च हिमालय के निकट स्थित एक अत्यन्त दुर्गम अन्चल है।

उत्तर में हिमाचल के किन्नोर व पूर्व में तिब्बत से सटा हर की दून का इलाका अपने भीतर गोविन्द पशु विहार वन्य जीव अभयारण्य को समेटे है। अक्सर यहाँ यात्री ट्रैकिन्ग के लिये आते हैं। उत्तराखंड की यह घाटी बोरसु दर्रे से होते हुए बसपा घाटी से जुड़ी हुई है।

टोंस घाटी : उत्तराखंड में सांस्कृतिक और समृद्ध विविधता वाली घाटी

उत्तराखंड के उत्तरकाशी के टोंस घाटी में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। ये पूरा इलाका बेहद खूबसूरत है। प्रकृति ने तो खूबसूरती से नवाजा ही है। वहीं सांकृतिक रूप से भी ये इलाका समृद्ध है। यहां पर कई ट्रैकिंग रूट तो पर्यटकों की पहेली पसंद भी है। खास तौर पर गोविंद पशु विहार में पड़ने वाले गाँव अपनी मेहमान नवाजी से सबक दिल जीत लेते हैं। अभी कई इलाके ऐसे है जिनको एक्स्प्लोर किया जाना है और वह आज भी पर्यटकों से दूर हैं।

दून घाटी : उत्तराखंड में शिवालिक पहाड़ियों या शांत घाटी का प्रवेश द्वार

दून घाटी भारतीय हिमालय के उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में निचले हिमालय में शिवालिक पहाड़ियों के भीतर एक असामान्य रूप से चौड़ी विस्तृत और लंबी घाटी है। दून घाटी के भीतर उत्तराखंड राज्य की राजधानी देहरादून शहर स्थित है।

दून घाटी देहरादून के लिए एक स्थानीय शब्द है, विशेष रूप से शिवालिक में या शिवालिक और उच्च हिमालयी तलहटी के बीच एक खुली घाटी को कहा जाता है।

सौर घाटी : उत्तराखंड में सबसे छोटी, शांत और सुंदर घाटी

पिथौरागढ़ का पुराना नाम सोरघाटी है। सोर शब्द का अर्थ होता है- सरोवर। यहाँ पर माना जाता है कि पहले इस घाटी में सात सरोवर थे। सौर घाटी लगभग 8 किमी तक फैली हुई है।

यह घाटी सुंदर और ऊँचे पहाड़ों से घिरा है, धीरे-धीरे दक्षिण-पूर्व में ढलान है, और उत्तर और पश्चिम में पहाड़ों की उत्पत्ति के लिए स्लेट, चूना पत्थर और ग्रीनस्टोन के एक ट्यूबलर रिज द्वारा उत्तर और दक्षिण में बिशिनेट किया गया है, जो दक्षिण-पूर्व की ओर शाखा करता है।

भिलंगना घाटी : उत्तराखंड में उत्साही घाटी

उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित भिलंगना घाटी, उत्तरी हिमालय श्रृंखला का एक हिस्सा है, जिसमें दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटियों में से कुछ हैं, जिनमें लगभग 5500 मीटर से अधिक कीरी, द्रौपदी-का-डांडा और जानोली शामिल हैं। यह क्षेत्र कई साहसी पैदल यात्रियों को अपने और ट्रेक करने के लिए आकर्षित करता है, जो घाटी में शानदार खतलिंग ग्लेशियर तक पहुँचने के लिए रास्ता तलाशते हैं।

भील घाटी होने के बावजूद, भिलंगना पर्यटकों की एक स्थिर धारा है। खतलिंग ग्लेशियर उत्तराखंड राज्य के जिला टिहरी गढ़वाल में स्थित है, जो अपने उच्च, शांत और सुंदर पहाड़ियों के लिए जाना जाता है।

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