भारत अपनी संस्कृति के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
हर एक राज्य की अपनी संस्कृति अपनी पहचान है। अगर आप एक एसे इंसान हैं, जो इस विषय पर रुचि रखते हैं तो यह स्थान आपके लिए उचित है।
भीमताल से भवाली मोटरगाड़ी मार्ग पर स्थित लोक संस्कृति संग्रहालय(Folk Museum and Art gallery) उत्तराखंड की लोक संस्कृति को दर्शाता है।
यह संग्रहालय पद्मश्री पुरूस्कार प्राप्तकर्ता डॉ. यशोधर मठपाल जी का है।
डॉ. यशोधर मठपाल एक भारतीय पुरातत्वविद्, चित्रकार, क्यूरेटर, गांधीवादी और रॉक कला संरक्षणवादी हैं। उन्हें गुफा कला के अध्ययन के लिए सबसे अधिक जाना जाता है, विशेष रूप से भीमबेटका रॉक शेल्टर, बरेछीना (उत्तराखंड) और केरल में। उन्होंने 1983 में नैनीताल जिले के भीमताल में लोक संस्कृति संग्रहालय की स्थापना की।
इस संग्रहालय के भीतर दो संग्रहालय हैं,
पहला उत्तराखंड की लोक संस्कृति का,
दूसरा मठपाल जी की चित्रकारी का।
पिछले महीने ही मुझे यहां जाने का अवसर प्राप्त हुआ, भीतर जाने के लिए 100rs/व्यक्ति शुल्क देना अनिवार्य है। परंतु यह शुल्क वास्तव में उचित है।
मठपाल जी की चित्रकारी सच मे मनमोहक हैं, और कई साल पुरानी होने के बावजूद अभी भी नयी लगती है। यह संग्रहालय निजी संपत्ति है। अगर आपको आपनी अगली कुमाऊँ यात्रा से कुछ पल मिले, तो यहां जरूर जाएं।
#UttarakhandTourism #UltimateUttarakhand
#UttarakhandTourism #UltimateUttarakhand