घूमना भी है और खाना भी? इन से अच्छी जगहें नहीं मिल पाएँगी

Tripoto
23rd Aug 2020
Photo of घूमना भी है और खाना भी? इन से अच्छी जगहें नहीं मिल पाएँगी by Deeksha

हम भारतीय खाने के बड़े शौकीन होते हैं। जितने अलग हम उतना ही विविध हमारे खाने पीने के तरीके। चाहे राजस्थान हो या बंगाल, कश्मीर हो या केरल, यहां हर राज्य की अपनी एक पारंपरिक पाक शैली है। इन्हीं सब अलग अलग व्यंजनों से सजी एक विशाल थाली ही तो भारत है। हमे खाना जितना पसंद है उसे कहीं ज़्यादा हम खाना खिलाने में विश्वास रखते है। मेहमान नवाजी जैसे हमारे दिल में बस्ती है। और इसके बाद साथ बैठ कर खाना खाने का जो एहसास होता है वो सबसे अनमोल पलों में शुमार होता है। कहते हैं खाने पर बनाए हुए रिश्ते सबसे गहरे रिश्ते होते हैं। फिर आप घर से दूर किसी जगह पर बैठ अंजान लोगों के साथ ही क्यों न हों, अगर खाने पर चर्चा हो रही है तो यकीन मानिए हर किसी के पास अपनी एक अलग डिश तैयार रहती है। आज उन रसोइयों के बारे में जान लेते हैं जहां हर रोज़ कुछ ऐसे ही रिश्ते बनाए जाते हैं।

1. स्वर्ण मंदिर, अमृतसर

श्रेय: नेट जियो ट्रेवलर।

Photo of अमृतसर, Punjab, India by Deeksha

अमृतसर की शान स्वर्ण मंदिर को कौन नहीं जाता। सुनहरे रंग में जगमगाता यह मंदिर सिक्खों का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल में से एक है। अगर आप सिख संस्कृति से थोड़ा भी परिचित हैं तो आपको यह ज़रूर पता होगा कि हर गुरुद्वारे में लंगर का आयोजन होता है। 1481 में गुरु नानक द्वारा शुरू की गई यह प्रथा आज हजारों लोगों के लिए खाना खाने का एकमात्र तरीका है। यहां सभी धर्म जाति के लोग एक साथ बैठ कर खाना खाते हैं। वैसे तो लंगर हर गुरुद्वारे का अभिन्न हिस्सा है पर स्वर्ण मंदिर में होने वाला लंगर इन सबसे थोड़ा अलग और ख़ास है। अलग तरह का खाना होना इसकी वजह नहीं है। यह लंगर इतने बड़े पैमाने पर होता है कि आप देखते ही रह जाएंगे। यहां काम करने वाला हर व्यक्ति पूरे श्रद्धा भाव के साथ लोगों को खाना परोसता है। हर रोज़ यहां करीब 50000 लोगों को खाना खिलाया जाता है। ख़ास त्योहारों पर यह संख्या 100000 तक भी चली जाती है। यहां बैठने के लिए दो बड़े हॉल हैं जहां 5000 लोग एक बार में खाना खा सकते हैं। खाना लेने का एक ख़ास तरीका है। आपको हाथ फैला कर है खाना लेना होगा। अगर आपका कभी अमृतसर आना हो तो स्वर्ण मंदिर के लंगर का ज़ायका ज़रूर लेना चाहिए।

2. श्री साईं संस्थान प्रसादालय, शिरडी

श्रेय: रग्यान।

Photo of शिरडी, Maharashtra, India by Deeksha

शिरडी के साईं संस्थान प्रसादालय को एशिया का सबसे बड़ा प्रसादालय होने का सम्मान मिला हुए है। वजह है यहां का डायनिंग हॉल जहां एक बार में 5500 लोग बैठ कर खाना खा सकते हैं। यहां हर रोज़ लगभग 100000 लोगों को खाना खिलाया जाता है। यह प्रसादालय दो हिस्सों में बंटा हुआ है। इसका पहला हिस्सा ग्राउंड फ्लोर का हॉल जिसमें 3500 लोग बैठ सकते हैं और दूसरा हिस्सा पहले फ्लोर पर बने दो विशाल हॉल है। हर एक हॉल की क्षमता 1000 है। यहां अब केवल 5 रुपए में भर पेट खाना खा सकते हैं। खाना एकदम सादा और स्वादिष्ट होता है। यहां खाने में दाल, चावल, रोटी, दो तरह की सब्जी और साथ में एक मिठाई होती है। ख़ास बात यह भी है यहां सारा काम सोलार पॉवर को इस्तेमाल करके होता है। प्रसादालय सुबह 10 बजे से लेकर रात 10 बजे तक खुला रहता है। आप इसके बीच में कभी भी का कर खाना खा सकते हैं। काम के साथ बिजली और ईंधन की भी भरपूर बचत करने वाले इस प्रसादालय में आपको एक बार ज़रूर खाना खा लेना चाहिए।

3. तिरुपति बालाजी, आंध्र प्रदेश

श्रेय: तिरुमाला तिरुपति यात्रा।

Photo of आंध्र प्रदेश, India by Deeksha

दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में शुमार तिरुपति बालाजी में भी हर रोज़ हजारों श्रद्धालुओं के लिए खाना बनता है। यहां की रसोई का नाम अन्नदानाम रखा गया है। खास बात यह है यहां पर आपको खाना केले के पत्ते पर परोसा जाएगा जिससे खाने का स्वाद और भी बढ़ जाता है। आम तौर पर खाने में चावल, संभर और साथ में एक सब्जी या चटनी परोसी जाती है। लोग पूरे श्रद्धा मन के साथ सेवा करते हैं और मानना है कि खाना खिलाना भगवान की पूजा करने का सबसे अच्छा तरीका है। सीधे शब्दों में कहें तो दक्षिण भारत की संस्कृति से रूबरू होना चाहते हैं तो आपको तिरुपति बालाजी ज़रूर हो आना चाहिए।

4. वैष्णो देवी, जम्मू और कश्मीर

Photo of जम्मू और कश्मीर by Deeksha
Photo of जम्मू और कश्मीर by Deeksha

श्री माता वैष्णो देवी समिति ने साल 2019 में यहां आने वाले सभी लोगों के लिए लंगर आयोजन करना शुरू किया था। तबसे लेकर अब तक यह सुविधा यहां हर व्यक्ति के लिए खुली हुई है। कटरा से 3 किलोमीटर दूर तरकोट में यह लंगर आपको बड़ी आसानी से मिल जाएगा। यहां हर रोज़ 8500 लोगों को खाना खिलाया जाता है। खाने में जम्मू का पारंपरिक खाना दाल, चावल और अंबल दिया जाता है। यह लंगर केवल डोनेशन पर चलता है। खास बात यह है कि यह लंगर 24 घंटे खुला रहता है। आप कभी भी जा कर खाना खा सकते हैं। वैसे वैष्णो देवी की चढ़ाई में भी आपको जगह जगह पर ऐसे लंगर मिल जाएंगे। वैसे थका देने वाली चढ़ाई के बीच में अगर गर्म - गर्म राजमा चावल मिल जाए तो क्या ही बात है!

5. इस्कॉन मंदिर, अक्षय पात्र फाउंडेशन, कर्नाटक

श्रेय: स्वच्छ इंडिया।

Photo of कर्नाटक, India by Deeksha

अक्षय पात्रा फाउंडेशन का इस्कॉन मंदिर मेरी इस लिस्ट में पांचवा नाम है। अक्षय पात्रा फाउंडेशन एक गैर लाभकारी संगठन है को दुनिया भर में अपने कर्मठ भाव के लिए प्रसिद्ध है। इनके इस्कॉन मंदिर में भी आपको फ़्री में खाना मिल जाएगा। यहां हर पांच घंटों में लगभग 150000 लोगों के लिए खाना बनता है। खास बात यह है कि अक्षय पात्रा फाउंडेशन देश भर में स्कूलों को भी खाना मुहैया कराता है। इनके इस प्रोग्राम में ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों बच्चों को हर रोज़ खाना सप्लाई किया जाता है। खाना बनाते समय पूरी सावधानी रखी जाती है। साफ - सफाई और खाना पोष्टिक हो इसका खास ध्यान रखा जाता है।

इन बातों का रखें ध्यान:

1. यह सभी जगह अधिकांश तौर पर आम लोगों से मिलने वाले डोनेशन पर काम करती हैं। इसलिए यहां डोनेशन देने से कतराइयेगा नहीं।

2. इन सभी जगहों के अपने कुछ कायदे हैं जिन्हें मानना होगा।

3. थाली में उतना ही खाना लें जितना खा पाएं।

4. खाने से पहले वॉलंटियर ज़रूर करें।

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