जब भी सभी धर्मों की आस्था की बात होती है अमृतसर का स्वर्ण मंदिर जरूर नज़रों के सामने आता है। लाखों लोगों को प्रतिदिन लंगर खिलाने वाला यह मंदिर वास्तव में अपने आप में कुछ अलग स्थान रखता है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि यह मंदिर कई किलो सोने से सुसज्जित है। वास्तव में अमृतसर के केंद्र में स्थित, स्वर्ण मंदिर देश के सबसे प्रसिद्ध गुरुद्वारों में से एक है जो आस्था की अनोखी कहानी बयां करता है।
*स्वर्ण मंदिर* जो श्री *हरमंदिर साहिब* के नाम से जाना जाता है, पंजाब के समृद्ध इतिहास में एक अभिन्न भूमिका निभाता है। वास्तव में यह धार्मिक विरासत न सिर्फ सिखों के लिए बल्कि सभी धर्मों के लोगों के लिए सबसे पवित्र तीर्थ स्थल के रूप में सामने आता है। न जाने कितनी खूबियों को अपने आप में समेटे हुए *सिखों* का यह सबसे बड़ा धार्मिक स्थल दूर-दूर से आने वाले लोगों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र है। चाहे इसमें लंगर चखने की बात की जाए या फिर इसकी अनोखी संरचना के बारे में बताया जाए, वास्तव में स्वर्ण मंदिर कुछ ख़ास है। आइए जानें अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के इतिहास और इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जो श्रद्धालुओं को सदियों से अपनी ओर आकर्षित करता चला आ रहा है
*पवित्र सरोवर से घिरा हुआ है*
स्वर्ण मंदिर के आस-पास के कुंड को अमृत सरोवर के नाम से जाना जाता है जिसे भक्तों द्वारा बहुत पवित्र माना जाता है। पूजा करने से पहले सभी श्रद्धालु सरोवर के पवित्र जल में स्नान करते हैं। लोगों का मानना है कि पवित्र कुंड के पवित्र जल में डुबकी लगाने से आध्यात्मिक संपत्ति प्राप्त की जा सकती है। पहले कुछ धर्म गुरुओं का मानना था कि अमृत सरोवर में डुबकी लगाने से सभी बीमारियां दूर हो जाती हैं
*लंगर खाना*
दुनिया का सबसे बड़ा लंगर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में होता है। यहां रोज लाखों लोग लंगर चखते हैं और इसमें बनाया जाने वाला भोजन पूरी तरह से शाकाहारी होता है। इस लंगर में आमतौर पर रोटियां, दाल, सब्जी और मीठा होता है। श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए इस लंगर में लगभग 2 लाख रोटियां आधुनिक मशीनों से तैयार की जाती हैं। इसे दुनिया की सबसे बड़ी रसोई माना जाता है, जहां एक घंटे में लगभग 25 हजार रोटियां तैयार की जाती हैं। यह लंगर 24 घंटे श्रद्धालुओं को लंगर सेवा प्रदान करता है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि यहां परोसे जाने वाली सभी भोजन सामग्रियां भक्तों द्वारा दिए गए दान की होती हैं।
स्वर्ण मंदिर में इस्तेमाल किए गए सोने की बात की जाए तो इसमें 500 किलोग्राम से भी अधिक सोने का इस्तेमाल किया गया है। इसके सोने के सभी कोट देश के विभिन्न हिस्सों के कुशल कलाकारों द्वारा बनाए गए थे। यह सब 24-कैरेट सोने से बना है, जो आज भारतीय घरों में मौजूद 22-कैरेट सोने से कहीं अधिक शुद्ध है। महाराजा रणजीत सिंह ने स्वर्ण मंदिर को बनाने में सोने की सिर्फ 7-9 परतों का इस्तेमाल किया। इसमें 4 साल के लंबे नवीनीकरण के दौरान, 24 परतों का उपयोग किया गया था।
*शिल्प सौंदर्य की मिसाल*
लगभग 400 साल पुराने इस गुरुद्वारे का नक्शा खुद गुरु अर्जुन देव जी ने तैयार किया था। यह गुरुद्वारा न सिर्फ भारत में बल्कि पूरे विश्व में शिल्प सौंदर्य की एक अनूठी मिसाल प्रस्तुत करता है। इसकी नक्काशी और बाहरी सुंदरता दूर-दूर से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। मंदिर को संगमरमर की मूर्तियों और चित्रों से सजाया गया है। शीर्ष पर गुंबद शुद्ध सोने से बना हुआ है और गुरुद्वारा भी सोने के पैनलों से घिरा हुआ है।
*स्वर्ण मंदिर कैसे जाएं*
चूंकि आप भी अच्छे से जानते होंगे कि भारत का पंजाब राज्य सबसे अधिक विकसित राज्यों में से एक है और यहां के लोग भी समय को ध्यान में रखते हुए अपने कामों को ही अधिक महत्व देते हैं, इसलिए पंजाब में विकास कार्य भी काफी ज्यादा हुआ है। अगर आप पंजाब राज्य में स्थित अमृतसर के स्वर्ण मंदिर जाने के लिए फ्लाइट, ट्रेन या बस की सुविधा लेना चाहते हैं, तो आपको ये सभी चीजें अमृतसर के आसपास भी देखने को मिल जाएगी। आइए समय न गंवाते हुए जानते हैं कि स्वर्ण मंदिर कैसे पहुंचे?
*फ्लाइट से स्वर्ण मंदिर कैसे पहुंचे –*
अमृतसर में एक एयरपोर्ट भी है, जहां के लिए देश के अलग-अलग शहरों से कई सारी फ्लाइट अपनी उड़ानें भरती हैं। अगर आपके पास बजट है, तो आप फ्लाइट के माध्यम से भी अमृतसर जा सकते हैं।
*ट्रेन से स्वर्ण मंदिर कैसे पहुंचे –*
अमृतसर रेलवे स्टेशन भी काफी बड़ा और फेमस रेलवे स्टेशन है, जहां देश के काफी सारे शहरों से ट्रेन की सुविधा उपलब्ध होती है। अगर आप ट्रेन से स्वर्ण मंदिर जाने का प्लान कर रहे हैं, तो आप अपने शहर से अमृतसर के लिए डायरेक्ट ट्रेन पकड़ सकते हैं।