
हम सभी जानते हैं कि राजस्थान राज्य का भारत के पर्यटन में एक विशेष स्थान है और राजस्थान की यात्रा इसकी राजधानी शहर, खूबसूरत गुलाबी शहर जयपुर में आए बिना पूरी नहीं होगी।
जयपुर शहर कितना खूबसूरत है यह तो सभी पर्यटकों को पता है लेकिन सबसे ज्यादा जयपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों जैसे जल-महल, हवा महल, आमेर किला, सिटी पैलेस, जंतर मंतर आदि देखने आते हैं। लेकिन आज हम आपको जयपुर के एक छिपे हुए स्थान के बारे में बताएंगे जो जयपुर शहर से थोड़ा बाहर है और यही वजह है कि ज्यादातर ट्रैवल एजेंट इस जगह को नजरअंदाज कर देते हैं और इसलिए यह अद्भुत फोटोशूट लोकेशन अभी भी ज्यादातर पर्यटकों की भीड़ से दूर है।

लेकिन जैसा कि यह पर्यटकों की भीड़ से दूर है, इसलिए यदि आप इस जगह पर जाते हैं तो आप इसे शांति से देख पाएंगे और आप शहर की भीड़ से दूर कुछ समय बिता सकते हैं और यहां तक कि आप अपने कैमरे पर कुछ खूबसूरत पलों को क्लिक कर सकते हैं और वो भी बिना किसी बैकग्राउंड डिस्टर्बेंस के।
जी हाँ हम बात कर रहे हैं जयपुर में अरावली पहाड़ियों से घिरे नाहरगढ़ किले कि तलहटी में में स्थित शाही गैटोर कि छतरियों की। तो चलिए बताते हैं आपको इस शानदार लोकेशन के बारे में....

छतरियों का इतिहास
गैटोर शब्द का अर्थ ‘गए का ठौर' से है। छतरियों को 18वीं शताब्दी में जयपुर के संस्थापक महाराजा जयसिंह द्वितीय ने नामांकित किया था। प्रत्येक छतरी एक बेहतरीन वास्तुकला का एक सुंदर नमुना है। संगमरमर से बनी सबसे प्रभावशाली लगती है और अन्य छतरियां जो की बलुआ पत्थर से बनी है, भी बहुत खूबसूरत लगती है। सन् 1733 से यहां हर कछवाहा राजा का दाह संस्कार किया जाता था, सिर्फ महाराजा सवाई ईश्वरी सिंह को छोडकर जिनका अंतिम संस्कार जयपुर के सिटी पैलेस में किया गया था यहां राजाओं के दाह संस्कार करने के बाद उस स्थान पर उनकी स्मृति में छतरियों का निर्माण करवाया गया था।


इस जगह के तीन हिस्से हैं जो सबसे पुराना है जो प्रवेश द्वार से सबसे दूर है। परिसर के बीच वाले हिस्से में सीढ़ियों से आप छतरियों के ऊपर भी जा सकते हैं जहां से पूरा दृश्य बेहद ही अद्भुत होता है।

यह जगह किसी भी तरह के फोटोशूट और विशेष रूप से प्री वेडिंग शूट के लिए बहुत प्रसिद्ध है। अगर आप जयपुर के किसी भी प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पर जाते हैं तो आपको हर जगह पर्यटकों की भीड़ जरूर मिलेगी लेकिन यहां आप शांति और प्रकृति की गोद में अरावली की पहाड़ियों के बीच कुछ समय बिता सकते हैं। आप अद्भुत स्मारकों के साथ कुछ शानदार तस्वीरें ले सकते हैं। वास्तव में हरे भरे बगीचे के साथ, ये खूबसूरत छतरियां और भी अद्भुत लगती हैं और आपको जयपुर में कहीं भी ऐसी जगह नहीं मिलेगी।

बीच वाले परिसर में एक प्राचीन शिव मंदिर भी है और कहा जाता है कि यह मंदिर इन छतरियों से भी पुराना है।

टिकट और प्रवेश का समय:
प्रवेश टिकट 30 रुपये के हैं और प्रवेश का समय सुबह 9:30 से शाम 5:30 बजे तक है।
यदि आप इस स्थान के बारे में और इस तरह के कई अन्य स्थानों के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो दिए गए लिंक से आप हमारे Youtube चैनल WE and IHANA पर जा सकते हैं। आप हमारे गैटोर कि छतरियों के व्लॉग को भी देख सकते हैं।
Youtube Channel Link:
https://youtube.com/c/WEandIHANA
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