अगर आप भी मेरी तरह मार्वल सिनेमेटिक यूनिवर्स की फिल्मो के दीवाने हैं ,तो फ़िलहाल चल रही वेब सीरीज ''मून-नाइट'' मे मिस्त्र की सभ्यता और ममी से इसका जुड़ाव वगैरह देख ही रहे होंगे। इसी को देखते हुए सोचा क्यों ना एक दिन ममी ही देख आये। मुझे यह पता था जयपुर में ममी देखी जा सकती हैं।जयपुर मेरा आना जाना लगा रहता ही हैं तो इस बार इसे देख ही लिया। लेकिन मे किस जगह ?
तो चलो देखते हैं -
जयपुर के प्रसिद्द रामनिवास बाग के पास ही स्थित हैं यहाँ की एक प्रसिद्द इमारत। जिसके बार से हज़ारो बार मे निकलता था लेकिन बचपन मे शायद एक दो बार के अलावा, मैं कभी इसके अंदर गया नहीं। जयपुर की सबसे व्यस्ततम मार्ग में से एक मार्ग पर स्थित इस इमारत का नाम हैं ''अल्बर्ट हॉल म्यूज़ियम''। दूर से आप देखेंगे कि इस खूबसूरत ईमारत के चारो ओर एक छोटा सा बगीचा हैं ,जिसके बाहर की ओर सड़क से लगी खाली जगह पर सेकड़ो कबूतर दाना चुगते रहते हैं।
पार्किंग के पास ही इसके टिकट (50 /- PP )लेकर आप अंदर प्रवेश कर सकते हैं। इस संग्राहलय को दो मंजिलो मे बसाया हुआ हैं। प्रथम मंजिल मे प्रवेश करते ही सबसे पहले आप 'कालीन/CARPET ' वाले जोन में प्रवेश होंगे। जहाँ अलग अलग समय की रंग बिरंगी कालीन देख सकते हैं। सभी के साथ उनके बारे मे जानकारी भी बताई हुई है। इसके बाद अलग अलग हॉल्स में अलग अलग कैटेगरी के हिसाब से वस्तुए संग्रहित की हुई देखने को मिलेगी। जैसे -हाथी दांत से बने सामान ,विभिन्न कालों एवं शैली की मूर्तियां , प्राचीन काल के वाद्यंयत्र ,सिक्के ,बर्तन ,आभूषण आदि। यह सब दो मंजिलों मे फैला हैं। अंदर की दीवारों पर मिस्त्र, ग्रीक ,यूरोपियन ,मेसोपोटामिया आदि की सभ्यताओं से जुड़े चित्र एवं उनसे जुडी जानकारी मिलेगी।
अब जो यहाँ का सबसे बड़ा आकर्षण है वो है - मिस्त्र की ममी। इस म्यूज़ियम को देखने काफी लोग इस ममी की वजह से आते हैं। मिस्त्र की सभ्यता से जुड़े चित्र और मूर्तियों के साथ यहाँ ओरिजिनल ममी भी रखी हुई हैं। यह ममी एक औरत की हैं जिसकी जानकारी भी यहाँ दी हुई हैं। इसका 2011 मे किया हुआ एक X-RAY भी साथ लगाया हुआ हैं। हालाँकि ममी को आप ताबूत में ढका हुआ ही देख पाएंगे तो उतना ओरिजिनालिटी वाला फील नहीं आएगा।
इसी के साथ ही एग्जिट भी पास ही बना है ,जहाँ से नीचे जाकर आप कठपुतली शो भी देख सकते हैं। बाहर कबूतरों को दाना डाल सकते हैं। सैकड़ों कबूतरों के बीच इस ईमारत के साथ फोटो ले सकते हैं। कुछ ही दूरी पर प्लेनेटोरियम भी बना हैं वहां जाकर स्पेस और प्लैनेट्स के बारे में जानकारी ले सकते हैं।
अन्य पर्यटन स्थल : आमेर किला ,नाहरगढ़ ,जयगढ़ ,वेक्स म्यूज़ियम , वर्ल्ड ट्रेड पार्क , जंतर मंतर आदि।
सही मौसम : अप्रैल से जून के अलावा कभी भी। अगस्त -सितम्बर में हालाँकि बारिश काफी मिलती हैं।
कैसे पहुंचे : राजस्थान की राजधानी जयपुर ,सड़क ,रेल और वायुमार्ग से सीधा पंहुचा जा सकता हैं।
धन्यवाद
-ऋषभ भरावा (लेखक -'चलो चले कैलाश ')