हर शहर की अपनी कहानी होती है। शहर की उस कहानी को जानने के लिए शहर को घूमना पड़ेगा, पैदल नापना पड़ेगा और समझना पड़ेगा। वैसे तो गुजरात की धरती अपनी गोद में कई बेशकीमती नगीने लिए बैठा है लेकिन एक नगीना ऐसा है जिसके बारे में बहुत कम लोगों को पता है, जूनागढ़। जूनागढ़ आजादी के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पन्ना है लेकिन घुमक्कड़ों की नजर में ये अभी तक आया नहीं है। जूनागढ़, अपनी नवाबी से प्रकृति की छंटा तक के लिए जाना जाता है। अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं और इतिहास को करीब से देखने की चाहते रखते हैं। उससे भी बड़ी बात आपके अंदर घुमक्कड़ी का कीड़ा है तो इस शहर को देख लेना चाहिए। क्योंकि जूनागढ़ को देखे बिना गुजरात घूमना अधूरा ही है।
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कभी भारत की एक रियासत रहा जूनागढ़ गुजरात में सबसे ऊंची जगह पर बसा है। जूनागढ़ में आठ सौ ज्यादा हिन्दू और जैन मंदिर हैं। जूनागढ़ का अर्थ है पुराना किला। गिरनार पहाड़ी पर बसे इस शहर का नाम जूनागढ़ के किले के नाम पर है। जूनागढ़ को चन्द्रगुप्त मौर्य, अशोक से लेकर भारत के विभाजन के समय तक याद किया जाता है। इसके बाद जूनागढ़ भारत का हिस्सा हो गया।
इन जगहों पर जाएं
जूनागढ़ गुजरात की राजधानी गांधीनगर से 341 किमी. दूर है। जूनागढ़ की वास्तुकला बहुत पुरानी है, जो देखने लायक है। ये शहर घुमक्कड़ों के लिए परफेक्ट जगह है लेकिन इसको अभी ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई है। इस शहर को अभी ज्यादा एक्सप्लोर नहीं किया है। यहां गुफाएं, मंदिर और खूबसूरत किले हैं। अगर आपने अब तक इस शहर को नहीं देखा है तो पहली फुर्सत में इसे देखना चाहिए। अगर आप इस शहर में जाएं तो इन जगहों पर जरूर जाएं।
1- गिरनार हिल्स
जूनागढ़ को घूमने की शुरूआत गिरनार की पहाड़ियों से कर सकते हैं क्योंकि ये जूनागढ़ से बहुत दूर नहीं है। गिरनार हिल्स जूनागढ़ शहर से 5 किमी. की दूरी पर है। गिरनार हिल्स पांच पहाड़ियों का एक समूह है। इनके बारे में कहा जाता है कि इनकी उत्पत्ति वेदों से हुई है। इन पांच चोटियों में से एक गोरखनाथ राज्य की सबसे ऊंची चोटी है। जहां से प्रकृति के शानदार नजारे देखने को मिलते हैं। यहां आप ट्रेकिंग भी कर सकते हैं। इसके अलावा इन पहाड़ियों पर बहुत पुराने हिन्दू और जैन मंदिर हैं। नंवबर-दिसंबर में कार्तिक पूर्णिमा पर यहां एक मेला लगता है। जिसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं।
2- गिर नेशनल पार्क
जूनागढ़ में एक फेमस नेशनल पार्क है, गिर नेशनल पार्क। जहां पूरे देश के सबसे ज्यादा शेर वहीं पाए जाते हैं। अगर आपको जूनागढ़ में एडवेंचर करना चाहते हैं तो गिर नेशनल पार्क की सैर जरूर कीजिए। 1,412 वर्ग किमी. में फैला गिर नेशनल पार्क जूनागढ़ से 65 किमी. की दूरी पर है। 1965 में स्थापित इस अभ्यारण्य में शेर के अलावा चीता, नीलगाय, जंगली बिल्ली, खरगोश, लकड़बग्घा और कोबरा दिखाई पड़ते हैं।
3- अपरकोट किला
अगर आप जूनागढ़ में शांत और सुकून वाली जगह पर जाना चाहते हैं तो आपको अपर अपरकोट किले को देखना चाहिए। शहर के बीचों-बीच स्थित ये किला लगभग 2,300 साल पुराना है। इसे किले को 319 ईसा पूर्व में चन्द्रगुप्त र्मार्य ने बनाया था। किले के चारों तरफ 20 मीटर की ऊंची-ऊंची दीवारें हैं। इसे किले में आप बौद्ध गुफाएं, बावड़ी, मकबरा और मस्जिद देख सकते हैं। किले के चारों तरफ पहाड़ी और हरियाली है, जो इस जगह पर चार चांद लगाती है।
4- दत्त हिल्स
पर्वत शिखर के टाॅप पर स्थित गुजरात का एक पवित्र स्थल है। इस जगह की खासियत ये है कि इसकी पूजा हिन्दू-मुसलमान दोनों करते हैं। मंदिर से पूरे शहर का शानदार नजारा दिखता है। ये नजारा वैसा ही होता है जैसा नाहरगढ़ किले से जयपुर दिखाई देता है। अगर आप भी उस नजारे के गवाह बनना चाहते हैं तो दत्त हिल्स पर जरूर जाएं।
5- महाबत मकबरा
इस मकबरे को नवाबों ने 19वीं सदी के अंत में बनाया गया था। इस मकबरे में बहादुद्दीन की समाधि है। इस मकबरे की अनूठी वास्तुकला और नक्काशी देखने लायक है। मकबरे की खिड़कियों पर पत्थर की नक्काशी, चांदी से सजे पोर्टल्स और घुमावदार सीढ़ियां बेहद खूबसूरत हैं। अगर आप जूनागढ़ जाएं तो इंडो-इस्लामिक शैली में बने इस मकबरे को जरूर देखें।
मंदिरों का गढ़
1- भवनाथ मंदिर
जूनागढ़ में बहुत सारे मंदिर है, शायद इसलिए इसे मंदिरों का गढ़ भी कहा जाता है। गिरनार पहाड़ी की तलहटी में स्थित ये शिव मंदिर गुजरात का बहुत प्रसिद्ध मंदिर है। महाशिवरात्रि को यहां कुंभ मेले जैसा माहौल होता है। उस दिन देश के कोने-कोने से नागा साधु बाबा आते हैं और मंदिर में पूजा करते हैं।
2- कालिका मंदिर
भवनाथ मंदिर के अलावा यहां कालिका मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध है। इसे अघोरियों का मंदिर कहा जाता है। साधु अपने शरीर पर भस्म लगाए हुए रहते हैं। उनको देखकर लगता है कि ये शिव की टोली है। शिवजी के भक्त इस मंदिर में जरूर आते हैं। इसके अलावा यहां दत्तात्रेय मंदिर है जो गिरनार के सबसे ऊंचे पर्वत पर स्थित है।
3- अड़ी-कड़ी वाव
राजस्थान के अलावा गुजरात भी गहरे कुओं और बावलियों के लिए जाना जाता है। जूनागढ़ में अड़ी-कड़ी नाम का एक कुआ है। जिसके बारे में एक कहानी यहां प्रचलित है। कहा जाता है कि जब इस कुएं की खुदाई चल रही थी। कई महीनों के बाद भी जब पानी नहीं निकला तब एक ज्योतिषी की सलाह पर दोनों बहनों ने कुएं में कूदकर अपनी जान दे दी। उसके बाद कुआ पानी से भर गया और कभी सूखा नहीं। इस कुएं को यहां के लोग बहुत पवित्र मानते हैं।
कैसे पहुंचे?
जूनागढ़ वैसे तो बहुत खूबसूरत और घुमक्कड़ी के लिए मुफीद जगह है लेकिन इसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। यहां आप सड़क मार्ग, ट्रेन और फ्लाइट से पहुंच सकते हो। गुजरात की राजधानी गांधीनगर से जूनागढ़ की दूरी 341 किमी. है। अगर आप यहां फ्लाइट से जाने की सोच रहे हैं तो सबसे नजदीकी हवाई अड्डा राजकोट एयरपोर्ट है। राजकोट से जूनागढ़ की दूरी 102 किमी. है। आप वहां से टैक्सी बुक करके आ सकते हैं या बस से भी आ सकते हैं। जूनागढ़ सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप अपनी गाड़ी से या बस से यहां पहुंच सकते हैं। इसके अलावा आप जूनागढ़ रेल मार्ग से भी कनेक्टड है। जूनागढ़ जंक्शन शहर से 1 किमी. की दूरी पर है।
इस बड़े शहर में ठहरने की कोई दिक्क्त ही नहीं है। यहां आपको छोटे-बड़े, महंगे-सस्ते हर प्रकार के होटल आपको मिल जाएंगे। अगर आप हाॅस्टल में ठहरना चाहते हैं तो जूनागढ़ में वो भी उपलब्ध हैं। इस शहर को अब तक घुमक्कडों ने अपनी नजर से दूर रखा है। आप इस शहर में जाएंगे तो आपको पता चलेगा कि ये कितना खूबसूरत है।
क्या आप कभी जूनागढ़ यात्रा पर गए हैं? अपने सफर का अनुभव यहाँ लिखें।
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