मनाली से कुछ घंटों दूर बसी ये जगह देती है "मी टाइम" एन्जॉय करने का बेहतरीन मौका

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Photo of मनाली से कुछ घंटों दूर बसी ये जगह देती है "मी टाइम" एन्जॉय करने का बेहतरीन मौका by Deeksha

क्या किसी फेमस पर्यटन स्थल पर जाकर आपका भी मन कहीं खो जाने का करता है? जिससे आप कुछ समय के लिए ट्रेवल की भागदौड़ से दूर रहकर रिलैक्स कर सकें? क्या आपकी ट्रेवल लिस्ट में घूमना और घुमक्कड़ी में खो जाना दोनों शामिल है? अगर आपका जवाब हाँ है तो देश के फेमस हिल स्टेशन से कुछ घंटों की दूरी पर स्थित है जगह आपके लिए बिल्कुल परफेक्ट है। 

मनाली भारत का वो हिल स्टेशन है जो लगभग हर घुमक्कड़ के दिल पर राज करता है। यही वजह से हर साल हजारों की संख्या में लोग मनाली घूमने आते हैं। फिर चाहे वो हनीमून मनाने के लिए हो या कुछ एडवेंचर करने के लिए, मनाली में आपको सभी चीजों का बढ़िया पैकेज मिलता है। बॉलीवुड फिल्मों की वजह से फेमस हुआ ये हिल स्टेशन साल के हर महीने लोगों को भीड़ से गुलजार रहता है। यदि आप उन लोगों में से हैं जिन्हें पहाड़ तो पसंद हैं लेकिन भीड़भाड़ वाली जगह से दूर रहने की चाह भी है तो आपको मनाली से थोड़ी दूर पर स्थित लामादुघ जाना चाहिए। मनाली से एक छोटी-सी हाईक करके आराम से लामाडुग पहुँचा जा सकता है।

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लामादुघ के पहाड़ों की गोद में स्थित हरे-भरे बुग्याल। श्रेय: वांडरलस्ट हिमानी।
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लामादुघ के बुग्यालों में खिले फूल। श्रेय: वांडरलस्ट हिमानी।

लामाडुग असल में कटोरे के आकर का बुग्याल जो गर्मियों के समय खूबसूरत रंग-बिरंगे फूलों से भरा रहता है और सर्दियों के मौसम में बर्फ की चादर से ढक जाता है। यदि आप रानी सुई झील, खनपारी टिब्बा और कलिहिनी पास तक ट्रेक करके जाना चाहते हैं तो लामाडुग आपके रास्ते में पड़ेगा। ट्रेक करने वालों के लिए ये जगह थोड़ा रुककर आराम करने के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है। वैसे लामाडुग की पहचान केवल यहीं तक सीमित नहीं है। यदि आप ट्रेक नहीं भी कर रहे हैं उसके बावजूद आपको लामाडुग की खूबसूरती देखने आना चाहिए। सबसे अच्छी बात ये भी है कि इस ट्रेक को बिना अनुभव वाले लोग भी आसानी से कर सकते हैं जिसकी वजह से यहाँ पहुँचना और भी आसान हो जाता है।

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लामादुघ से दिखाई देने वाले बर्फीले पहाड़। श्रेय: वांडरलस्ट हिमानी।
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सूरज की किरणें पूरे माहौल को और भी ज्यादा खूबसूरत बना देती हैं। श्रेय: वांडरलस्ट हिमानी।

इस आसान से ट्रेक की शुरुआत नसोगी गाँव के दिल्ली पब्लिक स्कूल के पास से होती है। लामाडुग जाने के लिए आपके पास दो ट्रेकिंग रास्तों का विकल्प है। देवदार के घने जंगलों से होकर जाने वाले इस रास्ते पर आपको अखरोट, बलूत और शाहबलूत के पेड़ भी मिलेंगे। इस रास्ते पर आपको कुछ ऐसी जगहें भी मिलेंगी जहाँ से आपको मनाली और ब्यास नदी के आकर्षक नजारों का तोहफा भी मिलेगा।

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कैंपिंग। श्रेय: वांडरलस्ट हिमानी।
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लामाडुग के एहसास को महसूस करती हुई हिमानी की तस्वीर। श्रेय: वांडरलस्ट हिमानी।

10,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित ये जगह एक बड़े से बुग्याल जैसी हैं जो बर्फ ना होने पर हरे-भरे पेड़ और तरह तरह के फूलों से भरी रहती है। केवल यही नहीं लामाडुग से आपको देव टिब्बा और इंद्रसन का भी नजारा दिखाई देता है। रात बिताने के लिए आप इन बुग्यालों में कहीं भी टेंट लगाकर रिलैक्स कर सकते हैं। सुबह उठकर आप अपने कैंप और लामाडुग के आकर्षक नजारों की फोटो भी ले सकते हैं।

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मनाली का दृश्य। श्रेय: वांडरलस्ट हिमानी।
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पहाड़ों की गोद में। श्रेय: वांडरलस्ट हिमानी।

लामाडुग हाईक करने के लिए आपको किसी बड़े ट्रेकिंग ग्रुप की कोई जरूरत नहीं है। आप अपने आप इस ट्रेक को पूरा कर सकते हैं। हालांकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो मनाली से लामाडुग तक का ट्रेक कुछ 8 घंटों में पूरा करके वापस लौट जाते हैं। लेकिन यदि आप इस जगह की खूबसूरती का अच्छी तरह से दीदार करना चाहते हैं तो आपको यहाँ कैंपिंग जरूर करनी चाहिए। अगर आप कैंप करना चाहते हैं तो मनाली से कुछ 300 रुपए में टेंट और 100 रुपए में स्लीपिंग बैग रेंट पर ले सकते हैं। लामाडुग ट्रेक करने के लिए आपको 100 रुपए एंट्री फी के तौर पर भी देने होते हैं। मात्र 500 रुपए में अनलिमिटेड ट्रेकिंग और कैंपिंग एक्सपीरियंस मिल जाए तो किसका दिल नहीं उछल पड़ेगा?

इन बातों का रखें ध्यान:

1. ट्रेक की शुरुआत ओल्ड मनाली से होती है। नसोगी गाँव के दिल्ली पब्लिक स्कूल के पास पानी का टैंक इस ट्रेक का शुरुआती प्वॉइंट है।

2. इस ट्रेक में आपको एक तरफ से कुल 4 से 5 घंटों का समय लग सकता है। ये समय बिना अनुभव वाले लोगों के लिए है। यदि आप फिट हैं तो आप ये ट्रेक इससे कम समय में भी पूरा कर सकते हैं।

3. इस ट्रेक को करने के लिए सबसे सही समय अप्रैल से नवंबर के बीच का होता है। इस समय आपकी बारिश नहीं मिलेगी जिससे आप आराम से बुग्यालों को देख सकते हैं।

4. ये ट्रेक आसान है और बिना अनुभव वाले लोग भी इसको आराम से कर सकते हैं।

क्या मनाली की अगली ट्रिप पर आप भी लामाडुग के बुग्यालों में खो जाना चाहेंगे? हमें कॉमेंट बॉक्स में बताएँ।

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