टीकमगढ़: मध्य प्रदेश का वो जिला जिसे मंदिरों का गढ़ भी कहा जा सकता है

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Photo of टीकमगढ़: मध्य प्रदेश का वो जिला जिसे मंदिरों का गढ़ भी कहा जा सकता है by Deeksha

यात्राओं में हम हमेशा एक नयापन ढूंढते हैं। अपने घर से बाहर निकलकर एक नए शहर और नई दुनिया को टटोल लेने की खुशी हर इंसान को खुश करने के लिए काफी होती है। आखिर खूब सारा भटकना ही तो घुमक्कड़ी में धीरे-धीरे आगे बढ़ना दिखता है। घुमक्कड़ी का हर अंदाज महसूस करने के लिए आपको अलग अलग जगहों पर जाना चाहिए। थोड़ा समय पहाड़ों में बिताना चाहिए तो कुछ समय मैदानी इलाकों के लिए भी बचाकर रखना चाहिए। ऐसा करने से आप हर स्वाद चख पाएंगे। भारत के बीच में स्थित मध्य प्रदेश वो जगह है जहाँ आपको घुमक्कड़ी का सबसे अलग रंग देखने के लिए मिलेगा। इस राज्य के हर शहर में कुछ अलग है। कहीं आपको ढेर सारे किले मिलेंगे तो किसी शहर में झीलों से पूरा संसार बसा हुआ मिल जाएगा। अगर आप भी मध्य प्रदेश में किसी रोमांचक जगह पर जाना चाहते हैं तो आपको टीकमगढ़ आना चाहिए।

टीकमगढ़

मध्य प्रदेश के उत्तरी भाग में स्थित टीकमगढ़ राज्य के सबसे फेमस जिलों में से एक है। पहले के समय में इस जगह को टेहरी के नाम से जाना जाता था। लेकिन बाद में ओरछा के राजा विक्रमजीत ने इस जगह का नाम बदलकर टीकमगढ़ रख दिया। तब से लेकर अबतक इस जिले को टीकमगढ़ के नाम से जाना जाता है। इस जिले का नाम यहाँ स्थित फेमस टीकमगढ़ किले के ऊपर रखा गया है जिसको देखने के लिए देश के हर हिस्से से लोग आते हैं। मध्य प्रदेश की बाकी जगहों की तरह ये जिला भी अपने गौरवशाली इतिहास और शानदार आर्किटेक्चर के लिए जाना जाता है। असल में ये जिला ओरछा के अंदर आता है जिसको रूद्र प्रताप सिंह ने 1501 में स्थापित किया था। टीकमगढ़ को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अकेले इस जिले में ढेर सारे मंदिर हैं। पिछले कुछ सालों में इस जिले ने बदलाव और आधुनिकता के रास्ते पर चलना शुरू किया है जिसकी वजह से आज ये जगह टूरिस्टों के लिए लोकप्रिय डेस्टिनेशन बन चुकी है। अगर आप प्राचीन भारत के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको टीकमगढ़ आने का प्लान जरूर बनाना चाहिए।

क्या देखें?

टीकमगढ़ में देखने के लिए बहुत सारी जगहें हैं। अगर आप इस पूरे जिले को अच्छे से देखना चाहते हैं तो आपको कम से कम 8-10 दिन का प्लान बनाना चाहिए। लेकिन अगर आपके पास समय की कमी है उसके बावजूद भी आप टीकमगढ़ घूमने का मजा ले सकते हैं। ऐसे में पूरा जिला ना घूमकर आपको कुछ खास जगहों को चुनकर उनको देखना चाहिए। ऐसा करने में आपकी कुछ मदद हम कर देते हैं।

1. चतुर्भुज मंदिर

कम शब्दों में कहा जाए तो ये मंदिर अपने आप में कई चीजों का मिला जुला रूप है। इस मंदिर में आपको मंदिर के साथ-साथ महल और किले की झलकियाँ भी देखने के लिए मिलेंगी। जिसकी वजह से इसको इन तीनों चीजों का खूबसूरत मिश्रण भी कहा जाता है। इस मंदिर का आर्किटेक्चर इतना शानदार है कि आपको देखते ही इससे प्यार ही जाएगा। मंदिर के ऊपरी हिस्से में खूबसूरत नक्काशी की गई है जिसमें कमल के फूलों को भी उकेरा गया है। मंदिर के अंदर जाने के लिए आपको कई सारी सीढ़ियाँ चढ़नी होती है। भगवान राम और कृष्ण को मानने वाले लोगों के लिए ये मंदिर बेहद खास है। लेकिन यदि आप प्राचीन भारत में बनने वाली इमारतों में की गई बेहतरीन कारीगरी का नमूना देखना चाहते हैं तो चतुर्भुज मंदिर देखकर आपका दिल खुश हो जाएगा।

समय: सुबह 5 बजे से 12 बजे तक। शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक

2. ओरछा किला

अगर आप टीकमगढ़ में हैं और आपने ओरछा फोर्ट नहीं देखा तो यकीन मानिए आपने अपनी ट्रिप की सबसे कीमती चीज देखना भूल गए हैं। इस किले का निर्माण राजा रूद्र प्रताप सिंह ने 16वीं शताब्दी में करवाया था। बेतवा नदी के तट पर बना ये किला प्राचीन भारत के समृद्ध और गौरवशाली इतिहास को समझने के लिए बहुत अच्छी जगह है। किले का ऐतिहासिक महत्व इस जगह पर आने वाले पर्यटकों की संख्या देखकर ही समझा जा सकता है। केवल यही नहीं ओरछा में बढ़ते पर्यटन को देखते हुए यहाँ हर साल एक भव्य महोत्सव का आयोजन भी किया जाता है। ओरछा फोर्ट बाहर से देखने में जितना आलीशान लगता है अंदर जाने पर भी आपको कुछ वैसा ही महसूस होगा। किले के गलियारों से होते हुए जब आप अंदर पहुँचेंगे, उस एहसास को शब्दों में बांध पाना संभव नहीं है। आप जब भी टीकमगढ़ आने का प्लान बनाएं, इस जन्नत जैसे किले को देखना बिल्कुल ना भूलें।

समय: सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक

3. राजा राम मंदिर

भगवान राम को समर्पित ये मंदिर टीकमगढ़ के तमाम मंदिरों में से एक है। ये मंदिर दिखने में जितना खूबसूरत है इसके बनने के पीछे उतनी ही रोचक कहानी भी है। इस मंदिर का निर्माण राजा मधुकर शाह ने करवाया था। कहा जाता है कि भगवान राम ने सपने में आए और उन्होंने राजा को मंदिर बनाने के लिए कहा था। भगवान की बात का मान रखते हुए राजा ने बिना कोई देर किए एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाना शुरू कर दिया। मंदिर का काम शुरू होने के पहले राजा ने भगवान राम की सुंदर प्रतिमा भी मंगवा ली जिसको उसने अपने महल में रख लिया। मंदिर बनकर तैयार होने के बाद जब मूर्ति को मंदिर में स्थापित करने की बारी आई तो मूर्ति को उसकी जगह से हिलाया ना सका। राजा को तब याद आया कि मंदिर के साथ-साथ भगवान राम ने ये भी कहा था कि मूर्ति उसी जगह स्थापित हो जाएगी जहाँ उसको पहली बार रखा जाएगा। भगवान की बात याद आते ही राजा ने अपना महल दूसरी जगह करवा लिया और ये जगह राजा राम मंदिर के नाम से मशहूर हो गई।

समय: सुबह 8 बजे से 12 बजे तक। शाम 7 बजे से रात 9 बजे तक

4. जहांगीर महल

अगर आप मध्य प्रदेश की सबसे खूबसूरत और शानदार जगहों की सूची बनाएंगे तो उसमें जहांगीर महल का होना निश्चित है। 17वीं शताब्दी में बने इस महल का निर्माण बुंदेला के राजा बीर सिंह देव ने करवाया था। असल में ये महल राजा बीर सिंह देव और मुगल शासक औरंगजेब के बीच हुए समझौते का प्रतीक है। इस महल की लोकप्रियता इसके खास आर्किटेक्चर की वजह से है जो देखने में बेहद सुंदर लगता है। यकीन मानिए महल का मुख्य हॉल देखकर आपकी आँखें खुली की खुली रह जाएंगी। महल की सभी दीवारों और मीनारों पर कमाल की नक्काशी की गई है जो इसकी सुंदरता को और भी बढ़ा देती है। इस महल को देखना किसी सुन्दर सपने को जीने जैसा है। अगर आप इस महल को उसके सबसे खूबसूरत रूप में देखना चाहते हैं तो आपको सनसेट के समय इसको देखना चाहिए। उस समय जहांगीर महल की सुंदरता देखने लायक होती है।

समय: सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक

कहाँ ठहरें?

टीकमगढ़ ऐसी जगह है जो हर घुमक्कड़ के बजट में आराम से फिट हो जाती है। टीकमगढ़ घूमने के लिए आपको ना तो अपनी जेब ढीली करनी पड़ती और ना ही आपको ठहरने के लिए शहर से दूर जाना पड़ता है। टीकमगढ़ में आपको कम बजट से लेकर आलीशान पाँच सितारा होटल और रिजॉर्ट्स तक सब मिल जाएंगे जहाँ आप आराम से ठहर सकते हैं। टीकमगढ़ के होटलों की सबसे अच्छी बात ये है कि सभी होटल और रिजॉर्ट्स मशहूर पर्यटन स्थलों के नजदीक हैं इसलिए आपको कहीं बहुत दूर जाने की भी जरूरत नहीं पड़ती है। ज्यादातर टूरिस्ट ओरछा फोर्ट के आसपास ठहरना पसंद करते हैं। टीकमगढ़ में आप अपने बजट और आराम के हिसाब से कोई भी होटल चुन सकते हैं।

कब जाएँ?

मध्य प्रदेश को भारत का दिल कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये राज्य देश के ठीक बीच में स्थित है। मध्य प्रदेश का ज्यादातर हिस्सा एकदम समतल इलाके में है और चारों तरफ से अलग अलग राज्यों से घिरा हुआ है। बाकी के राज्य की तरह टीकमगढ़ में भी मौसम की मार जोरदार होती है। यहाँ गर्मियों का मौसम बहुत उमस से भरा होता है और यदि आप अपनी ट्रिप को पूरी तरह से एन्जॉय करना चाहते हैं तो हमारी सलाह ये होगी की गर्मियों में टीकमगढ़ जाने से बचें। आप स्प्रिंग और ठंड के मौसम में आराम से टीकमगढ़ घूमने आए सकते हैं। अगर आप सबसे सटीक समय के बारे में जानना चाहते हैं तो अक्टूबर से मार्च के बीच का समय घूमने के लिए एकदम परफेक्ट होता है। लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि क्योंकि साल का ये समय टीकमगढ़ घूमने के लिए सबसे सही है इसलिए इन महीनों में आपको भीड़ मिलना तय है।

कैसे पहुँचें?

टीकमगढ़ आने के लिए आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी होती है। ये जगह देश के बाकी शहरों से अच्छी तरह जुड़ी हुई है जिसकी वजह से बिना किसी परेशानी के यहाँ पहुँचा जा सकता है।

फ्लाइट से: अगर आप फ्लाइट से टीकमगढ़ आना चाहते हैं तो आपको खजुराहो एयरपोर्ट के लिए फ्लाइट लेनी होगी। टीकमगढ़ में कोई एयरपोर्ट नहीं है और खजुराहो सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है जो यहाँ से लगभग 114 किमी. की दूरी पर है। आप देश के किसी भी शहर से खजुराहो के लिए सीधी फ्लाइट ले सकते हैं। खजुराहो एयरपोर्ट से आप टैक्सी बुक करके टीकमगढ़ आ सकते हैं।

ट्रेन से: टीकमगढ़ आने के लिए ट्रेन सबसे सीधा और सरल तरीका है। आप देश के किसी भी कोने से भोपाल पहुँचना होगा जहाँ से फिर आपको ललितपुर जंक्शन के लिए ट्रेन मिल जाएगी। ललितपुर से आप बस या टैक्सी लेकर टीकमगढ़ आ सकते हैं। ललितपुर से टीकमगढ़ की दूरी मात्र 50 किमी. है इसलिए आपको कोई परेशानी नहीं होगी।

वाया रोड: टीकमगढ़ की अच्छी बात ये है कि ये जिला बाकी शहरों से सड़क के माध्यम से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। राष्टीय हाईवे और स्टेट हाइवे दोनों ही टीकमगढ़ से होकर गुजरते हैं। जिसकी वजह से आप मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन की तरफ से चलाई जा रहीं बसें लेकर टीकमगढ़ आ सकते हैं।

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