आपमें से अधिकतर लोग जो कि लगातार पहाड़ों पर ट्रेक या बाइक राइड करते रहते हैं ,उन लोगों को मनाली तो अनेकों बार जाना होता हैं ,कुछ रातें भी रहनी पड़ती हैं। इसका कारण हैं दो बड़े बड़े बाइक सर्किट (स्पीति और लेह बाइक ट्रिप ) मनाली से ही शुरू होते हैं। इनके अलावा मनाली के आसपास से ही कई शुरुवाती लेवल के पैदल ट्रेक भी शुरू होते हैं।तो एक असली घुम्मकड़ के लिए तो मनाली कई बार बोरिंग सा हो जाता हैं क्योंकि यहाँ के सारे फेमस पॉइंट्स वो कई बार घूम चूका होता हैं।ऐसे में उन्हें मनाली के आस पास नई जगहों की तलाश रहती हैं। तो आज का यह आर्टिकल ऐसी ही एक शानदार जगह को ही कवर करेगा।
रुम्सु गाँव
मनाली से करीब 25 किमी दूर नगर नाम का एक प्रसिद्द टूरिस्ट अड्डा हैं। नगर से ही केवल 3 से 4 किमी दूर ही पड़ता हैं गाँव 'रूमसू'। वैसे तो यहाँ के लिए मोटोरेबल रोड है परन्तु यहाँ ट्रेक कर के अगर जाया जाए तो दिन बन जाता हैं। इसका कारण हैं एक तो रास्ते के गजब दृश्य और दूसरा 3 से 4 किलोमीटर पैदल चलने से शरीर जल्दी ही इधर के वातावरण के अनुकूल हो जाता हैं। यह ट्रेक छोटी सी पगडंडियों से होकर गुजरता हैं जहाँ दोनों तरफ देवदार के लम्बे लम्बे वृक्ष और एप्पल के बगीचे आपके साथ चलते नजर आते हैं।
रुम्सु क्यों है ख़ास?
जैसे ही आप यहाँ पहुंचेंगे तो आप अपने आप को लकड़ी के घरों के बीच पाएंगे। आप ढंग से देखेंगे तो ये केवल लकड़ी के ही नहीं अपितु लकड़ी एवं पत्थर को इस्तेमाल करके बनाये गये मकान हैं। ये मकान इस रूमसू गांव के मुख्य आकर्षण हैं। इन खूबसूरत मकानों पर लगी हुई चिमनिया इनकी खूबसूरती में चार चाँद लगा देती हैं। लोग देश विदेश से इधर इन खूबसूरत ट्रेडिशनल मकानों को देखने ,इनमे गेस्ट बनकर रहने और ग्रामीण कल्चर को समझने आते हैं। यहाँ एक दो दिन रहकर आप पहाड़ी लोगों की लाइफस्टाइल से वाकिफ हो सकते हैं ,खुद भी इसका अनुभव ले सकते हैं।
गाँव में प्रवेश होते ही यहाँ का स्कूल भी सबसे पहले नजर आता हैं। यहाँ के लोग हाथ से बनी शॉल और कंबल बेचते हैं,एप्पल उगाते हैं। असल में यह गाँव 'नगर' से 'मलाना' जाते समय बीच में पड़ता हैं। इसके अलावा हम्पटा पास जैसे कुछ ट्रेक्स के यह एक शुरुवाती पॉइंट हैं।यहाँ के लोकदेवता का 'जमलू देवता मंदिर' दर्शनीय हैं ,जिसके आसपास की चीजों को बाहरी व्यक्ति द्वारा छूना मना हैं। मंदिर के अलावा ट्रेक रूट पर ही निकोलस रोरिक आर्ट गेलेरी में आप कई प्रकार की पेंटिंग्स को देख सकते हैं।
यहाँ यूँ तो सैलानी लकड़ी के घरों में रहना पसंद करते हैं क्योंकि लकड़ी के घर थोड़े गर्म रहते हैं। लेकिन अब यहाँ काफी पक्के मकान भी बनने लग गए हैं। गाँव में होमस्टे से लेकर ज़ॉस्टल के कमरे भी मौजूद हैं। समुद्रतल से यहाँ की ऊंचाई 2200 मीटर हैं इसीलिए सर्दी में यह जगह एक 'सफ़ेद वन्डरलेंड ' बन जाता हैं।इसीलिए कोशिश करे यहाँ तेज सर्दियों में आये ,ताकि बर्फ़बारी का भी आनंद ले सके।
क्या देखे : निकोलस रोरिक आर्ट गेलेरी ,जमलू देवता मंदिर,एप्पल के बगीचे ।
अन्य नजदीकी स्थल : मलाना गाँव ,चंदरखानी पास।
कैसे पहुंचे?
मनाली से टैक्सी या पब्लिक ट्रांसपोर्ट से 'नगर' पहुंचे। नगर से 3 से 4 किलोमीटर के पैदल ट्रेक को करके यहाँ पहुंचना सबसे अच्छा रहता हैं।
क्या आपने हिमाचल प्रदेश की यात्रा की है? अपने अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।
रोज़ाना टेलीग्राम पर यात्रा की प्रेरणा के लिए यहाँ क्लिक करें।