राफ्टिंग करने ऋषिकेश जा रहे हो? मेरी इस बेवकूफी से सबक ज़रूर लेना!

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देखा जाए तो ऋषिकेश में सबकुछ है। योग आश्रम, मंदिर, गंगा मैया, कुदरती सुंदरता, एडवेंचर स्पोर्ट्स जैसे ट्रेकिंग, वाटर स्पोर्ट्स जैसे राफ्टिंग, कैम्पिंग।

इसलिए आपको यहाँ परिवारों से लेकर, नए-नवेले शादीशुदा जोड़े, विदेशी सैलानी, हिप्पी, साधू-बाबा सब दिख जाएँगे। मगर एक चीज़ आपको ज़रूर दिखेगी और वो है दोस्तों के झुंड।

दिल्ली के करीब होने से दिल्ली-गुड़गाँव में काम कर रहे कॉर्पोरेट कर्मचारी यहाँ पिकनिक मनाने ज़रूर आते हैं। इनके अलावा पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश के नौजवान भी अपनी गाड़ियाँ ले लेकर यहाँ पहुँच जाते हैं।

Photo of ऋषिकेश, Uttarakhand, India by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

एक बार ऐसे ही गाड़ी लेकर मैं और मेरे कुछ जानकार साथी ऋषिकेश पहुँच गए। सड़क से ऋषिकेश पहुँचने के लिए दिल्ली-देहरादून-हरिद्वार वाला रुट लेना होता है। रेल से जाना हो तो ऋषिकेश से 21 कि.मी. दूर हरिद्वार में बड़ा स्टेशन है, जहाँ से निकलकर टैक्सी-बस कुछ भी ले सकते हैं। हवाई जहाज़ से आना हो तो यहाँ से लगभग 41 कि.मी. दूर देहरादून के जोली ग्रांट हवाई अड्डे पर उतरना होगा।

सड़क से जाने वालों के लिए फायदा ये है कि रास्ते में देहरादून और हरिद्वार में रूककर भी घूमा जा सकता है। जयपुर से ऋषिकेश के 11 घंटे के सफर के बाद हमनें गाड़ी बस स्टैंड के पास के एक होटल पर लगा दी और कमरे लेकर सो गए। सुबह 1 बजे पास के कैफे में हल्का-फुल्का नाश्ता करने के बाद हम सीधे सड़क किनारे बने राफ्टिंग ऑफिस में पहुँच गए।

ऋषिकेश में राफ्टिंग करवाने के लिए आपको कई सारी कंपनियों के दफ्तर बने दिख जाएँगे। सबके रेट लगभग तय होते हैं, लेकिन अगर आप ग्रुप में जाओगे तो आप मोलभाव करके पैकेज में डिस्काउंट ले सकते हो।

राफ्टिंग की कहानी बताने से पहले मैं आपको राफ्टिंग के बारे में कुछ बता दूँ। राफ्टिंग में तेज़ बहती नदी में हवा भरी नाव में बैठ कर सैर करवाई जाती है। नदी का तेज़ बहाव रास्ते के ऊँचे-नीचे पत्त्थरों से टकराकर सफ़ेद नज़र आता है। इसलिए इसे व्हाइट वाटर राफ्टिंग भी कहते हैं।

पहले ऋषिकेश में राफ्टिंग की जानकारी

जिस जगह नदी की धारा बड़ी-बड़ी चट्टानों से टकराती है और पानी तेज़ी से नीचे-ऊपर गिरता उठता है, उस जगह को रैपिड कहते हैं। ये रैपिड बड़े खतरनाक होते हैं क्योंकि यहाँ राफ्ट के पलटने का खतरा रहता है।

खतरे के पैमाने पर दुनिया भर के रैपिड को 5 ग्रेडों में बांटा गया है।

पहला ग्रेड: ये रैपिड बड़ी आसानी से पार किए जा सकते हैं। इनपर नदी की धरा समतल सी ही रहती है। ऋषिकेश में पहली ग्रेड के 4 रैपिड हैं : ब्लैक मनी, स्वीट सिक्सटीन, गुड मॉर्निंग, बॉडी सर्फिंग।

दूसरा ग्रेड : ये पहले से थोड़ा मुश्किल होते हैं, मगर इन पर से भी थोड़ी ही मशक्कत के बाद राफ्ट को तैराया जा सकता है। ऋषिकेश में दूसरी ग्रेड के 4 रैपिड हैं : क्लब हाउस, इनीशिएशन, डबल ट्रबल, हिल्टन, टर्मिनेटर

Photo of राफ्टिंग करने ऋषिकेश जा रहे हो? मेरी इस बेवकूफी से सबक ज़रूर लेना! by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

तीसरा ग्रेड : ये रैपिड आपकी अच्छी परीक्षा लेते हैं। अगर आपको राफ्ट चलाना नहीं आता, या आपके साथ कोई कुशल खिवैया नहीं है तो आपकी राफ्ट पलट जाएगी। ऋषिकेश में तीसरी ग्रेड के 6 रैपिड हैं : शिवपुरी रैपिड, थ्री ब्लाइंड माइस, क्रॉस फायर, रोलर कोस्टर, गोल्फ कोर्स, रिटर्न टू सैंडर।

चौथा ग्रेड : इन रैपिड में चाहे आपके साथ कोई कुशल खिवैया क्यों न बैठा हो, आपकी बोट ज़रूर पलटेगी। ऋषिकेश में चौथे ग्रेड के 2 रैपिड ही हैं : डैनियल्स डिप और द ग्रेट वॉल

पाँचवां ग्रेड : इन रैपिड्स पर तो भगवान बचाए। राफ्ट पलट गई तो चट्टानों से टकराकर हड्डियाँ-जबड़े सब टूट जाएँगे। गंगा अपनी कोख में खींच कर ले जाएगी, और फिर आपकी लाश को खींच कर बाहर निकाला जाएगा।

हर राफ्टिंग ऑफिस में इन ग्रेडों के बारे में जानकारी देने वाले बोर्ड लगे हुए हैं, ताकि इन्हें देख कर मेरे जैसे लोगों का हृदय परिवर्तन हो जाए।

ऋषिकेश में राफ्टिंग करने के लिए दूरियाँ भी अलग-अलग तय की हुई हैं। ब्रह्मपुरी से ऋषिकेश का जलमार्ग 1 कि.मी. का है और डेढ़-दो घंटे में पूरा कर लिया जाता है। शिवपुरी से ऋषिकेश16 कि.मी. की दूरी है जो तीन-साढ़े तीन घंटे में पूरी की जाती है। मरीन ड्राइव से ऋषिकेश के रास्ते में 27 कि.मी. का रास्ता साढ़े चार से पाँच घण्टे में तय किया जाता है और कौडियाला से ऋषिकेश लगभग 36 घंटे में पूरा होता है।

अब चलते हैं खतरनाक अनुभव पर

रैपिड्स के ग्रेडों के बारे में पढ़कर मैं 1 कि.मी. वाले आसान रास्ते पर राफ्टिंग करना चाहता था। मगर हर समूह में कुछ ऐसे लोग होते हैं जिन्हें अपनी जान से ज़्यादा शेखी से प्यार होता है। उस वक़्त समूह भी देखा-देखी में या मर्दानगी साबित करने की चाह में ऐसे लोगों की हाँ-में-हाँ मिला देता है।

मैनें गंगा के बारे में बहुत कुछ पढ़ा है और मुझे पानी की ताकत के बारे में बखूबी पता है, इसलिए जब साथियों ने मुझ पर 36 कि.मी. वाले रास्ते पर चलने के लिए कहा तो मैनें बड़े प्यार से मना कर दिया। अब सोचता हूँ तो लगता है कि मेरा एक अनुभव मेरी जान बचा गया।

खैर, विनाशकाले विपरीत बुद्धि। जैसे ही साथियों ने रुट चुना, राफ्टिंग वाले ने साथियों को अपनी जीप में बैठाया, गाड़ी की छत पर राफ्ट बाँधी, डिक्की में चप्पू,लाइफ जैकेट डाले और सड़क के रास्ते 41 कि.मी. दूर कौडियाला की ओर ले गया। मैं पीछे से योग आश्रमों में घूमता रहा, जिनकी कहानी फिर कभी सुनाऊँगा। वापिस आकर दोस्तों ने जो कहानी सुनाई, उसे सुनकर मेरी रूह काँप उठी।

दोस्तों की बताई कहानी के हिसाब से कौडियाला पहुँच कर सब लाइफ जैकेट पहन के राफ्ट में बैठ गए। राफ्ट में आपके साथ राफ्टिंग कंपनी का ही एक प्रशिक्षित और अनुभवी खिवैया बैठता है, जो आपको चप्पू चलाने और रैपिड पर से नाव ले जाने के बारे में निर्देश देता रहता है।

राफ्ट के पीछे-पीछे एक या दो लोग कायाक तैराते आते हैं, ताकि अगर राफ्ट पलट जाए तो लोगों को पानी में डूबने से बचाया जा सकें।

साथियों की हिमाकत देखो, पहली बात तो सबसे लम्बा और चौथी ग्रेड वाला रास्ता चुना और दूसरा ये कि चार लोगों ने साथ में एक क्वार्टर बोतल ले रखीं थी। ऋषिकेश में वैसे ही शराब गैर कानूनी है, इसके अलावा जिस एडवेंचर स्पोर्ट के दौरान पूरे होश-हवास में होना हो, उस दौरान आप नशा कैसे कर सकते हो? राफ्ट में बैठने से पहले सबने क्वार्टर ख़त्म किया और फिर मद में चूर राफ्ट में बैठ गए।

श्रेय: फ्लिकर

Photo of राफ्टिंग करने ऋषिकेश जा रहे हो? मेरी इस बेवकूफी से सबक ज़रूर लेना! by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

कौडियाला से ऋषिकेश के रास्ते में 13 रैपिड आते हैं। पहले के कुछ रैपिड पार करने के बाद राफ्ट जैसे ही 'द वॉल' नाम के रैपिड पर पहुँची, कि पलटी मार गई। राफ्ट पलटते ही सारे साथी तितर-भीतर हो गए। कोई किधर बहने लगा, कोई किधर। तीन लोगों को किसी तरह से कायाक वालों ने राफ्ट पर बंधी रस्सी तक पहुँचाया, मगर चौथे का कोई नामोनिशान नहीं दिखा। ये वही था जिसने कौडियाला वाला रास्ता चुनने के लिए सबको उकसाया था और दो-दो पैग भी लगवाए थे।

राफ्ट को किनारे लगाकर कुछ देर इधर-उधर देखने के बाद राफ्ट को फिर से पानी में उतार दिया गया और कायाक वाले आनन -फानन में चप्पू चलाते हुए चौथे को ढूँढने आगे तैर चले। राफ्टिंग करते हुए कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। तो कायाक वाले नारंगी रंग के जैकेट में लिपटी दोस्त की लाश ढूँढने की कोशिश कर रहे थे।

चार-साढ़े चार कि.मी. तक राफ्ट चलाने के बाद दूर किनारे पर एक राफ्ट और नज़र आई जिस पर लोग अपनी जैकेट से बंधी सीटियाँ बजा रहे थे। इसी राफ्ट के आस-पास कायाक वाले भी थे। साथियों ने राम का नाम लेकर जब दूसरी राफ्ट में नज़र डाली तो चौथे लड़के को बैठे देखा। दूसरी राफ्ट वालों ने बताया कि उन्हें ये लड़का ऊपर मुँह किए हुए धारा में बहता दिखा। लाइफ जैकेट के कारण डूबने से बच गया और किस्मत अच्छी थी कि बेहोशी की हालत में मुँह पानी के अंदर की ओर नहीं था।

डरे-घबराए लड़के ने आगे राफ्टिंग करने से मना कर दिया। राफ्टिंग कंपनी वालों ने जीप मंगवा कर उसे अलग से वापिस ऋषिकेश छुड़वाया। बाकी तीन भी कुछ घंटों के बाद धीमे-धीमें राफ्टिंग करते ऋषिकेश वाले ऑफिस आ गए।

इस ऐक्सिडेंट के बाद उस चौथे साथी ने पूरे रास्ते अपना मुँह नहीं खोला। पानी में बहुत ताकत होती है। अगर आप भी कभी राफ्टिंग करने जाएँ तो सोच-समझ कर ही रास्ता चुनियेगा। अहंकार में चूर इंसान अपनी बुद्धि खो देता है।

अगर लम्बे समय तक इस दुनिया में रह कर यहाँ की खूबसूरती का आनंद लेना चाहते हैं तो अहंकार को छोड़िए और दिमाग से काम लीजिए।

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