बारिश में महाराष्ट्र

Tripoto
6th Aug 2019
Photo of बारिश में महाराष्ट्र by dharmendra kumar
Day 1

हाय फ्रेंड्स,

मेरे मित्र ने दो महीने से पहले ही नाशिक (महाराष्ट्र) के लिए ट्रेन में बर्थ बुकिंग करा लिया था । पर पता नहीं था दो महीने बाद महाराष्ट्र का मौसम कैसा रहेगा ।

महाराष्ट्र में भारी बारिश के कारण ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित थीं सो हमारे साथ भी यही हुआ । दुर्ग से सीतागांव फिर वहां से भुसावल उसके बाद मनमाड़ बस सभी जगहों ने ट्रेन बदलना पड़ा फाइनली कैब कार बुक करा कर नाशिक रोड निकले अब जिस सड़क से जाते पानी से भरा हुआ लब लबा कई रास्तों से हमें वापस होना पड़ा कैब का जो ड्रावर था समझदार एवम व्यवहारिक था थोड़ सहायता की और गाओं के बीचों बीच सड़को से नाशिक ले पहुंचा रास्ते मे अंगूर की खेती और फार्मिंग देखने को मिला बहुत रोमांचक सफर रहा ।

#खाना व्यवस्था

महाराष्ट्र का खाना भारतीय मूल पर आधारित हैं। यहाँ का खाना व्यक्तिगत रूप से अन्य राज्यों से तीखा होता हैं परंतु होटलो में सामान्य रूप से ही बनाया जाता हैं , बड़ा पाव यहाँ का पसंदीदा नास्ता हैं चूंकि नाशिक में पंचवटी में पानी भर जाने के कारण हम सीधे त्र्यम्बकेश्वर निकले सो एक रूम  किराये पर लेकर रात का डिनर होटल राधिका इन में किये बहुत ही लजीज खाना था ।

# यात्रा खर्चा

25,000 रुपये में हम चारो आराम से 5 दिनों तक महाराष्ट्र घूम के आये वैसे तो जाना बहुत जगह था पर बारिश और पानी के कारण हमें वापस आना पड़ा ।

# त्रयंबकेश्वर

जाने से पहले मुझे पता नहीं था और न ही मैन कल्पना किया था परंतु जब मैं त्रयम्बकेश्वर पहुंचा तो मेरा आश्चर्य का ठिकाना न रहा ब्रम्हा गिरी पर्वत के तलहटी में बसा यह शहर बड़ा विचित्र लगा यहां की बाजार और गलिया मुझें नेपाल की याद दिलाती थीं और यहाँ का मौसम चेरापूंजी की क्योंकि लगता तार रुक रुक कर 24 घंटे बारिश होती रहती है यहाँ बारिश के 4 महीनों तक हैं ना कमाल का वेदर । लगततार ब्रम्हगिरी के पर्वतों से गिरते के झरने जिसे गिनना भी मुश्किल हो जाता हैं मानो लगता हैं पूरे पर्वत को सजाया गया हैं झरनों से यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता का मैं वर्णन नहीं कर सकता हो सके तो आप बारिश के मौसम में यहाँ एक बार जरूर आइये ।

#त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर

हिंदू धार्मिक दृष्टिकोण से भी यहां जगह बहुत महत्वपूर्ण हैं चूंकि 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और इसे इसलिये भी महत्वपूर्ण माना गया है चूंकि ब्रम्हा विष्णु और महेश तीनोँ यही विराजमान हैं जो और कोई ज्योतिर्लिंग में नहीं हैं , मंदिर काले पत्थरों से बना हैं और इसके पीछे में एक तालाब हैं जहां सुंदर रंगीन मछलियाँ हैं।

#गोदावरी

हिंदू  धर्म में गोदावरी नदी को छोटी गंगा माना गया हैं जिनका उद्गम स्थान ब्रम्हगिरी पर्वत हैं। शहर से टैक्सी बुक करवाकर हम सीधे ब्रम्हगिरी पर्वत के ऊपर चलने लगे गोदावरी की उद्गम स्थल की ओर होती बारिश में हरे भरे पर्वत पर चढ़ने पर तो स्वर्ग जैसे लगता हैं मैं आनंद से परिपूर्ण था अब गाड़ी छोड़ हमे पहाड़ो में पैदल यात्रा करना था ।

Photo of बारिश में महाराष्ट्र by dharmendra kumar
Photo of बारिश में महाराष्ट्र by dharmendra kumar
Photo of बारिश में महाराष्ट्र by dharmendra kumar
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