जब हम कहीं किसी सफर पर निकलते हैं तो बस हमें दो चीजें ही ध्यान में रहती है कि कहां से चलना है और कहां जाना है। यहां से वहां तक और फिर वहां से वहां तक। पर कुछ दीवाने हमारे और आप जैसे भी होते हैं जिनका ध्यान यहां से वहां तक बहुत कम होता है। उनको ध्यान तो यहां से वहां के बीच पड़ने वाले रास्ते पर होता है।वो रास्ते जो कभी कभी हमने एक ऐसी खुबसूरत जगह देखा देती हैं जिसको देख कर हम सब कुछ भुल के बस उस जगह के हो जाते हैं।
ऐसा ही एक जगह का दीदार कर के मुझे हुआ। मैं ऋषिकेश की यात्रा के दौरान जब बीटल्स आश्रम गया, तो मैंने वहां एक हिडेन प्लेस पाया। आश्रम के अन्दर बहुत पीछे के साइड एक शान्त जगह थी। जहां से गंगा नदी का दीदार एक अदभुत उंचाई से होता हैं।चारो तरफ जंगलों से बनी इस जगह में बैठने के लिए उत्तम सुविधा भी हैं।
इस जगह को देख कर मैंने अपने आगे के सारे प्लान जो आज के थे सभी कैंसल कर दिए और घंटों बैठ कर यहां सुकून हासिल किया।कभी कभी हमने अपने आप से बात करने के लिए कुछ इस तरह की जगह की आवश्कता होती हैं। तो अगर आपको ऋषिकेश में आ कर शांति का आंनद लेना हो तो एक बार यहां जरूर आए।