दिन 7 कॉर्बेट की जंगल सफारी
आज का दिन सुबह 5 बजे शुरू हुआ। जिम कॉर्बेट 4 डिग्री के तापमान में सफारी पर चली गई। कापती हुयी ठंडी और खुली जीप .. काल मूव्ही मे देखे गये सब सीन याद आ रहे थे। मेरी पहेली जंगल सफारी थी। ये काली का जंगल है। शुरुआत में, लोमड़ी और हिरण जैसे कई और पक्षी और जानवर दिख गए। लेकिन जंगल के राजा ने दर्शन नहीं दे रहा था। मोसिम सर, जो हमारे साथ थे, बहुत अच्छी जानकारी दे रहे थे। उन्होंने कल 1 वाघिन और उसके 3 बच्चों को देखा था। लेकिन हमे राजा नहीं दिखाई दिए । लेकिन जैसे की आवाजे आ रहीं उस हिसाब से वो हमे देख रहे थे।
४ घंटे की सफारी में अलग अलग आवाजे हमने सुनी। जानवरो के पैरो के निशान थे। ताजा निशान थे। हमारे मोसिम सर अच्छे से हमे सब समझा रहे थे।
वैसे तो जिम कॉर्बेट के बारे मे बहुत सरी बाते सुनी थी। कुछ अनकही ही वही बाते में मोसीम सर से पूछ रही थी। और उनसे भी और नए किस्से सुन रही थी।
वैसे तो लोग बोलते है कि वह कुछ दिखाई नहीं देता। लेकिन सोचने वाली बात है कि ६० किमी के जंगल में हम २ घंटे के लिए जाते है और हम सोचते है सब जानवर आके हमारा स्वागत करें। लेकिन हम उनकी दुनिया में जा रहे होते है। वो भी उनको बिना पूछे और वो हमे दिखाई भी से और हमे एंटरटेनर भी करे। ये तो बड़ी मतलबी बात है ना। लेकिन काय करे इंसान है। सब कुछ जल्दी मे ही चाइए होता है। जिम कॉर्बेट के ६ गेट है। हम झिराना गेट से अंदर गए थे। यह आने से पहले आपको ऑनलाइन बुकिंग करनी पड़ती है। तो कोई भी कहीं सुनी बात सुन कर प्लान मत बनयाई। और जिम कॉर्बेट सफर जरूर कीजिए। हमे भी जंगल के राजा नहीं दिखे लेकिन उनको देखने वाले शेर जैसे दोस्त मिले। लेकिन वो जंगल सफारी बहुत ही यादगार थी। जंगल.. वो सन्नटा.. वो ठंड ... और कहीं सुनी अनसुनी बाते...










