वो बहुत पुरानी बात हो गई है जब भारत में घुमक्क्ड़ी कम लोग किया करते थे। आज तो हर कोई नई-नई जगहों पर जाना चाहता है लेकिन अब ऐसे डेस्टिनेशन कम ही बचे हैं। हर नई जगह कुछ दिनों बाद पुरानी हो जाती है। लोग उस जगह को एक्सप्लोर कर देते हैं और फिर नई जगह पर जाने की चाहत रखते हैं। इंटरनेट पर ऑफबीट की अलग-अलग इतनी लिस्ट और आर्टिकल्स हैं कि लोग कन्फ्यूज रहते हैं। तब वे उन्हीं घिसी-पिटी जगहों पर जाने के लिए मजबूर होते हैं। सबके पास एक ही जगह की कहानियाँ होती हैं। हालांकि सबका अलग अनुभव होता है और अपनी कहानी होती है।
पूरे भारत की यात्रा के बाद मैंने इस कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए ऐसी दस जगहों की लिस्ट बनाई है। जिनका एक बेहतर विकल्प है। वो आपको उसी जगह की तरह अनुभव देंगे। मगर अच्छी बात ये होगी कि यहाँ न भीड़ होगी और न ही प्रदूषण। यहाँ आप सुकून के साथ बिता सकेंगे और उस जगह को एंजाॅय कर सकेंगे। एक तरह से आप इन जगहों ऑफबीट भी कह सकते हैं।
1. ऊँचाई पर शांति की तलाश
पैंगोंग त्सो के बजाय, गुरुडोंगमार लेक
अगर मैं ये आर्टिकल पांच साल पहले लिखती तो पैंगोंग त्सो लेक किसी दूसरी जगह का अच्छा विकल्प बन सकती थी। जो लद्दाख के दूर-दूराज इलाके में स्थित है। जहां पहुंचने में मुश्किल होती है। मगर जब से थ्री-इडियट्स में ये जगह दिखाई गई है। तब से इस जगह तक लोगों की पहुँच आसान हो गई है। अब इस जगह पर बहुत भीड़ होती है। जिसने इस जगह ही खूबसूरती को थोड़ा फीका किया है।
पैंगोग लेक अपने आप में एक लुभावनी जगह बनी हुई है। अगर आपने इस लेक को देख लिया है या ऐसी ही किसी दूसरी जगह पर जाना चाहते हैं तो सिक्किम की गुरुडोंगमार लेक अच्छा विकल्प है। गंगटोक से दो दिन के ट्रेक के बाद आपको ये लेक मिलेगी। गुरुडोंगमार झील 17,100 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। आसपास बर्फ की चादर से ढंके पहाड़ इस जगह को और खूबसूरत बना देते हैं।
2. रेगिस्तान में रंगत
जैसलमेर की जगह, कच्छ का रण
जैसलमेर भारत में घूमने के लिए सबसे आसान जगहों में से एक है। यहाँ आपको भव्यता, रंगों से सरोबार शहर और इतिहास की झलक मिलेगी। जैसलेमर में बाजार में शाॅपिंग कर सकते हैं, किले और हवेलियाँ देख सकते हैं। इसके अलावा ऊँट या रेत के सफर पर जा सकते हैं। मगर ये इतना निश्चित और आसान है कि ऐसा सफर हर कोई कर ही लेता है। जैसलमेर में बहुत हद तक दिखावा दिखाई पड़ता है।
अगर आप वैसी ही खूबसूरती कहीं और पाना चाहते हैं तो आपको गुजरात के कच्छ के रण आना चाहिए। गुजरात अभी तक टूरिस्ट हब नहीं बना है इसलिए यहाँ दिखावे जैसी चीज अभी आई नहीं है। रेगिस्तान की ये जगह साॅल्ट लेक के लिए भी फेमस है। यहाँ की परंपरा अभी भी आपको दिखाई देगी। जो यहां के घरों, कपड़ों और यहाँ तक कि गाय की घंटियों में भी दिखाई देती है। यहाँ आप रात में तारों के नीचे आग जलाकर इस खूबसूरत पल को यादगार बना सकते हैं।
3. मुगल वैभव
ताजमहल की जगह, हुमायूँ का मकबरा
अगर मैं कहूँ कि शाहजहाँ के अपनी बेगम के प्रेम में बनाए ताजमहल का भी विकल्प है तो जाहिर है कि आप मारने के लिए सड़े हुए टमाटर उठा लेंगे। ऐसा करने से पहले मेरी बात सुन लीजिए। मैं ये नहीं कह रहा हँ कि ताजमहल जैसी खूबसूरत जगह कोई है। ताजमल की बनावट और उसकी खूबसूरती को तो कोई सानी नहीं है। मगर अब इस भव्य इमारत की जगह पर सुकून नहीं सिर्फ शोर है। लोगों की भीड़ इतनी है कि इस जगह को सही से देखना मुमकिन नहीं है।
अगर आप इस भीड़ और शोर से दूर सुकून वाली जगह पर जाना चाहते हैं तो मेरा सुझाव है कि हुमायूँ का मकबरे को देखने आइए। दिल्ली में स्थित इस मकबरे को हुमायूँ की पहली बेगम ने बनवाया था। हुमायूँ का मकबरा, ताजमहल के जैसा सफेद तो नहीं लेकिन खूबसूरती के मामले में कम नहीं है। संगमरमर और कई पत्थरों से बनी इस इमारत में लाल बलुआ पत्थर बहुत ज्यादा है। यहाँ आसपास बगीचे हैं जहाँ आप बैठकर घंटों इस इमारत की खूबसूरती को निहार सकते हैं।
4. टेंट में रहने के लिए
खज्जियर की जगह, सिलासौर
दो दशक पहले से खज्जियर को इंडिया का मिनी स्विटजरलैंड कहा जा रहा है और कहा भी क्यों न जाए ये है ही इतना खूबसूरत। यहाँ का विशाल हरा-भरा मैदान हमेशा से आकर्षण का केन्द्र रहा है। मगर अब ये जगह चारागाह भूमि हो गई है। जहाँ पर घोड़े ही घोड़े दिखाई देते हैं। इस जगह पर अभी व्यवासीयकरण नहीं आया है। ये जगह लंबे समय तक लोगों की बकेट लिस्ट में रहेगी।
इसके बावजूद जब ज्यादा अनछुई और खूबसूरत जगह मिले तो हम आप कहाँ जाएँगे? पहाड़ों में तो वैसे भी खूबसूरत नगीनों की कमी नहीं है। ऐसा ही एक नगीना है, सिलासौर। उत्तराखंड का सिलासौर मंदाकिनी नदी के किनारे स्थित है। चारों तरफ हरे-भरे पहाड़ और घास के मैदान दिखाई देते हैं। नदी के किनारे आप टेंट लगाकर इस जगह को और भी यादगार बना सकते हैं। पहाड़ के ऊपर तैरते बादल आपका मन मोह लेंगे। जब पहाड़ों पर बर्फ दिखाई देगी तो आपको ये जगह स्विटजरलैंड से कम नहीं लगेगी। ये जगह हिमालय की शांत जगहों में आती है। अगर आप ये नाम पहली बार सुन रहे हैं तो समझ लीजिए ये कितनी ऑफबीट डेस्टिनेशन है।
5. बैकवाटर
अल्लेप्पी की जगह, थेक्कडेडु
अच्छाई भी यदि ज़्यादा हो जाए तो उसकी एहमियत खत्म हो जाती है। और इसका जीता जागता उदाहण है वेंबनाद मेढ़ पर बसा अलेप्पी जहां केरल पर्यटन की लगभग हर एक तस्वीर उतारी जाती है। लेकिन वो तस्वीरें केवल आधी सच्चाई ही दिखाती हैं। अलेप्पी एक बेहद सुंदर सपने जैसा है। ऊँचे-ऊँचे खजूर के पेड़, गुँबद आकर की शिकारा से सजा अलेप्पी आपका मन मोह लेगा। परन्तु कहानी का एक हिस्सा ऐसा भी है जो शायद ना किसी ने देखा होगा और ना ही सुना होगा।
यहाँ बात हो रही है अल्लेपी से कुछ ही दूरी पर स्थित कन्नूर की। वालियापरंबू मेढ़ पर खड़े कन्नूर की कहानी जान कर शायद आप चौंक जाएंगे। पर यदि आप एक शांतिपूर्वक अनुभव कि तलाश में अलेप्पी पहुँचे हैं तो शायद आप गलत हैं। कन्नूर अलेप्पी से करीब 500 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। यह जगह अपने आप में एक किताब जैसी है। यहाँ कई ऐसे द्वीप हैं जहाँ कोई नहीं रहता। भरपूर शांति और सुंदर प्राकृतिक छँटा से सजी ये जगह आपका मन मोह लेगी। यदि आप अपने किसी खास के साथ कहीं शांतिपूर्ण आनंद लेने का सोच रहे हैं, यकीन मानिए कन्नूर के सौंदर्य पा कर आप खुश हो जाएँगे।
6. बाघ देखना चाहते हैं?
जिम कॉर्बेट के बजाय, बांधवगढ़ नेशनल पार्क
1936 में बंगाल टाइगर को बचाने के लिए जिम काॅर्बेट नेशनल पाॅर्क की स्थापना की। लोग इस जगह पर प्रकृति का अनुभव करने के लिए आते हैं। वीकेंड पर आने के लिए ये एक फेमस जगह है। दिल्ली के पास होने की वजह से ज्यादातर लोग यहाँ आना पसंद करते हैं। घने जंगल के बीच आपको बहुत सारे जानवर दिखाई देते हैं। लेकिन जिस जानवर के नाम पर ये नेशनल पार्क स्थापित किया था। वो यहाँ कम ही दिखाई देते हैं। अगर आप किस्मत वाले हुए तो आपको बाघ दिख जाएँगे।
अगर आपको बाघों को देखनस ही है तो मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ नेशनल पार्क जाना चाहिए। इस नेशनल पार्क में जीप सफारी में आपको बहुत सारे बाघ दिखाई देने की संभावना अधिक है। बांधवगढ़ नेशनल पार्क बहुत ज्यादा बड़ा नहीं है लेकिन यहाँ आपको अपने के लिए सही नजारे दिखाई देंगे। यहाँ देखने को इतना कुछ है कि जीप सफारी में आप अपने कैमरे को बैग में नहीं रख पाएँगे।
7. खूबसूरत झील
नैनीताल की जगह, तवांग
बहुत सारे लोगों के लिए नैनीताल सबसे अच्छे हिल स्टेशनों में एक है। मगर नैनीताल मेरे लिए बहुत ज्यादा मायने नहीं रखता। बचपन में गर्मियों की छुट्टियों में नैनीताल ही जाना होता था। जब वापस आता तो लेक में बोट पर बैठना, घुड़सवारी और सूरज डूबने की तस्वीरें साथ में होतीं। यहाँ पर बहुत सारे कपल और फैमिली आपको टहलते हुए मिल जाएगी। नैनीताल की सबसे अच्छी जगह वो है जिस पहाड़ी से पूरी लेक दिखाई देती है।
नैनीताल से दूर अरूणाचाल प्रदेश में एक जगह है तवांग। तवांग तक पहुँचने के लिए आपको धूल भरी सड़क से होकर जाना पड़ेगा। तवांग, चीन बाॅर्डर के बहुत नजदीक है। कई राजनैतिक और भौगोलिक कठिनाईयों के बाद जब आप तवांग को देखेंगे तो वो सब जायज लगता है। आप यहाँ लेक देखने आए हैं तो तवांग में एक नहीं, दो नहीं बल्कि 109 झीलें हैं। शहर के हर मोड़ पर आपको खूबसूरत लेक दिखाई पड़ेगी। 12,000 फीट ऊँचाई पर स्थित तवांग में वैसा माहौल नहीं है जैसा एक भीड़ वाले हिल स्टेशन पर होता है। जब भी आपको एक खूबसूरत हिल स्टेशन जाना होगा। तो अब आपको पता है कहाँ जाना है?
8. समुद्र तट
गोवा छोड़ो, गोकर्ण चलो
भारत में एक चलन-सा हो गया है कि दोस्तों के साथ गोवा जाना है। गोवा वैसे तो अपने समुद्र तटों के लिए जाना जाता है लेकिन ज्यादातर लोग यहाँ पार्टी करने के मकसद से आते हैं। यही वजह है कि गोवा अब भीड़ और शोर वाली जगह बन चुका है। यही भीड़ इस जगह की खूबसूरती को कम करती है। ऐसे में गोवा का एक विकल्प होना बहुत जरूरी है लेकिन अगर आप पार्टी वाले गोवा का विकल्प चाहते हैं तो उसका कोई विकल्प नहीं है।
अगर आप समुद्र के ऐसे बीचों को खोज रहे हैं जहाँ पर लोगों का कब्जा न हो ज्यादा भीड़ न हो, जहाँ आप आराम से किताब पढ़ सकें तो ऐसी जगह गोवा से बहुत ज्यादा दूर नहीं है। जैसे ही आप गोवा से कर्नाटक की सीमा में घुसते हैं आपको एक खूबसूरत समुद्र तट दिखाई देगा, गोकर्ण। गोवा से भी ज्यादा खूबसूरती और सुकून गोकर्ण के तटों पर आपको दिखाई देगी। यहाँ आप समुद्र किनारे पैदल चल सकते हैं और सबसे खूबसूरत अनुभव को जी सकते हैं।
9. इतिहास की तलाश में
हम्पी के बजाय, होयसला मंदिर जाएँ
जिस तरह से ताजमहल का विकल्प का विकल्प किसी को अच्छा नहीं लगेगा। वैसा ही कुछ हम्पी के साथ भी है। इस जगह का विकल्प देना यहाँ की खूबसूरती को कमतर आंकना है। कृष्णदेव राय की कभी राजधानी रही ये जगह आज भी उस इतिहास का साक्षी है। यहाँ की इमारत में लगा लाल बलुआ पत्थर उस समय की कहानी को सुनाता है। तुंगभद्रा के तट पर स्थित ये जगह इतिहास के कई पन्नों को समेटे हुए है। यहां इन इमारतों के अलावा सूर्यास्त का नजारा देखने लायक होता है। कभी हम्पी के बारे में कम लोगों को पता था आज ये जगह किसी से छिपी नहीं है।
हंपी के दक्षिण में 300 किलोमीटर की दूरी पर एक जगह है होयसला। इस जगह पर होयसला के राजाओं का इतिहास आज भी देखने को मिलता है। ये अवशेष पूरे जिले में मंदिरों के रूप में फैले हुए हैं। यहां चलते हुए आप इमारतों में उस समय के बारे में थोड़ा-बहुत जान सकते हैं। ये मंदिर आज भी बहुत अच्छी स्थिति में दिखाई पड़ते हैं। इस साम्राज्य की दो राजधानी थी बेलूर और हलेबिडु। यहाँ पर सबसे खूबसूरत घर और मंदिर थे। यहाँ पर देखने के लिए बहुत सारी जगहें हैं और यहाँ भीड़ भी बहुत कम है। इसकी वजह है कि ये जगह अभी लोगों के बीच लोकप्रिय नहीं हुई है।
10. रिवर राफ्टिंग
ऋषिकेश की जगह, तीर्थन घाटी
भारत में रिवर राफ्टिंग एक नया एडवेंचर बन गया है। इसके लिए जो नाम सबसे पहले नाम लिया जाता है। ऋषिकेश पहाड़ के एकदम तलहटी पर स्थित है। ऋषिकेश में गंगा का बहाव तेज और कई मोड़ भी है। जिसकी वजह से रिवर राफ्टिंग के लिए एक अच्छी जगह मानी जाती है। ऋषिकेश में इसके लिए कई कंपनियों ने ऐसे पैकेज भी बनाए हैं जिसमें आप कैंपिंग और रिवर राफ्टिंग कर सकते हैं। मगर अब आलम ये है कि यहाँ पूरे रास्ते में रिवट राफ्टिंग करवाने वाली ट्रेवल कंपनियाँ मिल जाएँगी। हर कोई यहाँ यही कहता है कि वो आपको सबसे अच्छी कीमत पर ये एडवेंचर करवाएगा। आप ऋषिकेश जाएँगे तो इस भीड़ से बच नहीं पाएंगे।
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में तीर्थन घाटी है। ये घाटी ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में आती है। जो रिवट राफ्टिंग करने वालों के लिए एक अच्छा विकल्प है। पहले तो ये जगह बेहद खूबसूरत हैं। पहले तो यहाँ तक का सफर आपका मन मोह लेगा और फिर ये ऐडवेंचर आपके सफर को बेहतरीन बना देता है। ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क देश के सबसे अच्छी ट्रेकिंग के लिए जाना जाता है। यहाँ कई ट्रेक हैं जिनको आप कर सकते हैं। यहाँ टेंट लगाइए और आसपास की खूबसूरती को देखते रहिए।
अगर आपने इन जगहों की यात्रा की है तो अपने सफर का अनुभव यहाँ लिखें।
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