दिन 7 .. रामनगर से हरिद्वार तक का सुरमई सफर
जिम कॉर्बेट को छोड़ कर हम अपने नए जगह के लिए निकल पड़े। लेकिन कोरोना की कृपा के कारण, रामनगर-ऋषिकेश सेवा बंद थी। लेकिन बस हरिद्वार तक चल रही थी। और वो भी उत्तराखंड परिवहन निगम की सरकारी बस सेवा ही चालू थी । हमने दोपहर 12.30 बजे एक बस पकड़ी। हम ३ नो को ३ अलग अलग सीट मिली। बहुत दिनों के बाद, मुझे एहसास हुआ कि कारोना अभी भी है । बहुत दिनों के बाद, मैं एक बार हम भीड़ में आए थे । Google मैडम यात्रा को 6 घंटे की दिखा रहीं थीं । लेकिन यह सफर बहुत लंबा होने वाला था। मैं कंडक्टर के बगल में बैठी थी। भीड़ वाली बस में सुंदर पुराने गाने लगे थे। सफर के दौरान मेरी कंडक्टर गोपाल जी से दोस्ती हो गई थी । मैं उनसे कई सवाल कर रही थी । मेरी दिलचस्पी को देखते हुए, उन्होंने खुद को सारी जानकारी बताना शुरू कर दिया। रामनगर से हरिद्वार के सफर मे हम ३ घंटे के लिए उत्तर प्रदेश में चले गए थे। बस का रूट ही ऐसा था। जगह और लोगोंके वजह से हमेशा पता चल जाता है। हमने सुबह 10 बजे नाश्ता किया और जोरो कि भूक लगीं थीं। हरिद्वार के लिए 2 घंटे बाकी थे और बस एक डिपो में रुकी। लेकिन मुझे नीचे उतरना नहीं था। सचिन मेरा दोस्त हमारे लिए छोले चाट और चना चाट ले आया। यह बहुत स्वादिष्ट था। मैं और सचिन ने मुंबई जा कर इसका। बिजनेस चालू करने के प्लान करते हुए डिपो छोड़ा । हम लगभग 8 बजे हरिद्वार पहुँचे। गोपाल जी बस मे बैठे बैठे हिभामे ऑटो मिला के से दिया। 8 घंटे की दोस्ती और गोपाल जी हमेशा याद रहेंगे। और हम आगाए थे हरिद्वार मे।