"आइए ले चलते हैं आपको सबसे पुराने शिवलिंगों में से एक के पास" - गुदिमल्लम का परशुरामेश्वर मंदिर

Tripoto
5th Mar 2021
Photo of "आइए ले चलते हैं आपको सबसे पुराने शिवलिंगों में से एक के पास" - गुदिमल्लम का परशुरामेश्वर मंदिर by Roaming Mayank

दक्षिण भारत में आंध्रप्रदेश का एक छोटा सा पर जाना माना नाम है गुदिमल्लम गांव, आप सोच रहे होंगे कि आखिर किस वजह से है ये नाम खास !! तो आइए जानते है....🚴

सबसे प्राचीन शिवलिंग

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तिरुपति से बस 30 कि.मी. दूर इस गांव (चित्तूर जिला) में परशुरामेश्वर मंदिर सुवर्णमुखी नदी के तट पर बना है और ये जाना जाता है इसके गर्भगृह में विराजमान शिव की पूर्ण लंबाई वाली एक बहुत ही प्राचीन मूर्ति(शिवलिंग के रूप में) के कारण। यह शायद आज तक खोजे गए शिवलिंगों में से सबसे पुराना शिवलिंग है।

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तिरुमाला हिल्स, तिरुपति

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Natural Stone Arch

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कपिला तीर्थ जलप्रपात, तिरुपति

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तिरुपति

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इतिहासकारों ने इसे करीब 2500-3000 वर्ष पुराना माना है। यदि प्रारंभिक तिथि निर्धारित की जाय तो शिवलिंग पर बनी ये शिवआकृति भगवान शिव के सबसे प्रारंभिक, आज भी अस्तित्व में मौजूद और अप्रतिम रूपों में से एक होगी।

इस लिंगम को त्रिदेवों का चित्रण करने के लिए माना जाता है। मंदिर की कथा इसे भगवान विष्णु के अवतार परशुराम से जोड़ती है। यहां ब्रह्मा के रूप में चित्रसेन, विष्णु के रूप में परशुराम और लिंगम के रूप में शिव मौजूद हैं।

परशुरामेश्वर मंदिर, चित्तूर

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🙏यहाँ से जुड़ी कथा🙏

इस जगह के बारे में एक दिलचस्प कहानी है जो परशुराम की माता रेणुका, पिता ऋषि जमदग्नि से जुड़ी है।

कथा के अनुसार संदेहवश पिता के द्वारा पुत्र को अपनी ही माता का सिर काट देने का आदेश और उसके पालन करने पर पुत्र द्वारा उसी माता को पुनर्जीवित करने का वर मांगने से जुड़ी है। किंवदंती है कि को उनकी माँ को बतौर वर जीवन वापस तो मिला, पर परशुराम अपनी माँ को धोखा देने के अपराध बोध से उबर नहीं पाए और उन्हें अपने कृत्य पर पश्चाताप होने लगा । पश्चाताप के रूप में उन्हें अन्य ऋषियों ने गुडीमल्लम में शिव की पूजा करने की सलाह दी थी। गुडीमल्लम, यहीं वो मंदिर है जिसका नाम बाद में परशु रामेश्वर मंदिर के नाम से जाना गया।

मंदिर के अंदर की कमाल की बनावट

Photo of Gudimallam Shiva Temple by Roaming Mayank

यहां तीर्थयात्रियों और घुमक्कड़ दोनों के लिए काफी कुछ है। तिरुपति, तिरुमाला हिल्स की बेदाग खूबसूरती को सुंदर रास्ते से देखते हुए आप इन नजारों में व्यस्त और मस्त रहेंगे। इसके बाद दर्शन करिए इस प्राचीन और बिल्कुल अलग शिव अनुभव का।

----कब जाएं----

पूरे साल में कभी भी यहां दर्शन किए जा सकते हैं ।

मंदिर का समय सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक होता है।

🙏 हर हर महादेव 🙏

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