जानिए जगन्नाथ मंदिर के हैरान करने वाले वो अनसुलझे रहस्य, जो आज तक कोई भी नहीं समझ पाया

Tripoto
2nd Jun 2021
Photo of जानिए जगन्नाथ मंदिर के हैरान करने वाले वो अनसुलझे रहस्य, जो आज तक कोई भी नहीं समझ पाया by Smita Yadav
Day 1

हिंदू धर्म के हिसाब से चार धाम बद्रीनाथ, द्वारिका, रामेश्वरम और पुरी है। मान्यता है कि भगवान विष्णु जब चारों धाम पर बसे तो सबसे पहले बद्रीनाथ गए और वहाँ स्नान किया, इसके बाद वो गुजरात के द्वारिका गए और वहाँ कपड़े बदले। द्वारिका के बाद ओडिशा के पुरी में उन्होंने भोजन किया और अंत में तमिलनाडु के रामेश्वरम में विश्राम किया। पुरी में भगवान श्री जगन्नाथ का विशाल मंदिर है। पुरी के इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बालभद्र और बहन सुभद्रा की काठ (लकड़ी) की मूर्तियां हैं। लकड़ी की मूर्तियों वाला ये देश का अनोखा मंदिर है। जगन्नाथ मंदिर की ऐसी तमाम विशेषताएं हैं। साथ ही मंदिर से जुड़ी ऐसी कई कहानियां हैं जो सदियों से रहस्य बनी हुई हैं। यहाँ के चमत्कारों को जानकर कोई भी हैरान हुए बगैर नहीं रह सकता है। इस कृष्ण मंदिर से जुड़े कुछ ऐसे अनोखे तथ्य हैं, जिसे जानकार आप दंग रह जायेंगे कि क्या ऐसा भी होता है? वास्तव में यह मंदिर आस्था के साथ-साथ अपने इन रहस्यों के लिए भी प्रसिद्ध है। इस मंदिर से जुड़े कई ऐसे राज हैं, जिसे विज्ञान की कसौटी पर कई बार परखने की कोशिश की गई। मगर राज आज भी अनसुलझे हैं। मंदिर से जुड़ी कई अनोखी बातें हैं, जो आज भी लोगों के लिए एक पहेली ही बनी हुई है। फिर चाहें मंदिर बनाने से जुड़ी कहानी या हर बारह साल बाद भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा बदलने की पूरी प्रक्रिया। ऐसे ही कुछ अनसुलझे रहस्यों के बारे में आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे। शुरुआत प्रभु की प्रतिमा से जुड़ी कहानी से करते हैं।

Tripoto हिंदी के इंस्टाग्राम से जुड़ें

प्रभु की प्रतिमा से जुड़ी कहानी

Photo of जानिए जगन्नाथ मंदिर के हैरान करने वाले वो अनसुलझे रहस्य, जो आज तक कोई भी नहीं समझ पाया by Smita Yadav

ऐसी मान्यता है कि मंदिर में मौजूद प्रतिमा के अंदर ब्रह्माजी का वास है। जब श्रीकृष्ण ने धर्म स्थापना के लिए धरती पर अवतार लिया तब उनके पास अलौकिक शक्तियां थीं। लेकिन शरीर मानव का था। जब धरती पर उनका समय पूरा हो गया तो वो शरीर त्यागकर अपने धाम चले गए। इसके बाद पांडवों ने उनका अंतिम संस्कार किया। इस दौरान उनका दिल आग से धधकता रहा। पांडवों ने इसे जल में प्रवाहित कर दिया। तब ये लकड़ी के लठ्ठे के रूप में बदल गया। यही लठ्ठा राजा इंद्रदुयम्न को मिल गया। उनकी भगवान श्रीकृष्ण में बड़ी आस्था थी। वो उसे ले आए और मंदिर में स्थापित कर दिया। तब से ये मंदिर में ही मौजूद है, हर बारह साल बाद भगवान की मूर्ति बदली जाती है। मगर लठ्ठा वैसा ही रहता है। इससे जुड़ी एक दिलचस्प कहानी भी है। जब मंदिर के पुजारी इस लठ्ठे को बदलते हैं तो उनकी आंखों पर पट्टियां बंधी रहती हैं और हाथ कपड़े से ढंके रहते हैं। ऐसे में पुजारी न तो इसे देख पाते हैं और न ही छू। ऐसा माना जाता है कि जो कोई इसे देख लेगा उसकी मौत हो जाएगी। इसके अलावा भी कई ऐसे रहस्य हैं, जो मंदिर को भक्तों के लिए बेहद खास बनाते हैं।

1. मंदिर से जुड़े रहस्य

जगन्नाथ पुरी जितना खूबसूरत है उतना ही रहस्यमयी भी। समुद्र के किनारे बना यह मंदिर अपने अंदर कई दैवीय चमत्कारों को समेटे हुए है, यहाँ विज्ञान के कई नियम भी काम नहीं करते हैं। भगवान जगन्नाथ के इस मंदिर पर जाकर कोई भी इन आश्चर्यों को देख सकता है। लेकिन अनेक प्रयासों के बावजूद अब तक इन रहस्यों से पर्दा नहीं उठा सका है, यहाँ के प्रमुख रहस्यों में से कुछ इस प्रकार हैं।

2. मंदिर के झंडे का रहस्य

Photo of जानिए जगन्नाथ मंदिर के हैरान करने वाले वो अनसुलझे रहस्य, जो आज तक कोई भी नहीं समझ पाया by Smita Yadav
Photo of जानिए जगन्नाथ मंदिर के हैरान करने वाले वो अनसुलझे रहस्य, जो आज तक कोई भी नहीं समझ पाया by Smita Yadav

मंदिर के शिखर पर स्थित ध्वज हमेशा हवा की विपरीत दिशा में लहराता है। ऐसा क्यों होता है यह एक रहस्य ही बना हुआ है। एक और अद्भुत बात इस ध्वज से जुड़ी है वह यह कि इसे हर रोज बदला जाता है और बदलने वाला भी उल्टा चढ़कर ध्वजा तक पहुँचता है। मान्यता है कि अगर किसी दिन झंडे को नहीं बदला गया तो शायद मंदिर अगले 18 सालों के लिए बंद हो जाएगा।

3. चमत्कारिक सुदर्शन चक्र

जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर एक सुदर्शन चक्र लगा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि उसे किसी भी दिशा से खड़े होकर देखें, पर ऐसा लगता है कि चक्र का मुंह आपकी ही तरफ है। इसे नीलचक्र भी कहते हैं। यह अष्टधातु से निर्मित है और अति पावन और पवित्र माना जाता है।

4. गुंबद की छाया नहीं बनती

यह दुनिया का सबसे भव्य और ऊंचा मंदिर है। यह मंदिर 4 लाख वर्गफुट में क्षेत्र में फैला है और इसकी ऊंचाई लगभग 214 फुट है। मंदिर के पास खड़े रहकर इसका गुंबद देख पाना असंभव है। मुख्य गुंबद की छाया दिन के किसी भी समय अदृश्य ही रहती है। उसे जमीन पर कभी कोई नहीं देख पाता। हमारे पूर्वज कितने बड़े इंजीनियर रहे होंगे यह इस एक मंदिर के उदाहरण से समझा जा सकता है। पुरी के मंदिर का यह भव्य रूप 7वीं सदी में निर्मित किया गया।

5. गुंबद के ऊपर नहीं उड़ते पक्षी

मंदिर के ऊपर गुंबद के आसपास अब तक कोई पक्षी उड़ता हुआ नहीं देखा गया। इसके ऊपर से विमान नहीं उड़ाया जा सकता। मंदिर के शिखर के पास पक्षी उड़ते नजर नहीं आते, जबकि देखा गया है कि भारत के अधिकतर मंदिरों के गुंबदों पर पक्षी बैठ जाते हैं या आसपास उड़ते हुए नजर आते हैं।

6. उल्टी दिशा में बहती है हवा

Photo of जानिए जगन्नाथ मंदिर के हैरान करने वाले वो अनसुलझे रहस्य, जो आज तक कोई भी नहीं समझ पाया by Smita Yadav

सामान्य दिनों के समय हवा समुद्र से जमीन की तरफ आती है और शाम के दौरान इसके विपरीत, लेकिन पुरी में इसका उल्टा होता है। अधिकतर समुद्री तटों पर आमतौर पर हवा समुद्र से जमीन की ओर आती है, लेकिन यहाँ हवा जमीन से समुद्र की ओर जाती है।

7. दुनिया का सबसे बड़ा रसोईघर

500 रसोइए 300 सहयोगियों के साथ बनाते हैं भगवान जगन्नाथजी का प्रसाद। लगभग 20 लाख भक्त कर सकते हैं यहाँ भोजन। कहा जाता है कि मंदिर में प्रसाद कुछ हजार लोगों के लिए ही क्यों न बनाया गया हो लेकिन इससे लाखों लोगों का पेट भर सकता है। मंदिर के अंदर पकाने के लिए भोजन की मात्रा पूरे वर्ष के लिए रहती है। प्रसाद की एक भी मात्रा कभी भी व्यर्थ नहीं जाती।

Photo of जानिए जगन्नाथ मंदिर के हैरान करने वाले वो अनसुलझे रहस्य, जो आज तक कोई भी नहीं समझ पाया by Smita Yadav

मंदिर की रसोई में प्रसाद पकाने के लिए 7 बर्तन एक-दूसरे पर रखे जाते हैं और सब कुछ लकड़ी पर ही पकाया जाता है। इस प्रक्रिया में शीर्ष बर्तन में सामग्री पहले पकती है फिर क्रमश: नीचे की तरफ एक के बाद एक पकती जाती है अर्थात सबसे ऊपर रखे बर्तन का खाना पहले पक जाता है। है न चमत्कार।

8. सिंहद्वार का रहस्य

Photo of जानिए जगन्नाथ मंदिर के हैरान करने वाले वो अनसुलझे रहस्य, जो आज तक कोई भी नहीं समझ पाया by Smita Yadav

जगन्नाथ पुरी मंदिर समंदर किनारे पर है। मंदिर में एक सिंहद्वार है। कहा जाता है कि जब तक सिंहद्वार में कदम अंदर नहीं जाता तब तक समंदर की लहरों की आवाज सुनाई देती है, लेकिन जैसे ही सिंहद्वार के अंदर कदम जाता है लहरों की आवाज गुम हो जाती है इसी तरह सिंहद्वार से निकलते वक्त वापसी में जैसे ही पहला कदम बाहर निकलता है, समंदर की लहरों की आवाज फिर आने लगती है। ये भी कहा जाता है कि सिंहद्वार में कदम रखने से पहले आसपास जलाई जाने वाली चिताओं की गंध भी आती है, लेकिन जैसे ही कदम सिंहद्वार के अंदर जाता है ये गंध भी खत्म हो जाती है। सिंहद्वार के ये रहस्य भी अब तक रहस्य ही बने हैं।

9. प्रतिमा के अलग होने की कहानी

यहाँ प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की जो प्रतिमाएं लगी हैं वो हर 14 से 18 साल बाद बदली जाती हैं। पुरानी प्रतिमाओं को एक ही स्थान पर मिट्टी के नीचे दबा दिया जाता है। वो भी एक के ऊपर एक रखकर। ऐसा माना जाता है कि ये प्रतिमाएं अपने आप अलग हो जाती हैं।

10. विश्‍व की सबसे बड़ी रथयात्रा

Photo of जानिए जगन्नाथ मंदिर के हैरान करने वाले वो अनसुलझे रहस्य, जो आज तक कोई भी नहीं समझ पाया by Smita Yadav

आषाढ़ माह में भगवान रथ पर सवार होकर अपनी मौसी रानी गुंडिचा के घर जाते हैं। यह रथयात्रा 5 किलो‍मीटर में फैले पुरुषोत्तम क्षेत्र में ही होती है। रानी गुंडिचा भगवान जगन्नाथ के परम भक्त राजा इंद्रदयुम्न की पत्नी थी, इसीलिए रानी को भगवान जगन्नाथ की मौसी कहा जाता है। अपनी मौसी के घर भगवान 8 दिन रहते हैं। आषाढ़ शुक्ल दशमी को वापसी की यात्रा होती है। भगवान जगन्नाथ का रथ नंदीघोष है। देवी सुभद्रा का रथ दर्पदलन है और भाई बलभद्र का रक्ष तल ध्वज है। पुरी के गजपति महाराज सोने की झाड़ू बहाते हैं, जिसे छेरा पैररन कहते हैं।

क्या आपने भी पुरी की यात्रा की हैं अपने अनुभव को हमारे साथ शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

कैसा लगा आपको यह आर्टिकल, हमें कमेंट बॉक्स में बताएँ।

बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें

Tripoto हिंदी के इंस्टाग्राम से जुड़ें और फ़ीचर होने का मौक़ा पाएँ।