नालंदा विश्वविद्यालय: दुनिया के इस सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय में बख्तियार खिलजी ने लगा दी थी आग

Tripoto
Photo of नालंदा विश्वविद्यालय: दुनिया के इस सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय में बख्तियार खिलजी ने लगा दी थी आग by Hitendra Gupta
Day 1

शिक्षा के क्षेत्र में अभी बिहार की स्थिति भले ही दयनीय हो, लेकिन एक समय बिहार के बल पर भारत विश्व गुरु कहलाता था। विक्रमशिला के साथ ही नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन काल में शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र था। नालंदा विश्वविद्यालय को दुनिया का सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय माना जाता है। यह विश्व का प्रथम पूरी तरह से आवासीय विश्वविद्यालय था। यहां भारत ही नहीं दुनिया भर से छात्र अध्ययन करने के लिए आते थे।

Photo of नालंदा विश्वविद्यालय, प्राचीन, Bargaon, Bihar, India by Hitendra Gupta
Photo of नालंदा विश्वविद्यालय, प्राचीन, Bargaon, Bihar, India by Hitendra Gupta

अपनी शिक्षा के लिए विश्व विख्यात नालंदा विश्वविद्यालय में बौद्ध धर्म के साथ ही अन्य धर्मों के छात्र अध्ययन करते थे। यहां चीन, जापान, कोरिया, तिब्बत , इंडोनेशिया, फारस और तुर्की के छात्र भी शिक्षा ग्रहण के लिए आते थे। लेकिन यहां प्रवेश के लिए उन्हें कड़ी परीक्षा देनी होती थी। बताया जाता है कि विश्वविद्यालय में 6 द्वार थे और हर द्वार पर एक द्वार पंडित होते थे। नामांकन से पहले द्वार पंडित छात्रों की परीक्षा लेते थे। उनकी परीक्षा में सफल छात्रों को ही अंदर जाने की अनुमति होती थी। चीनी भ्रमणकारी ह्वेनसांग और इत्सिंग ने नालंदा में ही शिक्षा ग्रहण की थी।

Photo of नालंदा विश्वविद्यालय: दुनिया के इस सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय में बख्तियार खिलजी ने लगा दी थी आग by Hitendra Gupta
Photo of नालंदा विश्वविद्यालय: दुनिया के इस सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय में बख्तियार खिलजी ने लगा दी थी आग by Hitendra Gupta

उच्च शिक्षा के सबसे प्रमुख केंद्र नालंदा में 10 हजार विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए करीब दो हजार अध्यापक थे। यहां साहित्य, ज्योतिष विज्ञान, मनोविज्ञान, कानून, खगोल विज्ञान समेत इतिहास, गणित, भाषा विज्ञान, अर्थशास्त्र और चिकित्सा शास्त्र जैसे कई विषयों की पढ़ाई होती थी। बताया जाता है कि नालंदा विश्वविद्यालय या महाविहार एक बड़ा बौद्ध मठ था। ये भी बताया जाता है कि भगवान बुद्ध यहां कई बार आए थे। इस कारण यह पांचवी से बारहवीं शताब्दी में बौद्ध शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र रहा। अब यहां सिर्फ खंडहर बचा है। इस विश्वविद्यालय के भग्नावशेष को देखकर आप इसके प्राचीन वैभव का अंदाजा लगा सकते हैं।

Photo of नालंदा विश्वविद्यालय: दुनिया के इस सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय में बख्तियार खिलजी ने लगा दी थी आग by Hitendra Gupta
Photo of नालंदा विश्वविद्यालय: दुनिया के इस सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय में बख्तियार खिलजी ने लगा दी थी आग by Hitendra Gupta

इस विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना गुप्त शासक कुमारगुप्‍त पांचवी शताब्दी के 450 ईसवीं में की थी। गुप्तवंश के बाद भी सभी शासकों ने इसकी समृद्धि में अपना योगदान जारी रखा। सम्राठ अशोक तथा हर्षवर्धन ने यहां सबसे ज्यादा मठों, विहार तथा मंदिरों का निर्माण करवाया था। बताया जाता है कि भगवान बुद्ध ने सम्राट अशोक को यहीं उपदेश दिया था।

Photo of नालंदा विश्वविद्यालय: दुनिया के इस सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय में बख्तियार खिलजी ने लगा दी थी आग by Hitendra Gupta
Photo of नालंदा विश्वविद्यालय: दुनिया के इस सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय में बख्तियार खिलजी ने लगा दी थी आग by Hitendra Gupta

नालंदा विश्वविद्यालय को नौवीं शताब्दी से बारहवीं शताब्दी तक दुनियाभर में खूब प्रसिद्धी मिली, लेकिन मुस्लिम आक्रमणकारी बख्तियार खिलजी ने 1199 ईस्वी के आसपास यहां हमला कर इसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया। विक्रमशिला की तरह इसके पुस्तकालय को भी आग लगा दी गई। बताया जाता है कि पुस्तकालय में इतनी किताबें और पांजुलिपियां थीं कि तीन महीने से ज्यादा तक आग दहकती रही।

Photo of नालंदा विश्वविद्यालय: दुनिया के इस सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय में बख्तियार खिलजी ने लगा दी थी आग by Hitendra Gupta
Photo of नालंदा विश्वविद्यालय: दुनिया के इस सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय में बख्तियार खिलजी ने लगा दी थी आग by Hitendra Gupta

कहा जाता है कि इस विश्वविद्यालय को नष्ट करने के क्रम में बख्तियार खिलजी ने एक हजार से ज्यादा बौद्ध भिक्षुओं को जिंदा जला दियाऔर करीब इतने ही भिक्षुओं के सिर कलम कर दिए। भारतीय ज्ञान भंडार को नष्ट करने के साथ ही भारतीय सभ्यता-संस्कृति को नष्ट करने में मुस्लिम आक्रमणकारियों का बहुत बड़ा हाथ रहा है। अब खुदाई में करीब 14 हेक्टेयर में इस विश्वविद्यालय के अवशेष मिले हैं। यहां सिर्फ छात्रों के लिए 300 से अधिक कक्ष बने हुए थे।

Photo of नालंदा विश्वविद्यालय: दुनिया के इस सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय में बख्तियार खिलजी ने लगा दी थी आग by Hitendra Gupta

नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया हुआ है। यह हर साल लाखों लोग नालंदा विश्वविद्यालय के साथ म्यूजियम, नव नालंदा महाविहार और ह्वेनसांग मेमोरियल हाल देखने आते हैं। नालंदा विश्वविद्यालय स्थल बिहार की राजधानी पटना से करीब 90 किलोमीटर की दूरी पर है। राजगीर सिर्फ 12 किलोमीटर दूर है। आप यहां से राजगीर के साथ पावापुरी, गया और बोधगया के साथ बिहारशरीफ और बड़ागांव स्थित प्रसिद्ध सूर्य मंदिर भी जा सकते हैं।

Photo of नालंदा विश्वविद्यालय: दुनिया के इस सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय में बख्तियार खिलजी ने लगा दी थी आग by Hitendra Gupta

सभी फोटो- बिहार टूरिज्म

Photo of नालंदा विश्वविद्यालय: दुनिया के इस सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय में बख्तियार खिलजी ने लगा दी थी आग by Hitendra Gupta

कैसे पहुंचें

नालंदा विश्वविद्यालय रेल और सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। हालांकि नालंदा में रेलवे स्टेशन है, लेकिन ये काफी छोटा है। पास में राजगीर एक प्रमुख बड़ा रेलवे स्टेशन है। नजदीकी हवाई अड्डा पटना ही है जो करीब 90 किलोमीटर दूर है।

कब पहुंचे

बिहार में काफी सर्दी और गर्मी पड़ती है। यहां आने के लिए सबसे अच्छा समय फरवरी से मार्च और सितंबर से नवंबर के बीच का होता है।

-हितेन्द्र गुप्ता

Further Reads