नमस्कार दोस्तों आज हम आपको उत्तराखंड राज्य के बागेश्वर जिले में स्थित प्रसिद्ध मंदिर “बैजनाथ मंदिर” अर्थात “बैजनाथ मंदिर का इतिहास” के बारे में जानकारी देने वाले है |
HISTORY OF BAIJNATH TEMPLE , BAGESHWER (बैजनाथ मंदिर का इतिहास , बागेश्वर)
history of baijnath temple bageshwer बैजनाथ मंदिर कुमाऊ कत्युरी राजा द्वारा बागेश्वर जिले में करीब 1150 इसवी में गोमती नदी के किनारे पर बनाया गया था । यह मंदिर 1126 मीटर की ऊंचाई पर गोमती नदी के बाएं किनारे पर स्थित है | यह मंदिर विशाल पाषण शिलाओं से बनाया गया है।
बैजनाथ में यात्रा करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण जगहों में से एक 12 वी सदी में बना ऐतिहासिक एवम महत्वपूर्ण “बैजनाथ मंदिर” है | ऐसी मान्यता है कि शिव और पार्वती ने गोमती व गरुड़ गंगा नदी के संगम पर विवाह रचाया था |
बैजनाथ को पहले “कार्तिकेयपुर” के नाम से जाना जाता था , जो कि 12वीं और 13वीं शताब्दी में कत्यूरी वंश की राजधानी हुआ करती थी । शिव वैद्यनाथ के लिए समर्पित, भगवान के चिकित्सकों, बैजनाथ मंदिर वास्तव में एक मंदिर है , जो कि शिव, गणेश, पार्वती, चंदिका, कुबेर, सूर्य और ब्रह्मा की मूर्तियों के साथ कत्युरी राजाओं द्वारा बनाया गया है । इसके अलावा बैजनाथ शहर भी मंदिर से अपना नाम रखता है। महंत के घर के ठीक नीचे मुख्य मंदिर के रास्ते में ब्राह्मणी मंदिर है | जिसके बारे में पौराणिक कथा यह है कि मंदिर में एक ब्राह्मण महिला द्वारा निर्मित शिवलिंग भगवान शिव को समर्पित था । (बैजनाथ मंदिर का इतिहास )
बागेश्वर में स्थित बैजनाथ मंदिर के साथ साथ बागनाथ मंदिर के भी दर्शन जरुर करने चाहिए क्यूंकि बागनाथ मंदिर भी बैजनाथ मंदिर के सामान पौराणिक धार्मिक स्थल है |