
जोधपुर स्थित मेहरानगढ़ किले में है शीश महल - शाही राजपूत वास्तुकला की एक विशेषता, शीश महल, जिसका शाब्दिक अर्थ है शीशे का महल।
यह महल काँच के अंदरूनी पैनलों और बहु प्रतिबिंबित छत के साथ स्कृष्ठ रूप से सजाया गया है।
यहाँ उपयोग किये गये शीशे उतल आकार के हैं और रंगीन पन्नी और पेंट के साथ डिजाइन किये गए हैं जो कि दीपक की रोशनी में झिलमिलाते थे।
प्लास्टर में बने विभिन्न धार्मिक चित्रों के साथ इन सजावटी दर्पणों को अच्छी तरह से पूरक किया गया है जो कि उस समय की कला पर धर्म और संस्कृति का मजबूत प्रभाव दिखाता है।
कई सजावटी पैनल भगवान ब्रह्मा, राम, शिव और पार्वती, बांसुरी बजाते भगवान कृष्ण, आदि जैसी देवी-देवताओं को प्रदर्शित करते हैं।
यह कमरा महाराजा अजीतसिंहजी का शयनकक्ष था, जिन्होंने 1679 और 1724 के बीच जोधपुर पर शासन किया।



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