सूर्य मंदिर मोढ़ेरा

Tripoto
11th Apr 2022
Day 1

सूर्य मंदिर मोढ़ेरा

दिन के कुछ 4 बज चुके थे, मेरी ट्रेन के मेहसाना रेलवे स्टेशन से निकलने में कुछ 5 घंटे थे, किसी भी हालत में मैं इस अद्भुत कला के नमूने को तो नही छोड़ सकता था, मित्र की सहायता से, मोढ़ेरा में आ पहुंचा दिमाग में कुछ छवियां तो पहले से थी ही की कैसा दिखता है पर जब पहुंचा तो देखा की मोढ़ेरा एक गांव है, ज्यादा विकसित भी नही है ।

भारतीय पुरातत्व विभाग को उनका मेहनताना चुकाने के बाद कंधे पर एक बड़ा बैग टांगे मैं दाखिल हो गया प्रांगण में, पूछा था मैने की कोई लॉकर रूम है पर मना कर दिया।

करीब 1100 साल पहले चालुक्य राजघराने के भीम देव 1 ने एक मंदिर का निर्माण करवाया, मंदिर अपने कुल देव के लिए, क्योंकि वो अपनी वंशावली सूर्य वंश में पाते थे, जी बिलकुल भगवान राम वाले वंश में ।

मंदिर तो बनवाया पर मोढ़ेरा में क्यों ?

चलिए बात कर लेते है थोड़ी सी इस बारे में भी । जैसा की वहा के लोकल ने बताया कि त्रेता युग में राम यहां आए थे और एक कुंड का निर्माण किया था जिसे राम कुंड के नाम से जाना जाता था, जिसकी बहुत महत्ता थी इस भूभाग में । जब गजनी का मोहम्मद सारे गुजरात में कतले आम करता आ रहा था तब किसी तरह भीम देव अपने सम्रजय को बचा आए और उस विजय की खुशी में उसी कुंड के साथ एक भव्य मंदिर का निर्माण करा दिया।

पर क्या बस इतनी सी बात थी नही, गजनी फिर आया और इस मंदिर को तहस नहस कर दिया, मूर्ति को खंडित कर दिया, आज भी इस मंदिर में पूजा नही होती और मंदिर की प्राचीनता के भग्नावेश पास बने संग्रहालय में दिख जाते है ।

पर इस स्थान की सुंदरता, स्थापत्य कला मन मोह लेती है , सभा मंडप और गर्भगृह के तोरण और स्तंभो पर गड़ी हुई कहानियां बात करती है, रामायण की महाभारत की सत्यभामा की, सुग्रीव की और स्वर्णिम इतिहास की

आज भी सूरज की पहली किरण गर्भ गृह पर गिरती है और शायद रोती होगी अपने स्वामी के बिना सुने महल को देख कर ।

पर अब समय हो चला था सूरज के छुपने का, कब ३ घंटे बीत गए पता नही चला, समय था ट्रेन पकड़ने का

पर आप मत छोड़िएगा मौका , अगर गुजरात जाए तो

धन्यवाद

Photo of Modhera Sun Temple by tushar jindal
Photo of Modhera Sun Temple by tushar jindal

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