मुनस्यारी – तुम सुकून कहना । मैं कहुंगा मुनस्यारी ।

Tripoto
16th Nov 2022
Photo of मुनस्यारी – तुम सुकून कहना । मैं कहुंगा मुनस्यारी । by KAPIL PANDIT
Day 1

वैसे तो उत्तराखंड में काफी सारे बहुप्रचलित पर्यटक स्थल पहले ही मौजूद है । जैसे की ऋषिकेश , मसूरी , चकराता , नैनीताल , औली, चोपता, लैंसडाउन , अल्मोड़ा , रानीखेत , इत्यादि ।
लेकिन आज हम बात कर रहे है ।
उत्तराखंड की बिटिया प्यारी । मुनस्यारी । की 
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की एक तहसील है मुनस्यारी
जहा की आबोहवा, वातावरण, वर्षभर ठंडी और सुहावनी रहती है । मुनस्यारी समुंद्र तल से लगभग 2200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है ।

Photo of मुनस्यारी by KAPIL PANDIT
Photo of मुनस्यारी by KAPIL PANDIT
Photo of मुनस्यारी by KAPIL PANDIT

यू तो यह एक सुदूर इलाका है । तथा सीमावर्ती क्षेत्र भी हैं।
इसकी सीमा एक ओर तो तिब्बत से तथा दूसरी ओर से नेपाल से लगती है । अगर मैं इसकी तुलना बाकी हिल स्टेशन से करता हु तो इसकी नैसर्गिक खूबसूरती का कोई मुकाबला नहीं है । यहां अभी कम पर्यटक आते है । तथा यहां पहुंचना भी थोड़ा मुश्किल है । इसीलिए शायद अभी भी यह जगह अपनी खूबसूरती बचा कर रखी हुई है ।
नजारे इतने शानदार है । की क्या ही कहने ।  काफी सारे टूरिस्ट तो यहां हर साल ट्रेकिंग के लिए आते है । यहां उत्तराखंड के काफी सारे ट्रैक का आधार कैंप ( शिविर ) भी है जैसे – नंदा देवी ट्रैक , पंचाचुली ट्रैक , खालिया ट्रैक , महेसर कुंड ट्रैक , थमरी कुंड ट्रैक , इत्यादि ।

क्या क्या कर सकते है मुनस्यारी में

Photo of मुनस्यारी – तुम सुकून कहना । मैं कहुंगा मुनस्यारी । by KAPIL PANDIT

Tulip garden

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मुनस्यारी  आने वाले लोग पहले तो यहां की खूबसूरती देखकर ही मंत्रमुग्ध हो जाते है । यहां पर काफी बड़े क्षेत्र में ट्यूलिप गार्डन भी विकसित किया गया है । जो की बेहद ही आकर्षक है । सर्दियों के मौसम में गर्म धूप में ट्यूलिप गार्डन में टहलना एक अलग ही अहसास है ।
मुनस्यारी 🐦 बर्ड वाचिंग में इंट्रेस्ट रखने वालो के लिए भी स्वर्ग है । यहां पर छोटी बड़ी सब मिलाकर 300 से ज्यादा भिन्न भिन्न प्रकार की चिड़िया देखने को मिलती है ।

खालिया पर्वत पर ही मुनस्यारी नामक छोटा सा कस्बा स्थित हैं।  पर्यटक खालिया टॉप तक की ट्रैक भी जरूर करते है ।
यहां से नजारा भी बेहद ही शानदार और आकर्षक लगता है।  खालिया टॉप से आप हिमालय की ऊंची ऊंची चोटी जैसे ।
पंचाचुली, नंदा देवी , इत्यादि आप देख सकते है ।
खालिया ट्रैक मध्यम वर्ग का ट्रैक माना जाता है । इसे पूरा करने में 8 से 9 घंटे लग जाते है।आना जाना दोनो मिलाकर।
टॉप पर पहुंच कर आपको एक एक प्राकर्तिक घास का मैदान जिसे लोकल भाषा में बुग्याल भी भी कहते है ।देखने को मिलेगा ।
इतनी ऊंचाई पर प्राकर्तिक घास के मैदान बुग्याल देखना एक अलग ही आनंद है । खालिया टॉप की ट्रेकिंग तो यहां का मुख्य आकर्षण है ।

खालिया टॉप

Photo of खालिया टोप मुन्सियारी by KAPIL PANDIT
Photo of खालिया टोप मुन्सियारी by KAPIL PANDIT

मुनस्यारी टाऊन

Photo of खालिया टोप मुन्सियारी by KAPIL PANDIT

थामरी कुंड एक साफ पानी की झील है । जोकि मुनस्यारी के नजदीक ही पड़ती है । यहां जाने के लिए भी आपको ट्रेकिंग करनी पड़ेगी । इसके अलावा एक और कुंड हैं जिसका नाम माहेसर कुंड है।  यहां तक भी ट्रेकिंग की जाती है ।
मैने आपको शुरू में ही बताया था की मुनस्यारी काफी सारे ट्रैक का आधार शिविर भी है । तो कहने का मतलब यह था की अगर आपको भी ट्रेकिंग का शौक है । पहाड़ चढ़ने उतरने में आपको मजा आता है तो यह जगह आपके लिए किसी जन्नत से कम नही है । यहां अभी बहुत ज्यादा व्यवसायीकरण नहीं हुआ है इसी वजह से यह जगह इतनी खास है । शहरी विकास , शोर गुल से दूर , यह अपने आप में एक लाजवाब जगह है ।

थामरी कुंड

Photo of थामरी कुंड by KAPIL PANDIT
Photo of थामरी कुंड by KAPIL PANDIT

बिरथी वाटरफॉल भी यहां का एक मुख्य आकर्षण है ।
यह झरना मुनस्यारी से लगभग 30 किलोमीटर दूर है ।
अगर आप अल्मोड़ा की तरफ से मुनस्यारी आ रहे है तो यह झरना आपके रास्ते में पड़ेगा । लगभग 300 फीट की ऊंचाई से यह झरना गिरता है । और बड़ा ही शानदार दिखता है ।

बिरथी वाटरफॉल

Photo of Birthi Waterfall by KAPIL PANDIT

नंदा देवी मंदिर

Photo of Birthi Waterfall by KAPIL PANDIT
Photo of Birthi Waterfall by KAPIL PANDIT

किसी समय में चीन से होने वाला व्यापार भी इसी रास्ते से होता था । यह बड़ी मनमोहक जगह है । ऐसे ऐसे नायाब नगीने इस जगह ने अपने आप में समेटे हुए है । की कहा नही जा सकता है । अगर आप भी वही पुराने घिसे पिटे हिल स्टेशन पर जा जाकर थक चुके है तो यह आपके लिए एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।

पहाड़ों की यात्रा पर भले ही आपको कुछ मिले या न मिले 
लेकिन आप अपने आप को तो ढूंढ ही लेते है ।

ऐसा मेरा व्यक्तिगत सुझाव है ।

 कैसे पहुंचे –  आप सड़क मार्ग से हल्द्वानी होते हुए रानीखेत अल्मोड़ा होते हुए मुनस्यारी आ सकते है हल्द्वानी से मुनस्यारी की दूरी लगभग 250 किलोमीटर है ।
अन्यथा आप टनकपुर होते हुए पिथौरागढ़ वाले रास्ते से भी मुनस्यारी आ सकते है ।

रेलवे द्वारा – आप भारतीय रेलवे से काठगोदाम आकार यहां से कैब टैक्सी लेकर मुनस्यारी आ सकते है । अन्यथा
आप टनकपुर तक ट्रेन से आकर आगे का रास्ता आप बस टैक्सी , कैब से पूरा कर सकते है ।

हवाई मार्ग – नजदीकी एयरपोर्ट पंत नगर है । यहां से टैक्सी या कैब के माध्यम से मुनस्यारी पहुंचा जा सकता है
तथा अभी हाल फिलहाल में ही एक और एयरपोर्ट शुरू हुआ है पिथौरागढ़ में । यहां से भी कुछ फ्लाइटों का परिचालन होने लग गया है । तो अब यहां आना और भी सरल और सुगम हो गया हैं।

कहा ठहरे – वैसे तो मुनस्यारी में काफी सारे टूरिस्ट होटल तथा लॉज उपलब्ध है । लेकिन अगर आप मेरी बात माने तो आपको किसी होम स्टे में रुकना चाहिए । यह अच्छा अनुभव रहेगा । आप किसी होम स्टे में रुकते है तो आप पहाड़ों की संस्कृति से भी रूबरू होते है। 
यहां पर काफी सारे होम स्टे के अच्छे ऑप्शन भी मौजूद है ।
जिनका आप लाभ उठा सकते हो ।

जानकारी आपको कैसी लगी। जरूर बताएं।

धन्यवाद  ।

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