
शामों की शाम हिडिम्बा मन्दिर की शाम देखने लायक ही बनती है।
शुरू से ही एक घुमक्कड़ के लिए हिडिम्बा मन्दिर देखना बहुत ही रोचक और रोमांचित भरा रहता आया है। क्यूंकि हिडिम्बा मन्दिर एक बहुत ही प्राचीन धरोहरों में से एक है। अगली ही शाम हम अंबिका होटल मनाली से निकल पड़े हिडिम्बा मन्दिर के लिए। हालांकि हिडिम्बा मन्दिर मनाली के माल रोड से मात्र 2.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।


हरे हरे देवधार के पेड़ों के बीचों-बीच बने इस मन्दिर को देख कर हर कोई मंत्र मुग्ध हो जाता है। यहाँ हर दिन हजारों की संख्या में यहाँ की सुंदरता को देखने के लिए लोगों का ताँता लगा रहता है।


मन्दिर के बाहर रोजगार की आस में बैठे लोग आपको पैसों से याक की सवारी और खरगोश के साथ फोटो खींचने के लिए आसानी से मिल जाएंगे और साथ ही मनाली के लोकल कल्चर की एक खूबसूरत झलक भी देखने को मिलती है। एशिया में मनाली के लोकल सूखे मेवे बहुत मशहूर हैं।
आपको भी एक बार यहाँ घुमने के लिए और जन्नत जैसी जगह देखने के लिए जरूर आना चाहिए।
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