शिमला मनाली की भीड़ से दूर एक आफबीट जगह है हिमाचल प्रदेश की तीर्थन घाटी|

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Photo of शिमला मनाली की भीड़ से दूर एक आफबीट जगह है हिमाचल प्रदेश की तीर्थन घाटी| by Dr. Yadwinder Singh

दोस्तों हिमाचल प्रदेश में घूमने के लिए बहुत सारी खूबसूरत जगहें है | जहाँ हर साल लाखों सैलानी घूमने के लिए आते हैं| शिमला, मनाली और धर्मशाला आदि मशहूर हिल स्टेशन अब टरैफ़िक और भीड़भाड़ का शिकार हो रहे हैं | अब घुमक्कड़ ऐसी ही जगह पर जाना चाहते हैं जहाँ स्कून हो, शांति हो भीड़भाड़ न हो और आखिर में कुदरत के पास हो | अगर आप भी हिमाचल प्रदेश घूमना चाहते हो और किसी आफबीट जगह की तलाश में हो तो तीर्थन घाटी एक अच्छा विकल्प है| आईए जानते हैं तीर्थन घाटी की यात्रा में हम कहाँ कहाँ घूम सकते हैं |
1. जिभी - तीर्थन घाटी में जिभी नाम का एक खूबसूरत गाँव है | जहाँ आप कुदरत की गोद में कुछ दिन स्कून से गुजार सकते हो जिभी में आप कुछ दूर पैदल चलकर जिभी वाटरफॉल जा सकते हो| जिभी वाटरफॉल जंगल के रास्ते पर चलकर पहुँच सकते हो| जहाँ पानी ऊंचाई से नीचे गिरता है | आपको रहने के लिए जिभी में बहुत सारे होमस्टे और होटल मिल जाऐगे| जिभी गाँव में पहाड़ों के खूबसूरत नजारे देखने के लिए मिलते हैं |
2. शोजा - जिभी से जालोड़ी पास जाते समय एक और खूबसूरत गाँव आता है जिसका नाम है शोजा हालांकि इस गाँव में देखने के लिए कुछ नहीं है पर कुदरत ने इस गाँव को बेशुमार खूबसूरती से निवाजा है| आप तीर्थन घाटी में शोजा गाँव में भी अपनी फैमिली के साथ कुछ दिन गुजार सकते हो | शोजा की समुद्र तल से ऊंचाई 2692 मीटर है| शोजा को आप जलोड़ी पास, सिरोलसर झील और रघुपुर किले के लिए बेस भी बना सकते हो|

जिभी गाँव का खूबसूरत दृश्य

Photo of Jibhi by Dr. Yadwinder Singh

जिभी वाटरफॉल

Photo of Jibhi by Dr. Yadwinder Singh

शोजा गाँव के पास देवदार का जंगल और कोहरा

Photo of Jibhi by Dr. Yadwinder Singh

जिभी वाटरफॉल पर घुमक्कड़

Photo of Jibhi by Dr. Yadwinder Singh

3. ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क
हिमाचल प्रदेश में यह नैशनल पार्क यनूसैको वर्ल्ड हैरीटेज साईट में शामिल हैं| ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क 765 किमी क्षेत्र में फैला हुआ है| इस पार्क का आधे से ज्यादा क्षेत्र 4000 मीटर की ऊंचाई से ऊपर है| यह नैशनल पार्क कुदरत का तोहफा है| इस नैशनल पार्क में आप टरैकिंग ही कर सकते हो | आप को पैदल ही चलना होगा इस नैशनल पार्क में| इस नैशनल पार्क में आपको हिमालयन पशु पंक्षियों और वनों की बहुत सारी प्रजातियों को देखने का मौका मिल सकता है| तीर्थन घाटी, सैंज घाटी का काफी ईलाका इस नैशनल पार्क में शामिल हैं| इस नैशनल पार्क के लिए गुशैनी में एक पुवाईट बना हुआ है जो तीर्थन घाटी में है| इस पार्क में आप टरैकिंग करके काफी सारे टरैक कर सकते हो| यहाँ पर रहने के लिए पार्क में आवास बने हुए हैं| आपको इस पार्क में गाईड की सुविधा भी मिल जाएगी| इस पार्क में आप हिमालयन वाईलड लाईफ देख सकते हो| अगर आप अगस्त सितम्बर में जायोगे तो जंगली फूल भी देख सकते हो| अकतूबर टरैकिंग के लिए उत्तम समय है इस पार्क में| यहाँ टरैकिंग करने के लिए हर साल सैलानी आते हैं|
4. श्रृंगा ऋषि मंदिर
यह खूबसूरत मंदिर बंजार से 6 किमी दूर है| श्रृंगा ऋषि पूरे बंजार क्षेत्र के प्रमुख देवता है |
तीर्थन घाटी की यात्रा पर हम सबसे पहले बंजार घाटी के प्रमुख देवता श्रृंग ऋषि के मंदिर के दर्शन करने गए।  हम कार में बैठ गए और अपने कैंप साइट से बंजार की ओर बढ़ने लगे।  बंजार तीर्थन घाटी का मुख्य शहर है और कुल्लू जिले की एक तहसील भी है।  यह नगर तीर्थन घाटी का प्रमुख बाजार भी है।  यहां का बाजार बहुत संकरा है, दिन में हमेशा जाम रहता है, एक तरफ से ट्रैफिक भी पुलिस द्वारा नियंत्रित किया जाता है, क्योंकि बंजार शहर की सड़कें बहुत संकरी हैं।  उसी ट्रैफिक को पार करते हुए हम बंजार के इस खूबसूरत पहाड़ी शहर से गुजरते हुए जिबी जालौरी दर्रे की ओर बढ़ने लगे।  जीबी से 4 किमी पहले श्रृंग ऋषि मंदिर की ओर एक रास्ता कटता है, मुख्य सड़क को छोड़कर हम उस रास्ते पर चलने लगे, अब हम लगातार ऊपर जा रहे थे।  कुछ ही देर में हम देवदार के जंगल में आ गए।  जगह में बहुत सुंदर दृश्य थे, कोई यातायात नहीं, कोई शोर नहीं, बस प्रकृति की अंतहीन सुंदरता थी।
  थोड़ी देर बाद हम एक ऐसे स्थान पर पहुँचे जहाँ श्रृंग ऋषि मंदिर की ओर जाने वाली सीढ़ियाँ बनी थीं।  हमने वहां गाड़ी खड़ी की, हालांकि कार भी मंदिर जाती है, लेकिन हमने देखा कि रास्ते में बहुत सारे पत्थर थे, आगे एक पत्थर की सड़क थी, जो कार को नुकसान पहुंचा सकती थी।  हमने पैदल ही मंदिर जाने का फैसला किया लेकिन फिर मैंने हिमाचल प्रदेश नंबर वाला एक पिकअप वाहन देखा जो मंदिर की ओर जा रहा था।  मैंने उस कार में सवार भाई को मंदिर तक छोड़ने के लिए कहा, वह मान गया, हमारा पूरा समूह उस पिकअप कार में बैठ गया और श्रृंग ऋषि मंदिर पहुंच गया।
हम श्रृंग ऋषि मंदिर पहुंचे, मंदिर के सामने एक खुला मैदान है।  मंदिर दूर से बहुत ही आकर्षक लग रहा था।  श्रृंग ऋषि जी की पूरी बंजारार घाटी में अगाध आस्था है।  श्रृंग ऋषि जी बंजार घाटी के सबसे बड़े देवता हैं, इस क्षेत्र के लोग इस मंदिर में जाकर ही कोई भी शुभ कार्य करते हैं।  यह मंदिर लकड़ी का बना है।  इस मंदिर की कलाकृति बहुत ही अद्भुत है।  मंदिर के प्रवेश द्वार पर कुछ सीढ़ियां चढ़ने के बाद एक सुंदर मीनाकारी द्वार आता है।  उस गेट के बाद हम मंदिर परिसर में दाखिल हुए।  लकड़ी की छोटी सी सीढ़ियाँ चढ़कर हम मंदिर के भीतरी भाग में पहुँचते हैं जहाँ श्रृंग ऋषि जी विराजमान हैं।  पंडित जी बैठे थे, उन्होंने श्रृंग ऋषि जी की महिमा के बारे में बताया।  ऐसा कहा जाता है कि राजा दशरथ के कोई पुत्र नहीं था इसलिए भगवान राम का जन्म ऋषि श्रृंग की कृपा से हुआ था।  मंदिर में लकड़ी की नक्काशी बहुत सुंदर है।  मंदिर के अंदर के कमरे का ताला भी बहुत अद्भुत है, इसकी फोटो भी मैंने पोस्ट में शामिल की है।  तब हमने प्रसाद ग्रहण किया।  कुछ समय मंदिर में बिताया।  श्रृंग ऋषि मंदिर को देखकर मन प्रसन्न हो गया।
कैसे पहुंचे- यह शानदार मंदिर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में बंजार नामक जगह से 6.5 किमी दूर, मंडी शहर से 65 किमी और कुल्लू से 60 किमी दूर है| आप यहाँ अगर अपने साधन से जाए तो बेहतर रहेगा|

ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क का गेट

Photo of Great Himalayan National Park by Dr. Yadwinder Singh

ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क

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ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क का गैसट हाउस

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ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क के सामने घुमक्कड़

Photo of Great Himalayan National Park by Dr. Yadwinder Singh

श्रृंगा ऋषि मंदिर का प्रवेश द्वार

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श्रृंगा ऋषि जी

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श्रृंगा ऋषि मंदिर की ओर जाता हुआ घुमक्कड़

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5. जलोड़ी पास
जलोड़ी पास की समुद्र तल से ऊंचाई 3313 मीटर है| पुराने जमाने में शिमला को कुल्लू से जोड़ने वाला यह पुराना रास्ता था | जलोड़ी पास शोजा से पांच किलोमीटर दूर है लेकिन इस पांच किलोमीटर में आपको तीखी चढ़ाई चढ़नी होगी | शोजा 2700 मीटर है और जलोड़ी पास 3313 मीटर हालांकि यहाँ रोड बना हुआ है| सर्दियों में यह पास बर्फ से भर जाता है| जलोड़ी पास से ही जंगल में गुजरते हुए एक रास्ता सिरोलसर झील की तरफ जाता है| सिरोलसर झील की समुद्र तल से ऊंचाई 3120 मीटर है| जलोड़ी पास से ही एक रास्ता रघुपुर किले की ओर जाता है | इस किले की समुद्र तल से ऊंचाई 3297 मीटर है और जलोड़ी पास से दूरी चार किलोमीटर है| इन दोनों जगह पर आप जलोड़ी पास से टरैक करके ही पहुँच सकते हो |
तो देर किस बात की अगर शिमला मनाली से बोर हो चुके हो तो बनाईए हिमाचल प्रदेश की आफबीट जगह तीर्थन घाटी का प्रोग्राम

जलोड़ी पास पर बना हुआ मंदिर

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तीर्थन नदी

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तीर्थन घाटी में कैंपिंग

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