'रेलवे प्लेटफॉर्म पर महिला की सिर कटी लाश', 'खाली प्लेटफॉर्म पर चीखती हुई आवाज़ें', इसके जैसी पुरानी हिन्दी फ़िल्मों के टाइटल से आप ज़रूर रूबरू होंगे। सफ़ेद साड़ी में मोमबत्ती लिए औरत का क़िस्सा सबने सुना है। वैसे भी, भारत में पुनर्जन्म पर भरोसा करने वालों की कमी नहीं। भूत प्रेत, जादू टोना, काला जादू, बंगाली बाबा और बथेरे लोग आपको इनके बारे बता देंगे। लेकिन कुछ भी कहो, इन कहानियों को पढ़ने में डर भी लगता है और मज़ा भी ख़ूब आता है।
कई बार तो रेलवे स्टेशन भी इन कहानियों का हिस्सा बन जाते हैं। तो क्यों ना इन स्टेशनों का भी सफ़र किया जाए, जिनके बारे में ऐसी कहानियाँ सुनी जाती रही हैं। क्यों ना ख़ुद जाकर पता करें कि ये स्टेशन डरावने हैं तो क्यों?
1. बेगुनकोदर रेलवे स्टेशन
1967 में बना, बंगाल के पुरुलिया का बेगुनकोदर रेलवे स्टेशन अपनी भूतिया कहानियों के लिए गाँव-गाँव में कुख्यात है। कहते हैं एक औरत, जिसकी मौत इसी रेलवे स्टेशन पर हादसे में हो गई थी, उसकी आत्मा आज भी यहाँ मौजूद है। जब उस औरत की मौत हुई थी, उसके कुछ दिनों बाद स्टेशन मास्टर का पूरा परिवार अपने रेलवे क्वार्टर पर मृत पाया गया। बस, फिर क्या था, लोग इस स्टेशन को भूतिया बताने लगे। 42 साल बाद, 2009 में इस स्टेशन का पुनर्निर्माण कराया गया, लेकिन फिर भी लोग शाम के वक़्त यहाँ जाने से डरते हैं।
टनल नम्बर 33, नाम सुनकर ही लगता है कि यहाँ कुछ हुआ होगा। बरोग टनल का क़िस्सा भी कुछ इससे मिलता जुलता है। कहते हैं यहाँ पर ब्रिटिश इंजीनियर कर्नल बरोग की आत्मा मौजूद है। अपनी नाकामी से इतना तंग आए कि आख़िरकार कर्नल बरोग ने आत्महत्या कर ली। उनकी आत्मा को बहुत लोगों ने देखने का दावा किया है।
3. चित्तूर रेलवे स्टेशन
2013 की बात है, सीआरपीएफ़ जवान हरि सिंह पर उनके ही साथी आरपीएफ़ और टीटीई के लोगों ने चित्तूर रेलवे स्टेशन पर हमला कर दिया। कुछ समय बाद हरि सिंह की मौत हो गई, उनकी आत्मा आज भी घूमती टहलती रहती है, लोगों को डराती है। यहाँ पर भी लोग अब शाम के समय आने से कतराते हैं।
उत्तर प्रदेश स्थित नैनी रेलवे स्टेशन उन स्वतंत्रता सैनानियों की शहीदी का गवाह है जो देश के लिए लड़ते लड़ते अपने प्राण गँवा गए। स्टेशन के पास ही एक जेल में उनको प्रताड़ित किया जाता था और मारा जाता था। मृत्यु के बाद भी उनकी आत्मा यहीं है, बरसों से। वो किसी को परेशान नहीं करतीं, किसी के मरने या डराने की कोई ख़बर नहीं। लेकिन ज़रा सोचो, कोई कहे कि यहाँ आत्माएँ रहती हैं तो डर तो लगेगा ही।
5. डोम्बिवली स्टेशन
डोम्बिवली स्टेशन मुंबई में है। मुंबई, मतलब हर दिन यहाँ से हज़ारों लोग चढ़ते उतरते हैं। हर रात को एक बेसहारा औरत किसी ट्रेन के पीछे दौड़ती है, लेकिन कभी पकड़ नहीं पाती। ये क़िस्सा बहुतों ने देखा है, और बहुतों ने नहीं भी। कहा जाता है वो औरत ट्रेन का पीछा करते करते ही कट कर मर गई थी। उसकी आत्मा भी यही करती है।
कोलकाता का ये मेट्रो स्टेशन यहाँ हुए ढेर सारी आत्महत्या के लिए मशहूर है। जब आप यहाँ आओगे, तो आपको किसी के होने का एहसास होगा, कुछ अजीब सी परछाइयाँ दिखेंगी और डरावनी आवाज़ें भी सुनाई पड़ेंगी। शाम के वक़्त लोग यहाँ आना पसन्द नहीं करते।
7. पातालपानी स्टेशन
एक स्वतंत्रता सेनानी हुए तांत्या भील, अंग्रेज़ों के हाथों इसी स्टेशन पर वे शहीद हुए थे। मान्यता है कि उनकी आत्मा आज भी यहाँ के लोगों को डराती है। जितनी भी ट्रेनें यहाँ से गुज़रती हैं, कुछ देर के लिए उनके नाम पर बने एक मकबरे के पास रुकती हैं, फिर गुज़रती हैं।
द्वारका सेक्टर 9 स्टेशन पर कई बार आपको एक तीख़ी आवाज़ सुनने मिलेगी। वो आवाज़ कई बार ज़ोरों से हँसाने वाली लेकिन बेहद डरावनी होगी कि साँसें फूल जाएँ। लोगों ने एक सफ़ेद साड़ी वाली औरत को यहाँ पर खड़ी कार के पीछे कई बार छिपते हुए देखा है। सुनने में ये अजीब सा लगता है, लेकिन कुछ का तो क़िस्सा-ए-हकीक़त है।
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