जुनून किसी भी व्यक्ति को कुछ भी करने के लिए मजबूर कर सकता है। कई बार देखने और सुनने में आता है कि इसी जुनून की वजह से आदमी ऐसा कुछ कर गुजरता है जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होती। जुनून ही एक ऐसी चीज़ है जो कुछ नया या ज्यादा करने के लिए प्रोत्साहित करता है। एक लड़की जिसके सिर पर कुछ अलग करने का जुनून सवार था और उसका दावा भी है की वह इसे करने में सफल हुई है। महज 21 साल इस लड़की की उम्र है और उसका दावा है कि जो कारनामा उसने किया है इसकी वजह से उसका नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए गिनीज़ बुक में दर्ज हो सकता है।
21 साल की जिस लड़की की हम बात कर रहे हैं उसका नाम लेक्सी अल्फोर्ड है। लेक्सी का दावा है कि वे दुनिया के 196 देश में घूम चुकी हैं। गिनीज़ बुक में नाम दर्ज कराने के लिए लेक्सी ने अपनी यात्रा का रिकार्ड गिनीज बुुक को सौंप दिया है। कहा जा रहा है कि इसपर पुष्टि की प्रकिया अभी जारी है और अगर इसकी पुष्टि हो जाती है तो लेक्सी का नाम गिनीज बुक में 196 देशों में घूमने वाली पहली युवा महिला के लिए दर्ज हो जाएगा।
अगर ऐसा हो जाता है तो लेक्सी 24 साल की उम्र में देश घूमने में विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले यूके के जेम्स एस्किथ के रिकार्ड को पीछे कर सकती है। इंस्टाग्राम पर अपनी फोटो शेयर करते हुए लेक्सी ने कैप्शन में लिखा कि वे इस पल के लिए वर्षों से कड़ी मेहनत कर रही थी इसके लिए वे उन सभी का आभार मानती हैं जिन्होनें उनकी मदद की।
घूमने की शौकीन - फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक लेक्सी का परिवार कैलिफोर्निया में ट्रैवल एजेंसी चलाता है और लेक्सी ने बचपन से ही विभिन्न देशों की यात्रा की दिशा में काम करना शुरू कर दिया था। लेक्सी कहती हैं कि वे किसी के रिकॉर्ड को तोड़ना नहीं चाहती थी वे इस बात से संतुष्ट हैं कि उन्होने यात्रा की है। 18 साल की उम्र में उन्होने 72 देशों की यात्रा कर ली थी और बीते 31 मई को उत्तर कोरिया पहुँचकर वह 196 देशों की यात्रा करने में कामयाब हुई।
लेक्सी ने बताया, ‘दुनियाभर में घूमना उनकी जिंदगी में बचपन से ही शामिल था। हर साल मेरे माता-पिता मुझे स्कूल से निकालकर कुछ हफ्ते के लिए अलग जगह पर पढ़ने के लिए भेज देते थे।’ लेक्सी ने आगे कहा, ‘जैसे-जैसे मैं बड़ी होती गई, माता-पिता मुझे कंबोडिया के तैरते गांवों से दुबई के बुर्ज खलीफा, अर्जेंटीना के छोर पर स्थित उशुआया से मिस्र के पिरामिड्स तक ले गए। उन्होंने मुझे दुनिया के हर स्थान का महत्व समझाया। इन सबका मुझ पर काफी प्रभाव पड़ा। मैं कोई रिकॉर्ड नहीं बनाना चाहती थी, मेरा मकसद ज्यादा से ज्यादा दुनिया देखना था
घूमने में ज्यादातर खुद के पैसे खर्च किए : लेक्सी के मुताबिक, यात्रा पर ज्यादा पैसा मैंने अपने पास से ही खर्च किया। मैं हमेशा से जानती थी कि किसी भी तरह की यात्रा के लिए काफी पैसों की जरूरत पड़ती है, इसलिए 12 साल की उम्र से सेविंग कर रही थी।
दूसरी संस्कृतियों को करीब से जाना-
लेक्सी ने बताया, पाकिस्तान और वेनेजुएला में उन्हें काफी प्राकृतिक सुंदरता मिली। वहीं, पश्चिम और मध्य अफ्रीका में वीजा, पर्यटन के लिए कम इन्फ्रास्ट्रक्चर और भाषाई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अफ्रीका में कम उड़ानें होती हैं और वहां अंग्रेजी बोलने वाले गाइड और होटल भी नहीं मिलते। जिस भी देश में गई वहां का सिम कार्ड तक नहीं लिया। इससे मुझे वहां की संस्कृति को करीब से जानने का मौका मिला।
लेक्सी ने 31 मई को अपने आखिरी देश की यात्रा की घोषणा की थी। अपनी विश्व यात्रा के दौरान उन्होंने कई जगहों की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर शेयर की हैं। लेक्सी का कहना है कि वह सभी लोगों को यह दिखाने के लिए बेताब थीं कि दुनिया उतनी डरावनी नहीं है, जितना मीडिया इसे दिखाता है। हर जगह दया भाव है।
अलग-अलग देशों की यात्रा के दौरान लेक्सी को कई तरह की दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा, जैसे कि वीजा या भाषायी परेशानियां। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने मिशन को कामयाब बनाने के लिए हरसंभव कोशिश की और आखिरकार उन्हें सफलता मिल ही गई।
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