दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट को छूने की तमन्ना आखिर किस की नहीं होती। नेपाल के 52 साल के पर्वतारोही कामी रीता शेरपा (Kami Rita Sherpa) ने 25वीं बार दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) पर चढ़ने में कामयाबी हासिल की। उन्होंने माउंट एवरेस्ट पर सबसे अधिक 24 बार चढ़ने के अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ दिया. पर्वतारोहण के इस अभियान का आयोजन करने वाले ‘सेवन समिट ट्रेक्स’ के अध्यक्ष मिंगमा शेरपा ने कहा कि रीता ने 11 अन्य शेरपाओं का नेतृत्व करते हुए इस अभियान की शुरुआत की. इस दल ने 7 मई शाम को सफलतापूर्वक माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई पूरी की.
कामी ने मई 1994 को पहली बार माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की थी. 1994 से 2021 के बीच वह 25 बार माउंट एवरेस्ट पर पहुंचे. उन्होंने के-2 और माउंट ल्होत्से पर एक-एक बार, माउंट मनासलु पर तीन बार और माउंट चो ओयु पर आठ बार चढ़ाई की है. 2019 में उन्होंने एक महीने में ही दो बार माउंट एवरेस्ट पर पहुंचने की कामयाबी हासिल की थी.2015 में रीता कामी मरने से बाल-बाल बचे थे
कामी रीता और 11 अन्य शेरपा गाइड माउंट एवरेस्ट सबसे पहले इसलिए जाते हैं ताकि रास्ते में रस्सियां लगा सकें। विदेशी पर्वतारोही चोटी पर चढ़ाई करने के लिए अनुभवी शेरपाओं की मदद लेते हैं। ये अनुभवी शेरपा पर्वतारोही दल के लिए ट्रैवल रूट तैयार करते हैं, रस्सियां जगह पर लगाते हैं और जरूरी औजार और सामान साथ लेकर चलते हैं। इन रस्सियों के सहारे इस सीजन में सारे पर्वतारोही माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करेंगे। माउंट एवरेस्ट पर पर्वतारोहियों के आने की तैयारी हो चुकी है. इस महीने के अंत में माउंट एवरेस्ट पर लोगों के आने-जाने का सिलसिला शुरू होगा
कामी रीता के पिता भी नेपाल के पहले शेरपा गाइड्स में से एक थे. उसके बाद कामी ने भी यही काम शुरू कर दिया. कामी रीता माउंट एवरेस्ट के अलावा K-2, Cho-Oyu, Manaslu and Lhotse नाम की ऊंची चोटियों पर चढ़ाई कर चुके हैं. साल 2015 में जब माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप पर हिमस्खलन हुआ था, जब उनके ऊपर परिवार का दबाव था कि ये काम छोड़ दो. आपको बता दें इस हिमस्खलन में 19 लोगों की मौत हो गई थी. हिमस्खलन के समय कामी रीता बेस कैंप पर ही थे. लेकिन इन्होंने अपने साथ कई लोगों की जान भी बचाई थी.
शेरपा की इस कामयाबी का एक मतलब ये भी है कि वह दुनिया के सबसे अनुभवी एवरेस्ट पर्वतारोही बन जाएंगे। वह कहते आए हैं कि वह इतिहास बनाने की कोशिश इसलिए करते हैं ताकि उनके देश और समुदाय को इसपर गर्व हो।