नेपाल और चीन ने किया माउंट एवरेस्ट की बढ़ी हुई नई हाइट का एलान

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Photo of नेपाल और चीन ने किया माउंट एवरेस्ट की बढ़ी हुई नई हाइट का एलान by रोशन सास्तिक

दोस्तों, नेपाल और चीन के साझा नए सर्वेक्षण के सामने आने के बाद माउंट एवरेस्ट की आधिकारिक नई ऊंचाई 8848.86 मीटर तय हो गई है। माउंट एवरेस्ट की यह नई ऊंचाई भारत द्वारा 1954 में मापी गई ऊंचाई से 86 सेंटीमीटर अधिक है। भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा 1954 में माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8848 मीटर मापी गई थी। चीन की तरफ से भी साल 1975 और 2005 में माउंट एवरेस्‍ट की ऊंचाई जारी की गई थी। चीन के अनुसार साल 1975 में माउंट एवरेस्‍ट की ऊंचाई 8848.13 मीटर और साल 2005 में 8844.43 मीटर थी। दुनियाभर में माउंट एवरेस्ट की असल ऊंचाई को लेकर इसके अतिरिक्त भी और कई दावें समय-समय पर होते रहे हैं। लेकिन, 1954 में भारत द्वारा नापी गई 8848 मीटर ऊंचाई को ही अब तक दुनिया भर में माउंट एवरेस्ट की आधिकारिक ऊंचाई के रूप में मान्यता प्राप्त थी।

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इसलिए भारत द्वारा नापी गई ऊंचाई के आधार पर माउंट एवरेस्ट की नई आधिकारिक हाइट 86 सेंटीमीटर बढ़ गई है। और अगर चीन द्वारा 2005 में किए सर्वेक्षण की रिपोर्ट को आधार बनाया जाए तो पिछले 15 साल में माउंट एवरेस्ट की हाइट 4.43 मीटर का इजाफा हुआ है। वैसे आपकों बता दें कि माउंट एवरेस्ट की सिर्फ हाइट ही नहीं बढ़ी बल्कि इस पर्वत पर सुविधा में भी इजाफा हुआ है। जी हां, इसी साल मई के महीने में चीन की Huawei Mobile ने सबसे ऊंचे 5G मोबाइल टावर को पांच बेस स्टेशंस में बनाया गया है। 5G नेटवर्क की सुविधा बेस कैंप(5,300 मीटर), ट्रांजिशन कैम्प (5,800 मीटर) और फॉरवर्ड कैंप (6,500 मीटर) पर उपलब्ध कराई गई है।

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माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई एक बार फिर से नापने के पीछे 25 अप्रैल, 2015 इस तारीख की सबसे अहम भूमिका है। दरअसल, नेपाल के लोगों ने ठीक इसी दिन साल 1934 के बाद आए सबसे विध्वंसकारी भूकंप का झटका महसूस किया था। रिक्टर स्केल पर 7.9 मैग्नीट्यूड वाले इस भूकंप की वजह से नेपाल में एक झटके में सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी। गांव और शहरों के मलबे के ढेर में तब्दील हो जाने की वजह से हजारों लोग घायल हो गए थे। भूकंप के बाद जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो जाने से लाखों लोग प्रभावित हुए और हजारों करोड़ों की साझा संपत्ति भी स्वाहा हो गई थी। नेपाल में आए इस भयानक भूकंप का असर भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश से लेकर अफगानिस्तान तक में देखने को मिला था।

Photo of Mount Everest by रोशन सास्तिक

उस दिन नेपाल में आया भूकंप इतना ज्यादा शक्तिशाली था कि इसके बाद वैज्ञानिक तक यह आशंका जताने लगे थे कि भूकंप के झटके से दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई में कुछ ऊंच-नीच हो गई है। ज्यादातर लोग यह मानकर चल रहे थे कि भूकंप की वजह से माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई कम हो गई होगी। और यही कारण है कि 25 अप्रैल से ही दुनियाभर के जिज्ञासु आधिकारिक रूप से माउंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई जानना चाह रहे थे। इस काम को अंजाम देने के लिए सबसे पहले भारत ने नेपाल को एक साथ आने के लिए कहा। लेकिन, नेपाल ने भारत की बजाय 2019 में चाइना के साथ इस काम को पूरा करने का जिम्मा उठाया।

Photo of Sagarmatha, Nepal by रोशन सास्तिक

पिछले साल कागज पर हुए इस करार को जमीन पर अमलीजामा पहनाने के लिए नेपाल और चीन ने संयुक्त रूप से माउंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई नापने का अभियान शुरू किया। इस अभियान को अंजाम देने के लिए तैयार की गई नेपाल और चीन की संयुक्त टीम में पेशेवर पर्वतारोही और प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय सर्वेक्षक समेत 30 लोग शामिल थे। इस सर्वे दल ने माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचकर ग्‍लोबल नैव‍िगेशन सैटेलाइट और ग्रैवीमीटर की मदद से माउंट एवरेस्‍ट की ऊंचाई नापी। इसके बाद 8 दिसंबर को नेपाल के विदेशी मंत्री प्रदीप ज्ञवली और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने संयुक्त रूप से दुनिया के सामने माउंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई 8848.86 मीटर से दुनिया को अवगत कराया।

- रोशन सास्तिक