जमशेदपुर से सिक्किम भाग 3

Tripoto
17th Apr 2020
Photo of जमशेदपुर से सिक्किम भाग 3 by Aman Jaiswal
Day 3

सुबह 6 बजे नींद टूट गई, कुछ देर और सोने की कोशिश की पर कोशिश बेकार हुआ। उठते ही कैमरा उठाया, पता था सभी सो रहे होंगे पर मुझे तो सुबह का दृश्य चाहिए था। पहाड़ों की सुबह बहुत मनोरम होती है, मोबाइल फोन और कैमरा दोनों ले कर रूम से बालकनी की ओर बढ़े। दरवाजा खोलते ही प्राकृतिक का अद्भुत दृश्य, जिसके लिए इन ऊँचे पहाड़ों पर आए थे।

Photo of सिक्किम, India by Aman Jaiswal

सूर्य की रोशनी बादलों को चीरते हुए पहाड़ों के पीछे से आ रही थी। कभी बादल पहाड़ों को घेर लेते तो कभी सूर्य की रोशनी से पूरा पहाड़ चमकने लगता, तस्वीरों में आप देख सकते हैं। मैं कैमरा में तस्वीर उतारने लगा, फिर कुछ वक़्त तक उस दृश्य को निहारता ही रहा, बड़ा प्यारा था।

वापस रूम आ कर सबको उठाना शायद मेरा की काम था, नीचे चाय के लिए भी मैंने आवाज़ लगाया और फ्रेश होने चला गया।

Photo of जमशेदपुर से सिक्किम भाग 3 by Aman Jaiswal

अब आज करना क्या था जाना कहाँ था?

बात हुई, और तय हुआ ही पास मे एक जगह है "बारसे रहोडॉडेनड्रॉन सेंक्चुरी" वहाँ जा सकते हैं, जिसकी ऊँचाई करीब 10 हजार फीट है। अभी हमलोग 7 हजार फिट की ऊँचाई पे थे।

नीचे भाई जी को हमने टेक्सी के लिये बोला और तैयार हो के नीचे पहुँचे तो टैक्सी लगी हुई थी। आज होली है और सिक्किम में तो सब नॉर्मल सा लग रहा था। तभी होमस्टे वाले भाई ने गुलाल लाया और सभी को होली के रंग मे रंगने लगे, आस पास कुछ लोग देख कर बहुत खुश हो रहे थे।

Photo of जमशेदपुर से सिक्किम भाग 3 by Aman Jaiswal

अब हमे जाना था "हिले" जो कि 25 km की दूरी पर था वहाँ से "बारसे" ट्रेक करना था जिसमें 2-3 घंटे का समय लगता है । हीले पहुँच कर हमने सेंक्चुरी के गेट पे एंट्री की और प्रति व्यक्ति 55 रुपये शुल्क जमा किया।

हमलोग चलते रहे। जितना ऊपर जा रहे थे ठंड बढ़ती ही जा रही थी। हाथ जमने लगे थे नाक से पानी बहने लगा और बादल के वजह से मूँछ और बाल मे पानी बूँद की तरह दिख रहे थे। डर था कि बारिश ना हो जाए वरना घने जंगल में इतनी ऊचाई पर ठंड में क्या होता आप समझ सकते हैं।

चलते रहे, थकावट होना लाज़मी था इतनी ऊँचाई पर बीच में रुक के हमलोग क्रैनबेरी जूस पीते जा रहे थे जो अपने साथ बहुत सारा भागलपुर से ले कर आए थे।

Photo of जमशेदपुर से सिक्किम भाग 3 by Aman Jaiswal
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Photo of जमशेदपुर से सिक्किम भाग 3 by Aman Jaiswal
Photo of जमशेदपुर से सिक्किम भाग 3 by Aman Jaiswal
Photo of जमशेदपुर से सिक्किम भाग 3 by Aman Jaiswal

ट्रैक करने में मज़ा भी आ रहा था शांत और शुद्ध वातावरण चारों ओर कोहरा और हमलोग पहुँच गए बारसे।

यहाँ "फ़ूलों का बाग" है पर कुछ दिन पहले ज्यादा बर्फ़बारी के वजह से फूल खिल नहीं पाए थे।

इतना ट्रेक करने के बाद ये नाकामी हाथ लगी, थोड़ा उदास थे हम सभी। थोड़ा आगे एक कैंपिंग साइट था जहाँ से "कंचनजंगा" का दृश्य मिलता है लोकल लोगों ने बताया । हमलोग उस ओर बढ़े, पहुँचते ही चारों ओर देखने पेरभी कुछ नजर ना आया। एक दो लोग थे उनसे पूछने पर पता चला कि ये सामने वाले पहाड़ के पीछे ही है पर मौसम खराब होने के कारण नहीं दिखाई देता है। जो बादल अब तक अच्छा लग रहा था अब वो उदासी की वजह था।

Photo of जमशेदपुर से सिक्किम भाग 3 by Aman Jaiswal
Photo of जमशेदपुर से सिक्किम भाग 3 by Aman Jaiswal
Photo of जमशेदपुर से सिक्किम भाग 3 by Aman Jaiswal

रास्ते में  मनीष भैया ने ड्राइवर से पूछा यहाँ लोकल बीयर कहाँ मिलेगा, ड्राइवर बोला चलिए ले चलता हूँ। पहुँचे ही मनीष भैया ने अपने और आदि भाई के लिए बीयर मंगाया और हमलोग के लिए कुछ भी नहीं ????

कुछ अजीब सा दिख रहा था, बड़े से ग्लास मे राइस और गेहूं भरा था और एक लकड़ी की पाइप थी। कैसे पीना था समझ ही नहीं आ रहा था, पूछने पर पता चला गरम पानी डालते जाइये और थोड़े थोड़े समय पर पीते जाये यही प्रोसेस दोहराए।

Photo of जमशेदपुर से सिक्किम भाग 3 by Aman Jaiswal

पीने के बाद अपने होमस्टे पहुँचे खाना तैयार था भूख भी तेज़ लगी थी खाना खा कर रूम की ओर बढ़े और कंबल मे घुस गये।