उत्तराखंड की प्रकृति सुंदरता के विषय में कौन नही जानता।ऊंचे पहाड़,कल कल करती नदिया,खूबसूरत झरने हर किसी को अपना दीवाना बना देती है।यही कारण है हर मौसम में यहां पर्यटकों की भीड़ रहती है।उत्तराखंड के कई ऐसे टूरिस्ट डेस्टिनेशन है जिसके बारे में हर कोई जानता है जैसेनैनीताल ,देहरादून , मसूरी ,हरिद्वार , ऋषिकेश , अल्मोड़ा और रानीखेत इन जगहों की तो आप जरूर जानते होंगे पर आज हम आपको उत्तराखंड के ऐसी जगह के बारे में बताएंगे जो खूबसूरत तो है ही साथ ही यहां पर आपको कम भीड़ भाड़ भी मिलेगी।जी हां हम बात कर रहे है उत्तराखंड के खूबसूरत हिल्स स्टेशन एबॉट माउन्ट की ।जो खूबसूरती के साथ ही एक शांत और सुकून देने वाली जगह है।तो आइए चलते हैं इस खूबसूरत जगह की सैर पर जिसे देख आप भी यही कहेंगे ये नही देखा तो क्या देखा।
एबॉट माउन्ट
उत्तराखंड के चंपावत जिले के कुमाऊं क्षेत्र में स्थित एबॉट माउन्ट एक बहुत ही खूबसूरत और पुराना शहर है।इस शहर की स्थापना 20 वी शताब्दी में एक ब्रिटिश व्यवसायी जॉन हेरोल्ड एबॉट ने की थी।इन्ही के नाम पर इस शहर का नाम भी रखा गया है। समुंद्र तल से लगभग 7 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित एबॉट माउंट लोहाघाट से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।ऊंचाई पर स्थित होने के कारण यहां काफी ठंड और बर्फ भी देखने को मिलती है।हिमालय पर्वत श्रृंखला में स्थित यह जगह चारों ओर से घने जंगलों से घिरा हुआ है।अंग्रेजो के जमाने में बसाए इस शहर में आपको कई ब्रिटिश बंगले भी मिल जायेंगे जो एक हॉरर फिल्मों के सेट जैसा दिखेगा।
एबॉट माउन्ट के मुख्य आकर्षण
एबॉट माउंट चर्च
एबॉट माउंट की हसीन वादियों में एबॉट माउंट नाम का एक चर्च है जो अंग्रेजो के द्वारा ही सन 1942 में बनाया गया था।आप इस चर्च में जाने के लिए ट्रेकिंग भी कर सकते है और पहाड़ो के हसीन वादियों में दिलकश दृश्यों को अपने आंखो में कैद कर सकते है।
लोहाघाट
एबॉट माउंट से लोहाघाट की दूरी लगभग 8 किलोमीटर है तो आप यहां आसानी से जा सकते है।लोहाघाट की प्रकृति सुंदरता की बात ही निराली है।ऊंचे ऊंचे देवदार के पेड़,पहाड़,और हसीन वादियां ऐसी लगती है मानो प्रकृति बाहें खोले आपको बुला रही है।अगर आप एक नेचर लवर है तो यह जगह पर लिए ही बनी है।
चिनेश्वर वॉटरफॉल
चिनेश्वर वाटरफॉल एबॉट माउंट ही नहीं बल्कि पूरे कुमाऊं का एक बेहतरीन नगीना है।इस खूबसूरत वाटरफॉल की असली खूबसूरती आपको मानसून के दौरान देखने को मिलेंगी।ऊंचाई से गिरते इस झरने की खूबसूरती देख आप भी कहेंगे की ये किसी जन्नत से कम नहीं है।
मायावती आश्रम
अगर आप भी एक अध्यात्मवादी व्यक्ति है तो यह आश्रम आपके लिए बिल्कुल परफेक्ट है।यह वही आश्रम है जहां विवेकानंद अपनी उत्तराखंड यात्रा के दौरान रुके थे। यहां पर रुकने की भी व्यवस्था है।साथ ही अध्यात्म से जुड़ी एक लाइब्रेरी भी है और एक संग्रहालय भी मौजूद है।अगर आप मन की शांति और सुकून की तलाश में है तो आपको यहां जरूर आना चाहिए।
एबॉट माउंट जाने का सबसे अच्छा समय
इस स्थान पर लगभग पूरे वर्ष उत्कृष्ट मौसम होता है तो आप किसी भी मौसम में यहां आ सकते है।लेकिन यहां मार्च से अक्टूबर के बीच का मौसम काफी सुखद होता है।ठंड में यहां काफी बर्फबारी होती है तो रास्ते काफी अवरुद्ध मिलते है।
कैसे पहुंचें?
हवाई मार्ग से :- पंतनगर हवाई अड्डा, उत्तराखंड में यहां का सबसे निकटतम हवाई अड्डा है। यहाँ एयरइंडिया और इंडिगो जैसी एयरलाइनों द्वारा उड़ान संचालित हैं।यहां से टैक्सी या बस के द्वारा एबॉट माउंट पहुंचा जा सकता है।
ट्रेन से :- एबॉट माउंट पहुंचने के लिए आपको यहां के सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन टनकपुर रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा। स्टेशन एबट माउंट से 91 किमी दूर है और ट्रेन नेटवर्क के माध्यम से आसपास के शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग द्वारा :-पर्यटक बसों के माध्यम से यहां पहुंच सकते हैं या अपने वाहन से इस हिल स्टेशन तक ड्राइव कर सकते हैं। यहां से हल्द्वानी – NH189 के माध्यम से 9 किमी दूर है। यहां से देहरादून- NH430 के माध्यम से 9 किमी दूर है।
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