पहाड़ इस दुनिया में कुदरत का सबसे खूबसूरत करिश्मा है। ये अजूबा ही तो है कि जो पहाड़ हमेशा स्थिर रहते हैं उन्हीं वादियों में हम जिंदगी के नए आयामों को खोजते हैं। जब भी हम अपनी बिजी लाइफ ये परेशान हो जाते हैं एक लंबे वेकेशन पर चले जाते हैं। ये वेकेशन हमें पहाड़ों की टेढ़ी-मेढ़ी सड़कें, ठंडी हवाओं को दिल छूने वाले नजारों की ओर ले जाती है। उत्तराखंड भारत के सबसे खूबसूरत प्रदेशों में से एक है। इसी प्रदेश के कुमाऊं रीजन में सबसे सुंदर नजारे, कुछ बेहतरीन हिल स्टेशन और कुछ अनएक्सप्लोर जगहें हैं।
वैसे तो इन सारी जगहों के लिए अलग-अलग ट्रिप प्लान की जाती है लेकिन अगर आप अच्छे-से ट्रिप प्लान करते हैं तो आप सारी जगहों को एक साथ कवर कर सकते हैं। ये जगहें दिल्ली और चंडीगढ़ से भी बहुत पास में है। अगर आप खुद की गाड़ी से इन जगहों को घूमने लगते हैं तो आपके समय की काफी बचत होगी और ये आपका एक बढ़िया वेकेशन बन सकता है। तो हमने आपके लिए उत्तराखंड की ऐसी ट्रिप प्लान की है जिसमें आप एक सप्ताह में कई जगहों को एक्सप्लोर कर सकते हैं। तो चलते उत्तराखंड के इस खूबसूरत सफर पर।
रूटः
पंगोट-मुक्तेश्वर-कसार देवी-कौसानी-ग्वालदम-पिथौरागढ़-लोहाघाट-नानकमत्ता
उत्तराखंड की ये यात्रा लगभग 550 किमी. की होगी, जिसमें 17 घंटे ड्राइव करनी होगी। अगर इसमें दिल्ली से उत्तराखंड आने-जाने को भी जोड़ लें तो पूरी यात्रा लगभग 1100 किमी. की होगी। ये सफर आपको पहाड़ी रास्तों, छोटे-छोटे गाँवों, खूबसूरत झरनों ओर मुस्कुाते स्थानीय लोगों के चेहरों को देखते हुए गुजरेगा।
दिन 1
उत्तराखंड में आप अपनी ट्रिप की शुरूआत नैनीताल के पंगोट से कर सकते हैं। कम भीड़ और अनछुआ पंगोट आपको जरूर पसंद आए। पंगोट चीड़ और रोडोडेंड्रोन के पेड़ों के घने जंगल से घिरा हुआ है। इस जंगल में 300 से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियाँ हैं। शांति और सुकून की हसरत रखने वालों के लिए ये जगह किसी जन्नत से कम नहीं है।
क्या करेंः बर्ड वाचिंग, ट्रेकिंग (चीना पीक ट्रेक, ब्रह्मस्थली ट्रेक) और कैम्पिंग।
दूसरा दिन
इसके बाद आप धीरे-धीरे फेमस हिल स्टेशन की तरफ बढ़ेंगे। उत्तराखंड का मुक्तेश्वर छुट्टियों के लिए एक बेहतरीन जगह है। यहाँ से आप पंचाचूली रेंज, हरे-भरे जंगल और पहाड़ों के सुंदर नजारों को देख सकते हैं। मुक्तेश्वर के बाद आपका कहीं और जाने का मन नहीं करेगा। आप यहाँ चैली की जाली को देख सकते हैं जिसे सुसाइड प्वाइंट भी कहते हैं। मुक्तेश्वर में सबसे खूबसूरत नजारा सनराइज और सनसेट का होता है। इसके अलावा आप यहाँ राॅक क्लाइंबिंग भी कर सकते हैं।
क्या करेंः मुक्तेश्वर मंदिर, चैली की जाली, अल्मोड़ा/पीरो का ट्रेक, धनाचुली
दिन 3
कसार देवी मंदिर टूरिस्टों के बीच बहुत ज्यादा फेमस नहीं है और इसी वजह से इसकी असली पहचान आज भी बनी हुई है। अल्मोड़ा शहर के नजदीक ये कस्बा कसार देवी मंदिर के लिए फेमस है। जिन लोगों ने यहाँ पर ध्यान किया है। उन्होंने एक अलग प्रकार की एनर्जी महसूस की, जो उन्होंने कहीं और अनुभव नहीं किया है। अगर आप अंदर की शांति की खोज में हैं तो आप कसार देवी में ध्यान लगाने का वक्त निकालें।
क्या करेंः कसार देवी मंदिर, बिनसर वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी, जंगल की सैर और ट्रेक करें।
दिन 4
स्विट्जरलैंड जैसे सुंदर नजारों और खूबसूरती की वजह से उत्तराखंड के कौसानी को स्विट्जलैंड ऑफ इंडिया कहते हैं। अगर आपको उत्तराखंड की असली खूबसूरती को देखना है तो आपको कौसानी आना चाहिए। ये शहर हिमालय की त्रिशूल, नंदा देवी और पंचाचुली जैसी चोटियो के खूबसूरत नजारे को देखने का मौका देता है।
क्या करेंः रुद्रधारी फाॅल्स, कौसानी के चाय के बागान, अनासक्ति आश्रम और प्रकृति की सैर।
पांचवां दिन
उत्तराखंड में गढ़वाल और कुमाऊँ के बाॅर्डर पर स्थित ग्वालदम उत्तराखंड का छिपा हुआ खजाना है। ग्वालदम में हिमालय के मन मोहने वाले नजारे और चारों तरफ सेब के बागान देखने को मिलते हैं। सुंदर जंगलों से घिरा उत्तराखंड का हिल स्टेशन स्वर्ग जैसा खूबसूरत है। यहाँ पर आप फेमस बाजीनाथ मंदिर देख सकते हैं। किवंदती है कि ये मंदिर रात में बनाया बनाया गया था। अगर ये सच है तो आपके इसके आर्किटेक्चर की प्रशंसा करते हुए नहीं थकेंगे।
क्या देखेंः बाजीनाथ मंदिर, अंगोरा फार्म, मच्ची ताल और बादनगढ़ी मंदिर।
दिन 6
उत्ताराखंड के पिथौरागढ़ को छोटा कश्मीर के नाम से जाना जाता है। पिथौरागढ़ पूर्व में नेपाल और नाॅर्थ में तिब्बत से घिरा हुआ है। एतहासिक महत्व वाला पिथौरागढ़ में आप किला और कपिलेश्वर मंदिर को भी देख सकते हैं। ये शहर झूलाघाट के बहुत नजदीक है जो भारत-नेपाल के बाॅर्डर पर स्थित है। इस जगह से नेपाल के हिमालय का खूबसूरत नजारा दिखाई देता है। इसके अलावा आप पिथौरागढ़ में पाताल भुबनेश्वर मंदिर जा सकते हैं। ये मंदिर हिंदू धर्म में एक फेमस गुफा मंदिर है।
क्या देंखेंः पाताल भुबनेश्वर, चंदख हिल्स, झूलाघाट, पिथौरागढ़ किला, गंगोलीघाट और पंचेश्वर डैम।
दिन 7
आप लोहाघाट में वापस लौटते समय कुछ समय बिता सकते हैं। ये खूबसूरत शहर एबट माउंट का घर है। जिसे पूरे भारत की सबसे डरावनी जगह के लिए जाना जाता है। लोहाघाट का मुक्ति कोठरी कभी एक अस्पताल हुआ करता था जहाँ लोग अपना इलाज कराने के लिए आते थे। आज उनकी आत्माएं इस जगह पर रहती हैं।
क्या देखेंः एबट माउंट चर्च, बाणासुर का किला और एबट माउंट।
आपकी इस यात्रा का आखिरी पड़ाव प्रसिद्ध सिख तीर्थस्थल नानकमत्ता होना चाहिए। ये माना जाता है कि सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देव ध्यान करने के लिए इस जगह पर आए थे। यहाँ गुरुद्वारे में एक झील है। नानकमत्ता में फेमस नानक सागर डैम भी भी है।
क्या देखेंः नानकमत्ता गुरुद्वारा और नानक सागर।
अब किसका इंतजार है? बैगपैक कीजिए, अपना कैमरा रखिए और कार से इस रोमांच भरी यात्रा के लिए निकल पड़िए।
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