
पश्चिम बंगाल जहां एक भीड़ भाड़ की लाइफ तो वहीं बर्फीली पहाड़ व शानदार वातावरण का नज़ारा देखने को मिलता है। पश्चिम बंगाल की वादियां और नजारें किसी को भी अपना दीवाना बना सकते हैं। कलिम्पोंग एक ऐसा हिल स्टेशन है, जहां आपको बंगाल की परम्परा, संस्कृति व खान-पान देखने को मिलेगी। यहां के लोगों में आपको बौद्ध धर्म के प्रति झुकाव और लगन भी देखने को मिलेगा। महाभारत पर्वतमाला के बीच बसा कलिम्पोंग से आप हिमालय पर्वत श्रृंखला के दर्शन होते हैं।
कुछ महत्वपूर्ण स्थान जहां शांति सदभाव का आभास होता है।
*थारपा चोलिंग मठ*
कलिम्पोंग में बौद्ध धर्म के व्यापक स्वरूप को देखा जा सकता है, जहां कई मठों और मंदिरों का घर भी है। केडी प्रधान रोड पर स्थित थारपा चोलिंग मठ ऐसा ही एक आध्यात्मिक स्थान है, जो शांतिप्रिय व आध्यात्मिक लोगों के लिए काफी खास है। इस मठ की वास्तुकला भी काफी शानदार है, जिसे देखने के लिए काफी दूर-दूर से पर्यटक खींचे चले आते हैं। इसके अलावा यहां ज़ोंग डॉग पलरी फो ब्रांग मठ भी स्थित है।


*मॉर्गन हाउस*
मॉर्गन हाउस को एक ब्रिटिश उद्योगपति जॉर्ज मॉर्गन ने साल 1930 में बनवाया था, जो अंग्रेजी हुकूमत के दौर का एक नायाब व खूबसूरत घर है, जिसे बाद में लॉज के रूप में संचालित किया गया है। मॉर्गन दम्पती की कोई संतान न होने के कारण ये घर उनके बाद एक ट्रस्ट और फिर बाद में भारत सरकार के अंतर्गत चला गया। वर्तमान में ये हाउस पश्चिम बंगाल के पर्यटन विभाग के अंतर्गत आता है। यहां रूकने वाले काफी लोगों का कहना है कि यहां उन्हें कई बार अनदेखी परछाई व आवाजें सुनने को मिली है। इस रोचक अनुभव को ले सकते हैं।


*नेओरा वैली नेशनल पार्क*
कलिम्पोंग में स्थित नेओरा वैली नेशनल पार्क बहुत ही खूबसूरत पार्क है, जहा विलुप्त हो चुके लाल पांडा और काला एशियाई भालू देखने को मिलेगा। और इसके अलावा यहां पक्षियों, वनस्पतियों व पेड़-पौधों की कई दुर्लभ प्रजातियां देखने को मिलती है। इस पार्क में स्थित राचेला दर्रा यहां का सबसे ऊंचा स्थान माना जाता है, जो भारत और भूटान के साथ एक सीमा भी बनाता है।


*देओलो हिल*
यह शहर का सबसे ऊंचा व सबसे प्रसिद्ध स्थान है। आप यहां से तीस्ता नदी और शहर के आसपास के गांवों का नज़ारा देखने को मिलेगा। जहां शांत माहौल एहसास होता है। इसी पहाड़ी की चोटी पर एक पार्क भी स्थित है, जो पर्यटकों द्वारा पसंद भी किया जाता है।

