सिरसीः मानसून में जाने के लिए परफेक्ट है कर्नाटक का ये हिल स्टेशन

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Photo of सिरसीः मानसून में जाने के लिए परफेक्ट है कर्नाटक का ये हिल स्टेशन by Musafir Rishabh

मनमोहक हवा, चारों तरफ फैला घना जंगल, दूर-दूर तक दिखते पहाड़, आसमान से गिरता पानी और जब पानी रूके तो तैयार हो जाइए खूबसूरत नजारों को देखने के लिए। कुदरत के बेहतरीन कारीगरी को पेश करता है, कर्नाटक का सिरसी। वैसे तो सिरसी पूरे साल देखने लायक है लेकिन मानसून में ये कुछ अलग ही निखरकर सामने आता है। ये जगह अपने मौसम और बेहिसाब झरनों के लिए फेमस है। आप अगर सिरसी जाएँगे तो यकीनन ये जगह आपका भी मन मोह लेगी।

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कर्नाटक अपने आपमें एक खूबसूरत राज्य है। यहाँ कई शानदार जगहें हैं जिनको देखने टूरिस्ट दूर-दूर से आते हैं। इसी राज्य में खूबसूरत सिरसी भी है जो कर्नाटक के लोगों के लिए वीकेंड में जाने के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है। मध्य काल के भारत में सिरसी को कल्याणापट्टाना कहा जाता था। उस समय ये जगह सोंडा रियासत में आती थी। आज सिरसी खूबसूरत जगह के अलावा एक सुकून भरी जगह है। अगर आप कर्नाटक के नहीं है तो सिरसी के बारे में जानना तो दूर ये नाम ही शायद सुना हो। सिरसी अभी भी लोगों के लिए अनछुआ है। क्यों आपको सिरसी के सफर पर जाना चाहिए ये हम आपको बता देते हैं?

1- उंचल्ली फाॅल्स

पहाड़ों के बीच ऊँचाई से गिरते हुए झरने को देखना हर किसी को अच्छा लगता है। सिरसी के उंचल्ली झरने की खूबसूरती भी कुछ ऐसी ही है। इस वाटरफाॅल को केप्पा जोगा भी कहते हैं। ये वाटरफाॅल सिरसी के बाहर जंगलों के बीचों-बीच स्थित है। जो इस झरने को खूबसूरत और खास बनाता है। यहाँ सुकून भी है और खूबसूरती भी। 380 फीट की ऊँचाई से गिरने वाले इस झरने के पास में ही अघनाशिनी नदी बहती है। आप यहाँ प्रकृति की खूबसूरत छँटा को अपनी आँखों में कैद कर सकते हैं। झरने की आवाज आपके अंदर रोमांच पैदा कर देगी। इसके बावजूद अगर आप शहर के शोर से दूर किसी शांत जगह की खोज में हैं तो उंचल्ली फाॅल्स अच्छी जगह है।

2- मरिकंबा मंदिर

सिरसी झरने, पहाड़ और जंगलों के लिए जाना जाता है। मगर इसके अलावा प्राचीन मंदिरों के लिए भी फेमस है। इन्हीं में से सबसे चर्चित मंदिर है मरिकंबा मंदिर। माँ दुर्गा के इस मंदिर में मरिकंबा मंदिर सिरसी की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली जगह है। इस मंदिर को 17वीं शताब्दी में बनाया गया था। मंदिर में माँ दुर्गा की आठ भुजाओं वाली एक मूर्ति है। यहाँ माँ दुर्गा को रेणुका कहा जाता है और स्थानीय लोग येल्लम्मा के नाम से पूजते हैं। हर साल फरवरी में इस मंदिर में एक फेस्टिवल होता है। उस समय इस मंदिर की छँटा देखते ही बनती है। दूर-दूर से लोग इस फेस्टिवल को देखने आते हैं। अगर आप भी फरवरी में सिरसी जाएँ तो मरिकंबा मंदिर जरूर जाएँ।

3- सहस्त्रलिंग

अगर तुमको पुराने समय की कला को देखना अच्छा लगता है तो सिरसी की एक जगह अपनी बकेट लिस्ट में जोड़ लो, सहस्त्रलिंग। इस जगह पर आपको पत्थर के एक हजार शिवलिंग देखने को मिलेंगे। ये सभी शिवलिंग शालमला नदी के किनारे पर मिल जाएँगे। इन शिवलिंगों के बारे में कहा जाता है कि शिवलिंगों को एक स्थानीय व्यक्ति ने बनाया था। जो भगवान शिव का सबसे बड़ा भक्त था। एक किवदंती ये भी है कि इन शिवलिंगों को 17वीं शताब्दी में यहाँ के राजा सदाशिव राॅय वर्मा के आदेश पर बनाया गया था। कहानी जो भी है ये जगह देखने लायक है। इसलिए कला की बेहतरीन पेशगारी देखने के लिए यहाँ जरूर जाएँ।

4- सोंडा

सिरसी के पास में ही एक गाँव है, सोंडा। जिसका वास्तविक नाम सोंधे है। अगर आप ऐतहासिक जगहों पर जाना पसंद करते हैं तो ये वैसी ही जगह है। सोंडा एक प्रकार से मंदिरों से भरी एक जगह है। जैनियों के सबसे प्रमुख आठ मठ यहीं पर हैं। समुद्र तल से 2,000 मीटर की ऊँचाई पर स्थित ये जगह 16वीं शताब्दी से 18वीं शताब्दी तक बेहद महत्वपूर्ण जगह रही। ये जगह विजयनगर साम्राज्य में आती थी। इन इमारतों से उस समय की नक्काशी और कला के बारे में समझ आता है। अगर आप सिरसी आएँ तो इस जगह को देखा जा सकता है।

5- शिवगंगा फाॅल्स

सिरसी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। सिरसी के आसपास बहुत सारे वाटरफाॅल हैं इन्हीं में से एक है शिवगंगा वाटरफाॅल। 74 मीटर ऊँचा ये वाटरफाॅल सिरसी से 45 किमी. की दूरी पर है। झरना चारों तरफ से घने जंगलों से घिरा हुआ है। दूर-दूर तक फैली ये हरी चादर एक अलग ही दुनिया में ले जाती है। शिवगंगा वाटरफाॅल कर्नाटक के तीन जिलों के बाॅर्डर पर है सिरसी, येल्लापुर और अंकोला। इस वाटरफाॅल में एक छोटी नदी 74 मीटर की ऊँचाई से गिरकर घाटी में बहने लगती है। ये पक्की बात है कि इस नजारे करे देखकर आप खुश हो उठेंगे। यहाँ आप दोस्तों और परिवार के साथ अच्छा समय बिता सकते हैं।

6- बनवासी

क्या आप कभी चौथी शताब्दी के किसी गाव में गए है? अगर नहीं गए हैं तो सिरसी आपको ये मौका देता है। सिरसी से 23 किमी. दूर एक गाँव है, बनवासी। ये चौथी शताब्दी का गाँव है। उस समय ये जगह कदंबा साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी। आप यहाँ उस समय के मंदिर और इमारतों को देख सकते हैं। जिनको देखकर आप उस समय के बारे में थोड़ा बहुत समझ सकते हैं। यहाँ का सबसे फेमस और महत्वपूर्ण मंदिर मधुकेश्वर मंदिर है। इसके चारों तरफ खूबसूतर फाॅर्म और हरे-भरे पेड़ हैं। ये जगह आपको अच्छा फील कराएगी।

7- सथोड़ी फाॅल्स

सिरसी आने का मतलब ही है एक अलग दुनिया में आना। पहाड़ों और जंगलों के बीच सुकून पाना। ये वाटरफाॅल कर्नाटक की अलग दुनिया का अनुभव कराते हैं। सिरसी की अनछुई जगहों में से एक है सथोड़ी फाॅल्स। 50 फीट की ऊँचाई से गिरता ये पानी की आवाज सुनना जितना अच्छा लगता है उतना ही देखने में खूबसूरत है। ये वाटरफाॅल सिरसी कल्लारमराने के बहुत नजदीक हैं। वाटफाॅल से नीचे गिरने के बाद ये पानी काली नदी में मिल जाता है। पिकनिक और ट्रेकिंग के लिए सथोड़ी फाॅल्स परफेक्ट जगह है। ये जगह इतनी खूबसूरत है कि आप यहाँ घंटों बैठ सकते हैं।

सिरसी में और भी जगह हैं जिनको आप देख सकते हैं। मगर ये कुछ खास जगहें हैं जिनको तो आपको जरूर देखना चाहिए।

कब जाएँ?

वैसे तो आप सिरसी आप कभी भी जा सकते हैं लेकिन मानसून के समय ये जगह बहुत खूबसूरत हो जाती है। मौसम भी बेहद प्यारा हो जाता है। उससे भी बड़ी बात ये है कि बारिश के बाद सारे वाटरफाॅल पानी से लबालब हो जाते। जिससे आप उस समय इनकी सही खूबसूरती देख पाएँगे। इसलिए आपको सिरसी अगस्त से अक्टूबर के समय जाना चाहिए। अगर आप सिरसी जाते हैं तो ठहरने में कोई दिक्क्त नहीं आएगी। यहाँ छोटे-बड़े हर प्रकार के होटल आपको मिल जाएँगे। जिसे आप अपने बजट के हिसाब से चुन सकते हो।

कैसे पहुँचे?

सिरसी कर्नाटक के हुबली से 90 किमी. की दूरी पर है। आप यहाँ पर सड़क, रेलवे और हवाई मार्ग किसी से भी आसानी से पहुँच सकते हैं।

फ्लाइट सेः अगर आप फ्लाइट से आना चाहते हैं तो सिरसी के लिए सीधी फ्लाइट नहीं है। सिरसी से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट हुबली है। जहाँ से आप सिरसी बस या टैक्सी बुक करके जा सकते हैं। हुबली से सिरसी पहुँचने में 4 से 5 घंटे का समय लगेगा।

ट्रेन सेः अगर आप सिरसी ट्रेन से जाने की सोच रहे हैं तो सिरसी तक कोई डायरेक्ट ट्रेन नहीं जाती है। सिरसी से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हावेरी है। हावेरी से सिरसी 72 किमी. की दूरी पर है। जहाँ आप सिरसी बस या टैक्सी बुक करके पहुँच सकते हैं।

सड़क मार्ग सेः आप सिरसी सड़क मार्ग से भी जा सकते हैं। अगर आप खुद की गाड़ी से जा रहे हैं तब तो आपको कोई दिक्कत नहीं आएगी। रोड अच्छी स्थिति में है जो आपके सफर को अच्छा बनाएँगे। अगर आप बस से जाना चाहते हैं तो बैंगलोर से बस ले सकते हैं। बैंगालोर से सिरसी की दूरी 398 किमी. दूरी है। बैंगलोर से सिरसी पहुँचने में 8 से 10 घंटे लग सकते हैं।

क्या आपने कभी कर्नाटक के सिरसी की यात्रा की है? अपने सफर का अनुभव यहाँ लिखें।

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