हरिद्वार के प्रसिद्ध घाट जहां स्नान करने से मिट जाता है कई जन्मों का पाप

Tripoto
4th Jan 2021

हरिद्वार के प्रसिद्ध घाट

Photo of हरिद्वार के प्रसिद्ध घाट जहां स्नान करने से मिट जाता है कई जन्मों का पाप by Humans Of Uttarakhand

उत्तराखंड के मैदानी भागों का जिला हरिद्वार अपने प्रसिद्ध घाटों के लिए भी जाना जाता है। वैसे तो गंगा नदी के तटों पर सैकड़ों शहर और हज़ारों गांव बसे हैं, मगर इन सबमें उत्तराखंड के हरिद्वार जिले की तो बात ही अलग है। जहां हर साल लाखों लोगों से लेकर पर्यटक और श्रद्धालु हरिद्वार के प्रसिद्ध घाटों में डुबकी लगाने आते है। हरिद्वार गंगा मां के तटों पर बसी पहली विस्तृत बसावट है।

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विष्णु घाट

Photo of Vishnu Ghat, Haridwar, Uttarakhand, India by Humans Of Uttarakhand

गोमुख (गंगोत्री हिमनद) से 243 किमी की यात्रा करके गंगा नदी हरिद्वार में मैदानी क्षेत्र में प्रथम प्रवेश करती है, इसलिए हरिद्वार को 'गंगाद्वार' और चारधाम (Chardham) का द्वार के नाम से भी जाना जाता है; जिसका अर्थ है वह स्थान जहाँ पर गंगाजी मैदानों में प्रवेश करती हैं। हरिद्वार का अर्थ "हरि (ईश्वर) का द्वार" होता है। जहां का जल आज भी इतना साफ-सुथरा है कि एक स्नान से ही आत्मा तृप्त हो जाती है। हालांकि हिन्दू धर्म की ग्रंथावलियों में इसके महिमा की ख़ासी चर्चा की गई हैं। वहीं हिन्दू धर्म से जुड़े लोगों का मानना है कि हरिद्वार प्रमुख घाटों पर स्नान-ध्यान करने से मनुष्य के सारे पाप कट जाते हैं।

हरिद्वार के प्रसिद्ध घाट :

अगर आप उत्तराखंड आ रहे हैं, तो हरिद्वार के इन प्रमुख प‌वित्र घाटों पर स्नान करना न भूलें। इन घाटों पर रोजाना हजारों श्रद्धालु स्नान और गंगा पूजन करते हैं। मान्यता है कि इन प्रमुख घाटों पर स्नान-ध्यान करने से सारे पाप धुल जाते हैं। हिंदू शास्त्रों के मुताबिक हरिद्वार उत्तराखंड के आध्यात्‍मिक स्‍थानों में शुमार एक पवित्र स्‍थान है।

हर की पौड़ी : हरकी पौड़ी ब्रह्मकुंड घाट के नाम से भी जाना जाता है। रोज शाम महाआरती के दौरान यहां का दृश्य देखने लोग दूर-दूर से आते हैं। यहां स्नान करना बेहद पुण्यकारी माना जाता है। यह हरिद्वार में सबसे खास घाट पाना जाता है। क्योंकि मान्यता है कि यही पर समुंद्र मंथन के दौरान अमृत की बुँदे कलश से छलक कर गिरी थीं। कहा जाता है कि यहाँ पर डुबकी लगाने से करोड़ों जन्मों का पुण्य प्राप्त होता है। और मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।

हरिद्वार के घाट

Photo of Har Ki Pauri, Haridwar, Uttarakhand, India by Humans Of Uttarakhand

विष्णु घाट : विष्णु घाट, हरिद्वार में स्थित अत्यंत पवित्र एवं प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थलों में से एक है। यह वह स्थान है जहां भगवान विष्णु जी ने एक बार स्नान किया था । ऐसा माना जाता है कि इस घाट के पानी में एक बार डुबकी लगाने पर मनुष्य के सारे पाप घुल जाते हैं और यहां पर डुबकी लगाने से मनुष्य को धन की प्राप्ति होती है। हरिद्वार आने वाले श्रद्धालु लोगों द्वारा भगवान विष्णु में अत्यधिक विश्वास के कारण, भक्तों के साथ-साथ पर्यटक इस भूमि पर घाट में डुबकी लेने के लिए जाते हैं।

चंडी घाट : हरिद्वार में वैसे तो तमाम गंगा घाट हैं, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। हरिद्वार का यह घाट एकमात्र ऐसा घाट है जो कि लाल पत्थर से बना है और यहाँ पर बैठकर स्नान करने पर बेहद शांति की अनुभूति होती है। चंडी देवी मंदिर की तलहटी पर बने इस घाट की खूबसूरती पर लाल पत्थर चार चांद लगा देते हैं।

रामघाट: कहा जाता है कि भगवान राम जी ने रावण का वध करते के आद इसी घाट पर बरह्म हत्या से दोष से मुक्ति पाने के लिए तपस्या की थी। मान्यता यह है कि इस घाट पर स्नान करने से बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद तो मिलता ही है। साथ ही साथ व्यक्ति को मान सम्मान की प्राप्ति भी होती है।

कुशावर्त घाट: यह वह जगह है जहां बारामासी श्राद्ध किए जाते हैं। कहा जाता है कि इसी घाट पर पांडवों और भगवान राम जी ने अपने पितरों का पिंडदान किया था। इसीलिए यहां पर स्नान करने से पितरों को शांति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। हरिद्वार का कुशवार्ता घाट मराठा रानी अहिल्याबाई द्वारा बनवाया गया था। एक किंवदंति है कि यह घाट दत्तात्रेय से संबंधित है जो एक महान संत थे। वह अक्सर इस घाट पर ध्यान करते थे। यह भी माना जाता है कि एक हजार साल तक दत्तात्रेय ने इस घाट पर एक पैर पर खड़े होकर तपस्या की थी।

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